कुल्लू: जिले के आनी उपमंडल के युवा अमन (kullu bodybuilder aman) ने बॉडी बिल्डिंग के जुनून को स्टार्ट-अप का रूप दे दिया. दो बार मिस्टर हिमाचल (रनर-अप) रहे अमन ने जिम खोला और अब युवाओं को बॉडी बिल्डिंग का प्रशिक्षण (aman giving bodybuilding training) दे रहे हैं. करीब 12 लाख की लागत से तैयार जिम के लिए सरकार की युवा आजीविका योजना (अब मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना में मर्ज) का सहयोग लिया. 25 वर्षीय युवा अमन कमाई के साथ-साथ लोगों को जिम में जीवन शैली से जुड़ी बीमारियों को दूर करने, नशे से दूर रहने के लिए युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं.
अमन बीते करीब 5 सालों से सक्रिय रूप से बॉडी बिल्डिंग से जुड़े हुए हैं. आनी में जिम खोलकर करीब दो सालों से स्वयं हर आयु वर्ग के लोगों को जिम में ट्रेनिंग दे रहे हैं. किशोर, युवा, प्रौढ़ और स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील लोग जिम में सदस्यता ग्रहण कर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. इसके साथ-साथ खान पान पर सलाह देना और नशे जैसी आदतों से दूर रहने के लिए अमन विशेष रूप से बल देते हैं. यही कारण है कि 45-50 युवा हर रोज जिम में आकर उनसे ट्रेनिंग ले रहे हैं.
अमन बॉडी बिल्डिंग के शौक के चलते वर्ल्ड फिटनेस फेडरेशन (WFF) की ओर से आयोजित प्रतियोगिता में दो बार मिस्टर हिमाचल रनर-अप रह चुके हैं. साल 2018 में शिमला में और इसी साल मंडी में आयोजित प्रतियोगिता में उन्होंने ये खिताब हासिल किया है. इसी साल कुल्लू में आयोजित एक अन्य प्रतियोगिता में वह मिस्टर कुल्लू का खिताब भी जीत चुके हैं. उनका सपना है कि आनी के युवा भी इस राह पर आगे बढ़ें, इसलिए उन्होंने स्टार्ट-अप के तहत जिम खोलकर युवाओं को स्वास्थ्य के प्रति प्रेरित करने और प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया है.
अमन ने जब जिम जाकर कसरत शुरू की तो, उनके मन में खुद का जिम खोलने का ख्याल आया. करीब 12 लाख की लागत से बनने वाले जिम के लिए करीब 6 लाख रुपए कम पड़े तो उन्होंने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत बीडीओ ऑफिस आनी में आवेदन किया. तमाम औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद उनके केस को स्वीकृति मिली. इसके बाद वह लगातार जिम के अपने जुनून को स्टार्ट-अप में बदलकर अपनी और दूसरी की जिंदगी बदलने के लिए प्रयासरत हैं.
25 फीसदी तक मिलेगी सब्सिडी: जिम को तैयार करने में करीब 12 लाख रुपए खर्च हुए. आधी राशि उन्होंने स्वयं खर्च की और युवा आजीविका योजना के तहत कुल 6 लाख रुपए की सरकारी सहायता ली. इस पर उन्हें 25 फीसदी सब्सिडी (1.50 लाख रुपए) भी मिलेगी. साथ ही, तीन साल तक यदि उन्होंने शर्तों के हिसाब से पैसा लौटाया तो शून्य ब्याज भुगतान का लाभ भी मिलेगा. इस योजना को अब हिमाचल मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना (HP Mukhyamantri Swavalamban Yojana) में तब्दील कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना का उठाएं फायदा: अमन ने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत मदद मिलने पर सरकार का आभार जताया है. साथ ही, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को इस योजना की शुरुआत के लिए धन्यवाद भी किया है. उनका कहना है कि इस योजना से युवा उद्यमियों के सपनों को उड़ान मिल रही है. उन्होंने सभी वर्ग के लोगों से अपील की है कि यदि कोई उद्यम शुरू करना चाहता है तो मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना का लाभ जरूर लें.
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना का आरंभ स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए किया गया है. इस योजना को 9 फरवरी 2019 को आरंभ किया गया था. हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के माध्यम से वह सभी नागरिक जो उद्योग या सर्विस सेक्टर व्यापार स्थापित करना चाहते हैं, उन्हें ऋण पर हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की जाएगी. यह सब्सिडी पुरुषों के लिए 25 फीसदी महिलाओं के लिए 30 फीसदी और विधवा महिलाओं के लिए 35 फीसदी होगी. इस योजना के अंतर्गत 40 लाख तक के ऋण पर 3 वर्ष तक ब्याज में 5 फीसदी की अतिरिक्त छूट भी प्रदान की जाएगी.
योजना के तहत इस तरह कर सकते हैं आवेदन: आवेदक हिमाचल प्रदेश का स्थाई निवासी होना अनिवार्य है. आवेदक की आयु 18 वर्ष से लेकर 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए और उद्योग विभाग व ऑनलाइन माध्यम से भी योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन किया जा सकता है. आवेदक को इसके लिए अपना आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर दर्ज करवाना होगा.
इस योजना के तहत आवेदक ड्रिलिंग यूनिट, सर्वेयर यूनिट, ऑक्सीजन क्रायोजेनिक टैंकर सेवाएं, रेशम रिलिंग इकाइयां, रेशम प्रसंस्करण इकाई, एंबुलेंस, ईवी चार्जिंग स्टेशन, पेट्रोल पंप, इंटरनेट ऑफ थिंग्स आधारित वर्टिकल फार्मिंग, कृषि उत्पादों का भंडार और परिवहन, सब्जी नर्सरी तैयार करना, ऊत्तक संवर्द्धन प्रयोगशाला, कृषि उपकरणों व औजारों का निर्माण, कृषि के लिए खुदरा दुकानों का निर्माण, फार्म सेट/एग्रो पर्यटन व फार्म पर्यटन, दुग्ध उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोरेज सुविधा की स्थापना, उन्नयन डेरी विकास परियोजना, लघु सेवा और व्यवसायिक उद्यानों की सूची में परिरक्षित चारा इकाइयों की स्थापना के लिए आवेदन किया जा सकता है.