कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में अब 2 माह के बाद एक बार फिर से साहसिक गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं. प्रदेश सरकार के निर्देशों के चलते 15 जुलाई से यह सभी गतिविधियां बंद पड़ी हुई थी. जिसके चलते प्रदेश में आने वाले सैलानियों को न तो रिवर राफ्टिंग का आनंद मिल पा रहा था और न ही वह पैराग्लाइडिंग कर पा रहे थे. अब साहसिक गतिविधियां शुरू होने से पर्यटन स्थलों पर भी रौनक नजर आएगी.
प्रदेश के साहसिक पर्यटन के केंद्र कुल्लू में रिवर राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग करने वाले पर्यटक अब कुल्लू मनाली में आकर इन खेलों का आनंद ले सकते हैं. प्रतिबंध लगने से ब्यास नदी में रिवर राफ्टिंग के प्वाइंट रायसन, बबेली, पीरड़ी में जबकि पैराग्लाइडिंग के लिए मशहूर सोलंगनाला, मढ़ी व डोभी में वीरानगी छा गई थी. अब प्रतिबंध हटते ही दोबारा इन स्थलों पर चहल-पहल लौटेगी. साथ ही घाटी में बंद पड़े पर्यटन कारोबार को भी गति मिलेगी.
रिवर गाइड वरुण ठाकुर ने बताया कि रिवर राफ्टिंग के शुरू होने से हमें उम्मीद जग गई है. ऐसे में अगर कोरोना की बंदिशें कम हो जाएं तो पर्यटन गतिविधियों को गति मिलेगी. वरुण ने बताया कि अक्टूबर और नवंबर के लिए इस बार एडवांस बुकिग शुरू हो गई है. वहीं, कोविड नियमों का पालन करते हुए राफ्टिंग शुरू की जाएगी और पैराग्लाइडिंग करने वालों के लिए भी पर्यटकों ने संपर्क करना शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि इन दोनों कारोबार से घाटी के पांच हजार से अधिक युवा जुड़े हुए हैं.
रिवर गाइड वरुण का कहना है कि दो माह के बाद अब फिर से पर्यटक रिवर राफ्टिंग के लिए संपर्क करने में जुट गए हैं. रिवर राफ्टिंग के कारोबार से अब घरों में बेरोजगार बैठे युवाओं को भी रोजगार मिलना शुरू हो गया है. वहीं, गुजरात से आए पर्यटक का कहना है कि कोरोना की बंदिशों के चलते वे अपने घरों में ही कैद थे. अब कोरोना की बंदिशें कम हो रही हैं ऐसे में वे पर्यटक स्थलों का भी रुख कर रहे हैं. वहीं, रिवर राफ्टिंग व पैराग्लाइडिंग का भी मजा कुल्लू आने पर उन्हें मिल रहा है.
वहीं, जिला पर्यटन विकास अधिकारी राजेश भंडारी का कहना है कि 2 माह की बंदिशों के बाद एक बार फिर से रिवर राफ्टिंग व पैराग्लाइडिंग शुरू हो गई है, लेकिन सभी ऑपरेटरों को साहसिक खेलों के लिए कोरोना नियमों का पालन भी करना होगा, ताकि सुरक्षित तरीके से पर्यटक इसका आनंद ले सकें.
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