कुल्लू: केंद्र सरकार के द्वारा 2022-23 का वार्षिक बजट (union budget 2022) पेश कर दिया गया है. इस बजट में कृषि व बागवानी में नई आधुनिक तकनीकों के लिए भी बजट का प्रावधान किया गया है. जिससे देश भर के किसानों को इसका लाभ मिलेगा. कुल्लू में भी किसानों ने केंद्रीय बजट की सराहना की और कहा कि प्राकृतिक खेती (natural farming in himachal) के माध्यम से लोगों का स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा.
केंद्र सरकार के द्वारा वार्षिक बजट में (Kullu People reaction on budget) कृषि के क्षेत्र में किसानों को डिजिटल और हाईटेक सेवाएं प्रदान करने के लिए पीपीपी मॉडल में योजना की शुरुआत करने, जीरो बजट खेती और प्राकृतिक खेती, आधुनिक कृषि, मूल्य संवर्धन और प्रबंधन पर जोर देने की बात कही है. वहीं, वर्ष 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया और रबी 2021-22 में 163 लाख किसानों से 1208 मीट्रिक टन गेहूं और धान खरीद का प्रावधान रखा गया है.
वहीं, किसानों को प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए, राज्य सरकारों और एमएसएमई की भागीदारी के लिए व्यापक पैकेज पेश करने और स्थानीय आबादी को सिंचाई, खेती और आजीविका की सुविधा प्रदान करने का फैसला लिया गया है.
बता दें कि हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले आर्थिक मामलों के जानकार राजीव सूद (ECONOMIC AFFAIRS EXPERT RAJIV SOOD) ने इसे ग्रोथ ओरिएंटेड बजट बताया है. उन्होंने कहा कि इस बजट में इनकम टैक्स के स्लैब में कोई चेंज नहीं हुआ है. बजट के माध्यम से एक रोडमैप बनाने की तैयारी की गई है. ट्रांसपोर्ट माध्यमों को भी विस्तार दिया गया है.
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