कुल्लू: जिले की मणिकर्ण घाटी के प्रसिद्ध राम मंदिर में अब डिजिटल माध्यम से भी दान एवं चढ़ावा चढ़ा सकेंगे. श्रद्धालुओं की सुविधा को विस्तार देते हुए अब यूपीआई के जरिए भी श्रद्धालु दान दे सकेंगे. हाल ही में राम मंदिर कमेटी के द्वारा यह सुविधा शुरू कर दी गई है.
मणिकर्ण घाटी के राम मंदिर (ram temple of manikaran valley) का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है. कुल्लू के राजा जगत सिंह के द्वारा जब अयोध्या से भगवान रघुनाथ की मूर्ति यहां लाई गई तो सबसे पहले इसे मणिकर्ण में ही रखा गया. करीब 10 सालों तक भगवान रघुनाथ की पूजा अर्चना मणिकर्ण के राम मंदिर में होती रही और उसके बाद इसे कुल्लू मुख्यालय रघुनाथपुर स्थित मंदिर में स्थापित किया गया है.
राम मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए जहां भंडारे की व्यवस्था होती है तो वहीं, श्रद्धालुओं के रहने के लिए धर्मशाला का भी निर्माण किया गया है. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के दौरान मणिकर्ण में भी 3 दिनों तक दशहरा उत्सव मनाया जाता है और घाटी के देवी देवता इस दशहरा मेले में भाग लेते हैं.
मणिकर्ण में भी भगवान रघुनाथ का एक लकड़ी का रथ वहीं रखा गया है, जो दशहरा पर्व के दौरान श्रद्धालुओं के द्वारा खींचा जाता है और भगवान रघुनाथ की मूर्ति को उस पर विराजमान किया जाता है. ऐसे में देश विदेश घूमने आने वाले सैलानियों को भी यहां पर अब किसी प्रकार की परेशानी ना हो। इसके लिए मंदिर कमेटी के द्वारा डिजिटल माध्यम से चढ़ावा चढ़ाने के लिए मंदिर परिसर में क्यूआर कोड स्कैनर लगाए गए हैं.
मणिकर्ण राम मंदिर के पुजारी मनोज शर्मा का कहना है कि आज का जमाना डिजिटल हो गया है और ऐसे में लोगों को चढ़ावा चढ़ाने में परेशानी ना हो. इसको ध्यान में रखते हुए यह सुविधा शुरू की गई है. राम मंदिर दर्शन करने आ रहे श्रद्धालु भी इस प्रक्रिया से काफी खुश हैं और वे भी ऑनलाइन माध्यम से अपनी श्रद्धा के अनुसार मंदिर में चढ़ावा चढ़ा रहे हैं.