करसोग: उपमंडल करसोग में सड़को की खस्ता हालत ने सरकार द्वारा किए जा रहे विकास के दावों की पोल खोल कर रख दी है. लोक निर्माण विभाग के कार्यालय से कुछ दूरी पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana) के तहत निर्मित नेहरा वाया भंडारणु सड़क (Naira via Bhandara Road in karsog) विभाग की लापरवाही का शिकार हुई है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत करीब 15 साल पहले इस सड़क का निर्माण हुआ था. लेकिन निर्माण के बाद से विभाग ने कभी भी सड़क की सुध नहीं ली. जिससे साल दर साल सड़क की हालत और खराब हो गई. वहीं, सड़क की खराब हालते से स्थानीय लोग काफी रोष हैं. लोगों ने सड़क की हालत न सुधारे जाने पर विभाग को आंदोलन की चेतावनी दी है.
स्थानीय निवासी रित्विक शर्मा ने बताया कि 15 साल पहले प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत नैहरा वाया भंडारणु सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया गया था. लेकिन एक बार कार्य पूरा होने के बाद विभाग ने सड़क की कोई सुध नहीं ली. जिस पर स्थानीय जनता ने विरोध जताते हुए टारिंग किए जाने की मांग की थी. हैरानी की बात यह है कि दबाव पड़ने पर कई सालों बाद विभाग ने 1 किलोमीटर तक टारिंग करने के बाद करीब 2 किलोमीटर बची सड़क को मरम्मत के बिना ही छोड़ दिया था. जिस कारण अब जनता सड़क पर पड़े गढ्ढों में ठोकरें खाने को मजबूर है.
उन्होंने कहा कि नैहरा वाया भंडारणु सड़क निर्माण के लिए स्थानीय जनता ने लाखों के मूल्य की कृषि योग्य भूमि भी विभाग के नाम की थी. ताकि लोगों को घर द्वार पर सड़क सुविधा का लाभ मिल सके. लेकिन सुविधा मिलना तो दूर विभाग की लापरवाही से लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. बता दें कि इन दिनों बरसात के मौसम में हालात और भी खराब हो गई हैं. नालियों का रखरखाव न होने से पानी सड़क पर पड़े गड्ढों में जमा हो गया हैं. ऐसे में राहगीरों का सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है. यही नहीं गढ्ढों की वजह से गाड़ियों को भी नुकसान हो रहा रहा. जिसकी शिकायत लोग स्थानीय जनप्रतिनिधि से कई बार कर चुके हैं. लेकिन लोगों की समस्या से बेखबर लोक निर्माण विभाग की नींद अभी तक नहीं टूटी है.
उन्होंने कहा कि सड़क की खराब हालते के चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर समय रहते सड़क की मरम्मत नहीं की गई तो जनता सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने के लिए मजबूर होगी. वहीं, करसोग सब डिवीजन के सहायक (Sub Division Assistant of Karsog) अभियंता छविंद्र शर्मा का कहना है कि टारिंग का बजट एक किलोमीटर का ही था. ऐसे में बची हुई सड़क की टारिंग अगला बजट आने पर जल्द की जाएगी.