कुल्लूः भारत कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने केंद्रीय कमेटी के आह्वान पर जिला कुल्लू केंद्र व राज्य सरकार की किसान, मजदूर व आम जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ जिलाधीश कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. जिला कमेटी ने 20 से 25 अगस्त तक गांव स्तर पर केंद्र व राज्य सरकार की जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ जन अभियान चलाया.
माकपा राज्य सचिवालय सदस्य प्रेम गौतम ने कहा कि केंद्र व राज्य की बीजेपी सरकार लगातार मजदूर और किसान विरोधी नीतियों को लागू कर रही है. कोरोना महामारी के समय में केंद्र व राज्य की सरकार आम जनता को राहत नहीं दे पाई है, बल्कि सरकार ने कोविड-19 की आड़ में आम जनता विरोधी फैसले लिए हैं, जिसमें श्रम कानूनों में बदलाव, सार्वजनिक उपक्रमों को बेचना और पूंजीपतियों को राहत पैकेज देना और गरीब मजदूर, किसानों व आम जनता को किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी गई है.
इससे पूरे देश में 14 करोड़ लोगों का रोजगार छीन गया है. इसके लिए माकपा ने मांग की है कि आयकर दायरे से बाहर सभी परिवारों को 7500 रुपये प्रतिमाह अगले 6 महीने तक सहायता दी जाए. साथ ही अगले 6 महीने तक प्रति व्यक्ति 10 किलो राशन मुफ्त दिया जाए. मनरेगा में 200 दिन का काम दिया जाए व इसे शहरी क्षेत्रों में भी लागू किया जाए. कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग में खाली पदों को जल्द भरा जाए और कोविड अस्पतालों और ज्यादा कोविड टेस्ट की व्यवस्था की जाए.
प्रेम गौतम ने कहा कि महामारी के चलते जनता के आर्थिक हालात खराब हैं. ऐसी परिस्थितियों में प्रदेश सरकार ने बस किराए और बिजली के बिलों में वृद्धि करके आम जनता पर बोझ डाला है. साथ ही डिपुओं में राशन की कटौती की जा रही है और कीमतों में भी वृद्वि की गई है. जिसे सरकार तुरंत वापस ले. इस दौरान जिला कुल्लू के बंजार व आनी में भी विरोध प्रदर्शन किए गए. जिसमें सैकड़ों लोगों ने भाग लिया.
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