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कुल्लू में दिव्यागों के लिए अच्छी खबर, 7 लाख से 20 लाख हुई उपकरण अनुदान राशि

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Published : Jul 17, 2020, 3:12 PM IST

जिला कुल्लू में दिव्यागजनों के लिए अच्छी खबर है. दिव्यांगजनों के लिए पांच साल में एक बार निशुल्क उपकरण अनुदान राशि को सात लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है. डीसी डॉ. ऋचा वर्मा ने इस बात की जानकारी दी.

डॉ. ऋचा वर्मा
बैठक की अध्यक्षता करती उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा.

कुल्लू: जिला में शुक्रवार को विकलांगता पुनर्वास केंद्र की जिला प्रबंधन टीम की बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता जिाला उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा ने की. इस दौरान डीसी ने बताया कि दिव्यांगजनों के लिए पांच साल में एक बार निशुल्क उपकरण उपलब्ध करवाए जाते हैं और इसके लिए अनुदान राशि को सात लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है.

उपायुक्त ने कहा कि जिला विकलांगता पुनर्वास योजना के कार्यान्वयन के लिए विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के लिए शत-प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है. जिला और खंड स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों और शिविरों में भाग लेने के लिए रहने, खाने-पीने और आने-जाने की निशुल्क व्यवस्था के लिए मौजूदा राशि को 2.10 लाख रुपये से बढ़ाकर सवा पांच लाख कर दिया गया है.

योजना के कार्यान्वयन में तैनात स्टाफ का मानदेय 20 प्रतिशत बढ़ाया गया है. विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के सहायक उपकरणों की मरम्मत के लिए नाममात्र शुल्क लिया जाता है. बैठक में जिला पुनर्वास केंद्र द्वारा बीते वित्त वर्ष के दौरान विकलांगजनों को उपलब्ध करवाई गई सेवाओं की जानकारी देते हुए बताया गया कि 897 लोगों की फिजियोथेरेपी, 33 स्पीचथेरेपी, 393 की ऑडियोमेटरी की गई.

क्लीनिकल साईकोलॉजी 207 व्यक्तिओं की करवाई गई जबकि 752 अन्य पुनर्वास सेवाएं विकलांगजनों को प्रदान की गई हैं. इसके अलावा, विभिन्न पंचायतों में 18 शिविरों का आयोजन किया गया और इनमें 326 लोगों का पंजीकरण हुआ. इसी के साथ-साथ 39 विकलांगता प्रमाण पत्र भी जारी किए गए.

जिला पुनर्वास केंद्र द्वारा विकलांगता का पता लगाने के लिए कुल 524 व्यक्तियों का पंजीकरण किया गया, जिनमें से मेडिकल बोर्ड द्वारा 40 प्रतिशत से कम विकलांगता के 178 लोगों की पहचान की गई जबकि 346 व्यक्तियों में से 40 प्रतिशत से अधिक में विकलांगता पाई गई.

कुल्लू: जिला में शुक्रवार को विकलांगता पुनर्वास केंद्र की जिला प्रबंधन टीम की बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता जिाला उपायुक्त डॉ. ऋचा वर्मा ने की. इस दौरान डीसी ने बताया कि दिव्यांगजनों के लिए पांच साल में एक बार निशुल्क उपकरण उपलब्ध करवाए जाते हैं और इसके लिए अनुदान राशि को सात लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है.

उपायुक्त ने कहा कि जिला विकलांगता पुनर्वास योजना के कार्यान्वयन के लिए विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के लिए शत-प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है. जिला और खंड स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों और शिविरों में भाग लेने के लिए रहने, खाने-पीने और आने-जाने की निशुल्क व्यवस्था के लिए मौजूदा राशि को 2.10 लाख रुपये से बढ़ाकर सवा पांच लाख कर दिया गया है.

योजना के कार्यान्वयन में तैनात स्टाफ का मानदेय 20 प्रतिशत बढ़ाया गया है. विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के सहायक उपकरणों की मरम्मत के लिए नाममात्र शुल्क लिया जाता है. बैठक में जिला पुनर्वास केंद्र द्वारा बीते वित्त वर्ष के दौरान विकलांगजनों को उपलब्ध करवाई गई सेवाओं की जानकारी देते हुए बताया गया कि 897 लोगों की फिजियोथेरेपी, 33 स्पीचथेरेपी, 393 की ऑडियोमेटरी की गई.

क्लीनिकल साईकोलॉजी 207 व्यक्तिओं की करवाई गई जबकि 752 अन्य पुनर्वास सेवाएं विकलांगजनों को प्रदान की गई हैं. इसके अलावा, विभिन्न पंचायतों में 18 शिविरों का आयोजन किया गया और इनमें 326 लोगों का पंजीकरण हुआ. इसी के साथ-साथ 39 विकलांगता प्रमाण पत्र भी जारी किए गए.

जिला पुनर्वास केंद्र द्वारा विकलांगता का पता लगाने के लिए कुल 524 व्यक्तियों का पंजीकरण किया गया, जिनमें से मेडिकल बोर्ड द्वारा 40 प्रतिशत से कम विकलांगता के 178 लोगों की पहचान की गई जबकि 346 व्यक्तियों में से 40 प्रतिशत से अधिक में विकलांगता पाई गई.

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