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किन्नौर में थमा बर्फबारी का दौर, माइनस में पहुंचा तापमान

जिला किन्नौर में बर्फबारी का दौर थम गया (Snowfall stopped in kinnaur) है. जिले में बर्फबारी से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. कई सड़क संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, साथ ही बिजली और पानी की आपूर्ति भी बाधित (Problems Due Snow in Kinnaur) है. लोगों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

Snowfall stopped in kinnaur
किन्नौरी में बर्फबारी रुकी
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Published : Feb 5, 2022, 10:14 AM IST

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में दो दिनों से लगातार हो रही बर्फबारी के बाद आज शनिवार को मौसम सुहावना हो (Snowfall stopped in kinnaur) गया है, हालांकि आसमान में अभी भी हल्के-हल्के बादल छाए हुए है. लगातार बर्फबारी के चलते तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. पारा माइनस 18 से 20 डिग्री तक लुढ़क गया है. भीषण ठंड के चलते लोग घरों में दुबके हुए हैं. ठंड से बचने के लोग गर्म कपड़े, हीटर और अलाव का सहारा ले रहे हैं.

बर्फबारी के बाद बागवानों के चेहरे खिल गए है. जिले में बर्फबारी से अब सेब के बगीचों में चिलिंग ऑवर्स का समय भी पूरा हुआ है. जहां एक ओर यह बर्फ बागवानों के लिए वरदान साबित (Problems Due Snow in Kinnaur) हुई है, वहीं दूसरी तरफ जिले के लोगों के लिए यह बर्फ भारी पड़ रही है. बर्फबारी के कारण जल स्त्रोत भी जम गए हैं, जिससे लोगों को पानी की समस्या से दो-चार होना पड़ (drinking water problem in kinnaur) रहा है.

जिले में अत्यधिक बर्फबारी के बाद पहाड़ों से गलेशियर के साथ भूस्खलन का खतरा भी बढ़ जाता (Roads closed in kinnaur after snowfall) है. ऐसे में जिला प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने और बिना वजह घर से नहीं निकलने की अपील की है.

डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि जिले में बर्फबारी के (SNOWFALL IN KINNAUR) चलते गलेशियर टूटने का खतरा बना हुआ है. डीसी किन्नौर ने (snowfall Alert in Kinnaur) जिलावासियों से अपील की है कि बर्फबारी के दौरान सफर न करें. बर्फबारी के समय भूस्खलन और ग्लेशियर टूटने का खतरा रहता है ऐसे में सभी को सावधानी बरतना जरूरी है, ताकि कोई हादसा न हो.

ये भी पढ़ें: शिमला में बर्फ'भारी', आज सरकारी दफ्तरों में अवकाश...अधिसूचना जारी

किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में दो दिनों से लगातार हो रही बर्फबारी के बाद आज शनिवार को मौसम सुहावना हो (Snowfall stopped in kinnaur) गया है, हालांकि आसमान में अभी भी हल्के-हल्के बादल छाए हुए है. लगातार बर्फबारी के चलते तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. पारा माइनस 18 से 20 डिग्री तक लुढ़क गया है. भीषण ठंड के चलते लोग घरों में दुबके हुए हैं. ठंड से बचने के लोग गर्म कपड़े, हीटर और अलाव का सहारा ले रहे हैं.

बर्फबारी के बाद बागवानों के चेहरे खिल गए है. जिले में बर्फबारी से अब सेब के बगीचों में चिलिंग ऑवर्स का समय भी पूरा हुआ है. जहां एक ओर यह बर्फ बागवानों के लिए वरदान साबित (Problems Due Snow in Kinnaur) हुई है, वहीं दूसरी तरफ जिले के लोगों के लिए यह बर्फ भारी पड़ रही है. बर्फबारी के कारण जल स्त्रोत भी जम गए हैं, जिससे लोगों को पानी की समस्या से दो-चार होना पड़ (drinking water problem in kinnaur) रहा है.

जिले में अत्यधिक बर्फबारी के बाद पहाड़ों से गलेशियर के साथ भूस्खलन का खतरा भी बढ़ जाता (Roads closed in kinnaur after snowfall) है. ऐसे में जिला प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने और बिना वजह घर से नहीं निकलने की अपील की है.

डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि जिले में बर्फबारी के (SNOWFALL IN KINNAUR) चलते गलेशियर टूटने का खतरा बना हुआ है. डीसी किन्नौर ने (snowfall Alert in Kinnaur) जिलावासियों से अपील की है कि बर्फबारी के दौरान सफर न करें. बर्फबारी के समय भूस्खलन और ग्लेशियर टूटने का खतरा रहता है ऐसे में सभी को सावधानी बरतना जरूरी है, ताकि कोई हादसा न हो.

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