कुल्लू: भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए गुरुवार को प्रदेश भर में की गई मेगा मॉक ड्रिल के तहत जिला में भी राहत व बचाव कार्यों का अभ्यास किया गया. जिला मुख्यालय कुल्लू में सुबह 8 बजे अचानक जिला आपातकालीन संचालन केंद्र (डीईओसी) का सायरन बजा और बचाव कार्यों का अभ्यास किया गया.
डीसी ऋचा वर्मा ने बताया कि मेगा मॉक ड्रिल में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मंडी जिले के सुंदरनगर में 8 की तीव्रता वाले भूकंप का परिदृश्य सुझाया था और इस परिदृश्य के अनुसार जिले में भी भारी नुकसान की आशंका व्यक्त की थी. उन्होंने बताया कि इसी परिदृश्य के अनुसार शहर के घनी आबादी वाले क्षेत्र अखाड़ा बाजार और चामुंडानगर में रमणीक होटल के आस-पास के क्षेत्रों में कई भवनों के ध्वस्त होने व बेली पुल के क्षतिग्रस्त होने से फंसे लोगों को बाहर निकालने का अभ्यास कराया गया.
उपायुक्त ने बताया कि शहर के अलावा मनाली, बंजार और आनी के घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी राहत व बचाव कार्यों का अभ्यास किया गया है. लगभग साढे तीन घंटे की मॉक ड्रिल के बाद उपायुक्त ने डीईओसी में सभी नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की और फीडबैक लिया.
बता दें कि भारी नुकसान को देखते हुए राहत व बचाव कार्यों को सुनियोजित ढंग से अंजाम देने के लिए ढालपुर मैदान में स्टेजिंग एरिया व विशाल कैंप स्थापित किया गया. कैंप में पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के अधिकारियों-कर्मचारियों के अलावा विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के कार्यकर्ता भी अपने-अपने संसाधनों सहित ढालपुर मैदान पहुंचे.
एडीएम अक्षय सूद के नेतृत्व में स्टेजिंग एरिया से ही राहत व बचाव कार्य संचालित किए गए, जबकि उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा ने डीईओसी से इन कार्यों की निरंतर निगरानी की और जिले भर से प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए.
उपायुक्त और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कोर ग्रुप के अन्य अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को मेगा मॉक ड्रिल की विस्तृत रिपोर्ट दी.