कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के क्षेत्रीय अस्पताल में बीते 18 जून शनिवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 100 बिस्तरों की क्षमता वाले मातृ एवं शिशु खंड के भवन का उद्घाटन तो कर दिया, लेकिन उद्घाटन करने के बाद से ही अब तक इस भवन पर ताला लटका हुआ है. कारण यह है कि इस भवन के लिए ना तो शिशु रोग विशेषज्ञ है और ना ही अन्य स्टाफ. ऐसे में करोड़ों रुपए के आलीशान भवन को चलाने के लिए सरकार द्वारा पहले कोई व्यवस्था नहीं की गई और आनन-फानन में इसका उद्घाटन कर दिया गया. जिसका खामियाजा कुल्लू की जनता को भुगतना पड़ रहा है.
उद्घाटन करने से पहले सरकार 100 बिस्तरों वाले मातृ एवं शिशु अस्पताल के लिए डॉक्टरों की तैनाती करना भूल गई. कुल्लू अस्पताल में गायनी विशेषज्ञ डॉक्टर मात्र एक है और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर तो यहां पर एक भी नहीं है. ऐसे कैसे इस आलीशान भवन में मातृ एवं शिशुओं (Maternal and Child Health Section at Kullu Hospital) को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा, यह एक चिंता का विषय है. हैरानी की बात यह है कि सरकार ने बिना विशेषज्ञ डॉक्टरों के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य खंड का उद्घाटन कर दिया है. पहले ही शिशु रोग और गायनी विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी से प्रदेश के चार जिलों के लोग परेशान हैं.
वहीं, स्थानीय जनता का कहना है कि सरकार ने अपने विकास को बेहतरीन बनाने के लिए मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य खंड का उद्घाटन तो कर दिया, लेकिन डॉक्टरों की भर्ती हो न हो, इससे सरोकार नहीं है. सिर्फ विकास का राग अलापने के लिए धड़ाधड़ उद्घाटन सरकार द्वारा किए जा रहे हैं. वहीं, उन्होंने कहा कि पिछले लंबे समय से जो क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में महिला विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी चल रही है, उसके बारे में सरकार लोगों को आश्वासन ही देती रही है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार इस ओर ध्यान दे और अस्पताल में चिकित्सकों के खाली पड़े पदों को जल्द भरे.
बता दें कि, बीते शनिवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 12.95 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू के 100 बिस्तर क्षमता के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य खंड का शुभारंभ किया है. इसमें एनआईसीयू, लेबर रूम, गायनी आदि वार्ड होंगे. यही नहीं मातृ एवं शिशु ब्लॉक में आक्सीजन प्लांट भी स्थापित किया है. लेकिन शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं होने से कैसे यह ब्लॉक चलेगा, यह चिंता का विषय है.
स्थानीय महिला ममता नेगी का कहना है कि यहां पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को (Shortage of doctors in Regional Hospital Kullu) लेकर लगातार प्रदर्शन भी हुए लेकिन उसके बाद भी सरकार नहीं जागी. सरकार ने जल्दबाजी में भवन का उद्घाटन तो कर दिया लेकिन यहां स्टाफ को तैनात करना भूल गई. अगर स्टाफ ही नहीं है तो ऐसे में इस बड़ी बिल्डिंग का मरीज भी क्या करेंगे. यह भी एक सोचने का विषय है.
वहीं, आम आदमी पार्टी के जिला प्रभारी सुरेश नेगी का कहना है कि सरकार सिर्फ वादों में ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने की बात कर रही है. इसका जीता जागता प्रमाण कुल्लू का अस्पताल है. सरकार को ऐसी भी क्या जल्दी थी कि बिना स्टाफ के ही इस भवन का उद्घाटन कर दिया गया. आज उद्घाटन के इतने दिन बाद भी यहां पर ताला लटका हुआ है और करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी मरीजों को इसका कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है. वहीं, स्वास्थ विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चंद्र शर्मा का कहना है कि डॉक्टरों की कमी के बारे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है. जल्द ही यहां पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती भी की जाएगी.
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