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विकास के दावों पर सवाल, सड़क सुविधा के अभाव में अस्पताल पहुंचने से पहले ही बुजुर्ग ने तोड़ा दम

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Published : Sep 27, 2020, 12:56 PM IST

आजादी के सात दशक बाद भी प्रदेश में अभी भी ऐसे कई गांव हैं जहां बीमार होने पर स्वास्थ्य सुविधा के लिए 30 से 35 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला जिला कुल्लू के लपाह गांव से सामने आया है. यहां सड़क सुविधा के अभाव में अस्पताल पहुंचने से पहले ही एक बुजुर्ग ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया.

डिजाइन फोटो
डिजाइन फोटो

कुल्लू: प्रदेश में सरकार आम जनता को बेहतर सुविधा देने के दावे तो करती है लेकिन हकीकत कुछ और ही है. आजादी के सात दशक बाद भी अभी भी ऐसे कई गांव हैं जहां बीमार होने पर स्वास्थ्य सुविधा के लिए 30 से 35 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला जिला कुल्लू के लपाह गांव से सामने आया है.

जिला कुल्लू की शांघड़ पंचायत के लपाह गांव को अभी भी भाग्य रेखा की दरकार है, हालांकि कुछ वर्ष पूर्व पंचायत में बस के चलने लायक सड़क पहुंची है लेकिन पंचायत के अधिकांश गांव अभी भी सड़क सुविधा से वंचित है. जिनमें तीतरी, केउलीबन, शेंगचा तथा लपाह इत्यादि गांव है. इतना ही नहीं गांव में बिजली एवं पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं भी ना के बराबर है. स्थानीय लोग पिछले कई दशकों से सड़क की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक किसी का दिल नहीं पसीजा.

वीडियो रिपोर्ट

ग्रामीणों का कहना है कि चुनावों के वक्त हर दल के प्रत्याशी लपाह गांव में सुविधा देने की बात करते हैं लेकिन जैसे ही कुर्सी मिलती है तो ग्रामीणों को कोई नहीं पूछता. असुविधा का दंश झेल रहे ग्रामीणों को आज भी खाने-पीने का सामान पीठ पर उठाना पड़ता है और सबसे बड़ी दिक्कत तब होती है जब गांव में कोई व्यक्ति बीमार होता है या किसी भी महिला को प्रसव पीड़ा होती है.

लपाह गांव का एक व्यक्ति अचानक बीमार हुआ और ग्रामीणों को उसका इलाज करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. बावजूद इसके मरीज को बचाया नहीं जा सका. गांव के संजय ठाकुर, पृथ्वी सिंह ने बताया कि मनीराम के बीमार होने पर सभी ग्रामीण एकत्र होकर बीमार व्यक्ति को कुर्सी पर उठा लाए और 7 किलोमीटर तक खस्ताहाल तथा ढंघार वाले भयानक रास्ते पर से मरीज को सड़क तक पहुंचाया. करीब दस किलोमीटर गाड़ी में सफर करने बाद व्यक्ति ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया.

ग्रामीणों ने कहा कि पिछले कई वर्षों से हम सड़क की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. परिणामस्वरूप गांव के एक व्यक्ति को असुविधाओं के चलते जान गंवानी पड़ी.

लोकनिर्माण विभाग के सहायक अभियंता दूनी चंद चंदेल ने बताया कि लपाह गांव के लिए विभाग ने ज्वाइंट इंस्पेक्शन कर 15 किलोमीटर लंबी सड़क का सर्वे किया था लेकिन विभाग की ओर से जारी में दूसरी एलाइनमेंट का सुझाव दिया है. अब विभाग लपाह के लिए दोबारा से सर्वे कर प्रक्रिया शुरू करेगा.

कुल्लू: प्रदेश में सरकार आम जनता को बेहतर सुविधा देने के दावे तो करती है लेकिन हकीकत कुछ और ही है. आजादी के सात दशक बाद भी अभी भी ऐसे कई गांव हैं जहां बीमार होने पर स्वास्थ्य सुविधा के लिए 30 से 35 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला जिला कुल्लू के लपाह गांव से सामने आया है.

जिला कुल्लू की शांघड़ पंचायत के लपाह गांव को अभी भी भाग्य रेखा की दरकार है, हालांकि कुछ वर्ष पूर्व पंचायत में बस के चलने लायक सड़क पहुंची है लेकिन पंचायत के अधिकांश गांव अभी भी सड़क सुविधा से वंचित है. जिनमें तीतरी, केउलीबन, शेंगचा तथा लपाह इत्यादि गांव है. इतना ही नहीं गांव में बिजली एवं पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं भी ना के बराबर है. स्थानीय लोग पिछले कई दशकों से सड़क की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक किसी का दिल नहीं पसीजा.

वीडियो रिपोर्ट

ग्रामीणों का कहना है कि चुनावों के वक्त हर दल के प्रत्याशी लपाह गांव में सुविधा देने की बात करते हैं लेकिन जैसे ही कुर्सी मिलती है तो ग्रामीणों को कोई नहीं पूछता. असुविधा का दंश झेल रहे ग्रामीणों को आज भी खाने-पीने का सामान पीठ पर उठाना पड़ता है और सबसे बड़ी दिक्कत तब होती है जब गांव में कोई व्यक्ति बीमार होता है या किसी भी महिला को प्रसव पीड़ा होती है.

लपाह गांव का एक व्यक्ति अचानक बीमार हुआ और ग्रामीणों को उसका इलाज करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. बावजूद इसके मरीज को बचाया नहीं जा सका. गांव के संजय ठाकुर, पृथ्वी सिंह ने बताया कि मनीराम के बीमार होने पर सभी ग्रामीण एकत्र होकर बीमार व्यक्ति को कुर्सी पर उठा लाए और 7 किलोमीटर तक खस्ताहाल तथा ढंघार वाले भयानक रास्ते पर से मरीज को सड़क तक पहुंचाया. करीब दस किलोमीटर गाड़ी में सफर करने बाद व्यक्ति ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया.

ग्रामीणों ने कहा कि पिछले कई वर्षों से हम सड़क की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. परिणामस्वरूप गांव के एक व्यक्ति को असुविधाओं के चलते जान गंवानी पड़ी.

लोकनिर्माण विभाग के सहायक अभियंता दूनी चंद चंदेल ने बताया कि लपाह गांव के लिए विभाग ने ज्वाइंट इंस्पेक्शन कर 15 किलोमीटर लंबी सड़क का सर्वे किया था लेकिन विभाग की ओर से जारी में दूसरी एलाइनमेंट का सुझाव दिया है. अब विभाग लपाह के लिए दोबारा से सर्वे कर प्रक्रिया शुरू करेगा.

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