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शांशा पुल पर रोकी गई वाहनों की आवाजाही, नाले में आए उफान से हो सकता है खतरा

लाहौल स्पीति के उदयपुर उपमंडल (Udaipur sub division of Lahaul Spiti district) के तहत शांशा नाले में जलस्तर बढ़ने के कारण वाहनों की आवाजाही को बंद कर दिया गया है. मार्ग बंद होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है. दरअसल पिछले साल जुलाई में जाहलमा, शांशा और तोजिग नाला में बाढ़ आने से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ था. ऐसे में ऐहतियात के तौर पर बीआरओ के अधिकारियों ने नाले में उपान आने के कारण इस मार्ग को बंद कर दिया है.

water level increased in Shansha nala
शंशा नाला में बढ़ा जलस्तर
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Published : Jul 2, 2022, 10:25 PM IST

लाहौल स्पीति: लाहौल स्पीति जिले के उदयपुर उपमंडल के तहत शांशा नाले में शनिवार शाम के समय एक बार फिर से उफान (water level increased in Shansha nala) आ गया है, जिसके चलते बीआरओ के अधिकारियों ने नाले से वाहनों की आवाजाही को पूरी तरह से बंद कर दिया है. बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि नाले में आए उफान से पुल कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकता है. जिसके चलते यहां पर वाहनों की आवाजाही को फिलहाल बंद कर दिया गया है.

बता दें कि पिछले वर्ष भी जुलाई में जाहलमा, शांशा और तोजिग नाला में बाढ़ आने से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ था. इस बाढ़ में शांशा पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया था. अब एक साल बाद फिर शनिवार को शांशा नाले ने बाढ़ जैसा भयानक रूप ले लिया. पुल खतरे की जद में आ गया है.

किसानों की बढ़ी परेशानी: इन दिनों पट्टन घाटी में मटर सहित सब्जी का सीजन जोरों से चल रहा है. शांशा नाले के रौद्र रूप ने सभी की चिंता में डाल दिया है. बाढ़ से पुल को नुकसान हुआ है और बीआरओ ने पुल से वाहनों की आवाजाही को रोक दिया है. उदयपुर उपमंडल की मयाड़ घाटी में ग्लेशियर पिघलने लगे हैं. इससे नालों में अचानक बाढ़ आने लगी है. ऐसे में घाटी के लोग सहम गए हैं.

चंद्रभागा नदी के साथ नालों का जलस्तर उफान पर: उदयपुर के करपट घोट नाला, शकोली नाला और चांगुट के भिंगी नाले में शनिवार को बाढ़ आने से मलबा ग्रामीणों के खेतों में पानी घुस गया और सड़क को भी नुकसान पहुंचा है. इसके कारण संपर्क मार्गों पर यातायात भी बाधित रहा. घाटी में बिना बारिश से ही नालों में जलस्तर बढ़ने से आ रही बाढ़ से लोग चिंतित हो गए हैं. बताया जा रहा है कि घाटी में बढ़ते तापमान के कारण ग्लेशियर तेजी से पिघलने लगे हैं और इसी कारण से चंद्रभागा नदी के साथ नालों का जलस्तर उफान पर पहुंच गया है.

स्थानीय लोगों और सैलानियों से नदी-नालों के पास न जाने की अपील: उदयपुर के उपमंडलाधिकारी निशांत तोमर ने बताया कि ग्लेशियरों के पिघलने से नालों का जलस्तर एकाएक बढ़ रहा है. हालांकि किसी तरह का कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है. सड़क को नुकसान हुआ है और यातायात प्रभावित हो गया था. अब लोक निर्माण विभाग ने यातायात को बहाल कर दिया है. अभी तक लोगों के खेतों को नुकसान होने की जानकारी नहीं मिली है. बावजूद इसके राजस्व विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों को जायजा लेकर रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह नदी-नालों के आसपास न जाएं और सैलानियों को भी इसके लिए जागरूक करें.

लाहौल स्पीति: लाहौल स्पीति जिले के उदयपुर उपमंडल के तहत शांशा नाले में शनिवार शाम के समय एक बार फिर से उफान (water level increased in Shansha nala) आ गया है, जिसके चलते बीआरओ के अधिकारियों ने नाले से वाहनों की आवाजाही को पूरी तरह से बंद कर दिया है. बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि नाले में आए उफान से पुल कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकता है. जिसके चलते यहां पर वाहनों की आवाजाही को फिलहाल बंद कर दिया गया है.

बता दें कि पिछले वर्ष भी जुलाई में जाहलमा, शांशा और तोजिग नाला में बाढ़ आने से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ था. इस बाढ़ में शांशा पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया था. अब एक साल बाद फिर शनिवार को शांशा नाले ने बाढ़ जैसा भयानक रूप ले लिया. पुल खतरे की जद में आ गया है.

किसानों की बढ़ी परेशानी: इन दिनों पट्टन घाटी में मटर सहित सब्जी का सीजन जोरों से चल रहा है. शांशा नाले के रौद्र रूप ने सभी की चिंता में डाल दिया है. बाढ़ से पुल को नुकसान हुआ है और बीआरओ ने पुल से वाहनों की आवाजाही को रोक दिया है. उदयपुर उपमंडल की मयाड़ घाटी में ग्लेशियर पिघलने लगे हैं. इससे नालों में अचानक बाढ़ आने लगी है. ऐसे में घाटी के लोग सहम गए हैं.

चंद्रभागा नदी के साथ नालों का जलस्तर उफान पर: उदयपुर के करपट घोट नाला, शकोली नाला और चांगुट के भिंगी नाले में शनिवार को बाढ़ आने से मलबा ग्रामीणों के खेतों में पानी घुस गया और सड़क को भी नुकसान पहुंचा है. इसके कारण संपर्क मार्गों पर यातायात भी बाधित रहा. घाटी में बिना बारिश से ही नालों में जलस्तर बढ़ने से आ रही बाढ़ से लोग चिंतित हो गए हैं. बताया जा रहा है कि घाटी में बढ़ते तापमान के कारण ग्लेशियर तेजी से पिघलने लगे हैं और इसी कारण से चंद्रभागा नदी के साथ नालों का जलस्तर उफान पर पहुंच गया है.

स्थानीय लोगों और सैलानियों से नदी-नालों के पास न जाने की अपील: उदयपुर के उपमंडलाधिकारी निशांत तोमर ने बताया कि ग्लेशियरों के पिघलने से नालों का जलस्तर एकाएक बढ़ रहा है. हालांकि किसी तरह का कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है. सड़क को नुकसान हुआ है और यातायात प्रभावित हो गया था. अब लोक निर्माण विभाग ने यातायात को बहाल कर दिया है. अभी तक लोगों के खेतों को नुकसान होने की जानकारी नहीं मिली है. बावजूद इसके राजस्व विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों को जायजा लेकर रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह नदी-नालों के आसपास न जाएं और सैलानियों को भी इसके लिए जागरूक करें.

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