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...जब अचानक बजा सायरन अधिकारियों में मची हड़कंप, राहत और बचाव कार्य के लिए हुई मॉक ड्रिल - दमकल विभाग

जिला मुख्यालय कुल्लू में सुबह 8 बजे अचानक जिला आपातकालीन संचालन केंद्र (डीईओसी) का सायरन बजा और बचाव कार्यों का अभ्यास किया गया.

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Published : Jul 11, 2019, 6:38 PM IST

कुल्लू: भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए गुरुवार को प्रदेश भर में की गई मेगा मॉक ड्रिल के तहत जिला में भी राहत व बचाव कार्यों का अभ्यास किया गया. जिला मुख्यालय कुल्लू में सुबह 8 बजे अचानक जिला आपातकालीन संचालन केंद्र (डीईओसी) का सायरन बजा और बचाव कार्यों का अभ्यास किया गया.

डीसी ऋचा वर्मा ने बताया कि मेगा मॉक ड्रिल में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मंडी जिले के सुंदरनगर में 8 की तीव्रता वाले भूकंप का परिदृश्य सुझाया था और इस परिदृश्य के अनुसार जिले में भी भारी नुकसान की आशंका व्यक्त की थी. उन्होंने बताया कि इसी परिदृश्य के अनुसार शहर के घनी आबादी वाले क्षेत्र अखाड़ा बाजार और चामुंडानगर में रमणीक होटल के आस-पास के क्षेत्रों में कई भवनों के ध्वस्त होने व बेली पुल के क्षतिग्रस्त होने से फंसे लोगों को बाहर निकालने का अभ्यास कराया गया.

उपायुक्त ने बताया कि शहर के अलावा मनाली, बंजार और आनी के घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी राहत व बचाव कार्यों का अभ्यास किया गया है. लगभग साढे तीन घंटे की मॉक ड्रिल के बाद उपायुक्त ने डीईओसी में सभी नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की और फीडबैक लिया.

राहत और बचाव कार्य के लिए हुई मॉक ड्रिल

बता दें कि भारी नुकसान को देखते हुए राहत व बचाव कार्यों को सुनियोजित ढंग से अंजाम देने के लिए ढालपुर मैदान में स्टेजिंग एरिया व विशाल कैंप स्थापित किया गया. कैंप में पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के अधिकारियों-कर्मचारियों के अलावा विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के कार्यकर्ता भी अपने-अपने संसाधनों सहित ढालपुर मैदान पहुंचे.
एडीएम अक्षय सूद के नेतृत्व में स्टेजिंग एरिया से ही राहत व बचाव कार्य संचालित किए गए, जबकि उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा ने डीईओसी से इन कार्यों की निरंतर निगरानी की और जिले भर से प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए.

उपायुक्त और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कोर ग्रुप के अन्य अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को मेगा मॉक ड्रिल की विस्तृत रिपोर्ट दी.

कुल्लू: भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए गुरुवार को प्रदेश भर में की गई मेगा मॉक ड्रिल के तहत जिला में भी राहत व बचाव कार्यों का अभ्यास किया गया. जिला मुख्यालय कुल्लू में सुबह 8 बजे अचानक जिला आपातकालीन संचालन केंद्र (डीईओसी) का सायरन बजा और बचाव कार्यों का अभ्यास किया गया.

डीसी ऋचा वर्मा ने बताया कि मेगा मॉक ड्रिल में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मंडी जिले के सुंदरनगर में 8 की तीव्रता वाले भूकंप का परिदृश्य सुझाया था और इस परिदृश्य के अनुसार जिले में भी भारी नुकसान की आशंका व्यक्त की थी. उन्होंने बताया कि इसी परिदृश्य के अनुसार शहर के घनी आबादी वाले क्षेत्र अखाड़ा बाजार और चामुंडानगर में रमणीक होटल के आस-पास के क्षेत्रों में कई भवनों के ध्वस्त होने व बेली पुल के क्षतिग्रस्त होने से फंसे लोगों को बाहर निकालने का अभ्यास कराया गया.

उपायुक्त ने बताया कि शहर के अलावा मनाली, बंजार और आनी के घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी राहत व बचाव कार्यों का अभ्यास किया गया है. लगभग साढे तीन घंटे की मॉक ड्रिल के बाद उपायुक्त ने डीईओसी में सभी नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की और फीडबैक लिया.

राहत और बचाव कार्य के लिए हुई मॉक ड्रिल

बता दें कि भारी नुकसान को देखते हुए राहत व बचाव कार्यों को सुनियोजित ढंग से अंजाम देने के लिए ढालपुर मैदान में स्टेजिंग एरिया व विशाल कैंप स्थापित किया गया. कैंप में पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के अधिकारियों-कर्मचारियों के अलावा विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के कार्यकर्ता भी अपने-अपने संसाधनों सहित ढालपुर मैदान पहुंचे.
एडीएम अक्षय सूद के नेतृत्व में स्टेजिंग एरिया से ही राहत व बचाव कार्य संचालित किए गए, जबकि उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा ने डीईओसी से इन कार्यों की निरंतर निगरानी की और जिले भर से प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए.

उपायुक्त और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कोर ग्रुप के अन्य अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को मेगा मॉक ड्रिल की विस्तृत रिपोर्ट दी.

Intro:कुल्लू
सुबह 8ः32 पर सायरन बजा और बचाव के लिए दौड़ पड़े अफसर
कुल्लू जिले में भी भूकंप से बचाव को लेकर की गई मेगा माॅक ड्रिलBody:
भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए वीरवार को प्रदेश भर में की गई मेगा माॅक ड्रिल के तहत कुल्लू जिला में भी राहत व बचाव कार्यों का अभ्यास किया गया। जिला मुख्यालय कुल्लू में सुबह करीब 8 बजकर 32 मिनट पर अचानक जिला आपातकालीन संचालन केंद्र (डीईओसी) का सायरन बजा। इसके बजते ही उपायुक्त डा. ऋर्चा वर्मा, एसपी गौरव सिंह तथा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कोर गु्रप के अन्य अधिकारी तुरंत डीईओसी की ओर दौड़ पड़े। यह सायरन प्रदेशव्यापी मेगा माॅक ड्रिल के लिए सुझाए गए भूकंप के परिदृश्य से संबंधित चेतावनी का था।
डीईओसी में संक्षिप्त बैठक में उपायुक्त ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और जिले के विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त नुक्सान की सूचना के अनुसार बचाव दल रवाना किए गए। भारी नुक्सान को देखते हुए तथा राहत व बचाव कार्यों को सुनियोजित ढंग से अंजाम देने के लिए ढालपुर मैदान में स्टेजिंग एरिया तथा विशाल कैंप स्थापित किया गया। विभिन्न विभागों, पुलिस, होमगाड्र्स, अग्निशमन और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के अधिकारियों-कर्मचारियों के अलावा विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में अपने-अपने संसाधनों सहित ढालपुर मैदान पहुंचे। एडीएम अक्षय सूद के नेतृत्व में स्टेजिंग एरिया से ही राहत व बचाव कार्य संचालित किए, जबकि उपायुक्त डा. ऋचा वर्मा ने डीईओसी से इन कार्यों की निरंतर निगरानी की तथा जिले भर से प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए।
उन्होंने बताया कि मेगा माॅक ड्रिल में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मंडी जिले के सुंदरनगर में 8 की तीव्रता वाले भूकंप का परिदृश्य सुझाया था और इस परिदृश्य के अनुसार कुल्लू जिले में भी भारी नुक्सान की आशंका व्यक्त की गई थी। इसी परिदृश्य के अनुसार कुल्लू शहर के घनी आबादी वाले क्षेत्र अखाड़ा बाजार और चामुंडानगर में रमणीक होटल के आस-पास के क्षेत्रों में कई भवनों के ध्वस्त होने तथा अखाड़ा बाजार के बेली पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण फंसे लोगों को बाहर निकालने का अभ्यास किया गया। इस बचाव कार्य में होमगाड्र्स, अग्निशमन, पुलिस और आईटीबीपी के जवानों के अलावा नेहरू युवा केंद्र, एनएसएस व अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के वालंटियरों, रिवर राफ्टरों तथा स्थानीय लोगों ने भी भाग लिया। मलबे में फंसे लोगों को निकालकर ढालपुर मैदान में स्थापित शिविर में पहुंचाया गया।
उपायुक्त ने बताया कि कुल्लू शहर के अलावा मनाली, बंजार और आनी के घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी राहत व बचाव कार्यों का अभ्यास किया गया। लगभग साढे तीन घंटे की माॅक ड्रिल के बाद उपायुक्त ने डीईओसी में सभी नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की तथा राहत व बचाव कार्यों से संबंधित आवश्यक फीडबैक लिया। माॅक ड्रिल के लिए विशेष रूप से आॅब्जर्वर के रूप में तैनात लैफ्टिनेंट सतविंदर सिंह ने भी अपना फीड बैक दिया।
Conclusion:दोपहर बाद ढाई बजे उपायुक्त और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कोर गु्रप के अन्य अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को मेगा माॅक ड्रिल की विस्तृत रिपोर्ट दी। इस दौरान जिला के अधिकारियों और सेना के आॅब्जर्वर ने अपने महत्वपूर्ण अनुभव साझा किए।
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