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कुल्लूः माकपा ने आंदोलनरत किसानों की मदद के लिए चंदा किया इकट्ठा - हिमाचल किसान सभा कुल्लू

कुल्लू में माकपा कार्यकर्ता बाजार में जाकर आंदोलन के लिए चंदा एकत्र कर रहे हैं ताकि दिल्ली में किसानों की मदद की जा सके. किसान सभा के राज्य सहसचिव होतम सोंखला ने कहा कि आम जनता, दुकानदारों व किसानों से अपनी इच्छा से आर्थिक सहायता मांग रहे हैं ताकि दिल्ली में जो लोग विरोध में जुटे हैं, उन्हें किसी प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े.

himachal kisan sabha protest
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Published : Dec 21, 2020, 3:39 PM IST

कुल्लूः जिला कुल्लू में अब माकपा कार्यकर्ता भी किसान आंदोलन को मजबूती देने में जुट गए हैं. माकपा कार्यकर्ता बाजार में जाकर आंदोलन के लिए चंदा एकत्र कर रहे हैं ताकि दिल्ली में किसानों की मदद की जा सके. माकपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि किसान आंदोलन को दबाने से जाहिर हो चुका है कि ये भाजपा सरकार पूंजीपतियों घरानों के साथ है.

साथ ही उनकी मुनाफाखोरी के लिए सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है. माकपा का कहना है कि मोदी सरकार के तीनों नए कृषि कानून किसान विरोधी है. माकपा नेता हौतम सोंखला का कहना है कि मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र को पूंजीपतियों और बड़ी कंपनियों के हवाले करने के लिए तीन किसान विरोधी कानून संसद में अपने संख्या बल के आधार पर पारित कर दिए हैं. जिनका देश भर में किसान विरोध कर रहे हैं.

वीडियो.

आम जनता से मांगा जा रहा है समर्थन

हिमाचल किसान सभा के राज्य सहसचिव होतम सोंखला ने कहा कि दिल्ली के भीतर 26 नवंबर से किसानों का आंदोलन चल रहा है. इसके लिए वे चंदा एकत्रित कर रहे हैं. आम जनता, दुकानदारों व किसानों से अपनी इच्छा से आर्थिक सहायता मांग रहे हैं ताकि दिल्ली में जो लोग विरोध में जुटे हैं, उन्हें किसी प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े.

'कानून में खोट है, इसलिए संशोधन को तैयार सरकार'

हौतम का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार ने आनन-फानन में लोकसभा व राज्यसभा में बिल को पास करके राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करवा दिए हैं. इसमें अब संशोधन की बात की जा रही है. यदि कानून में कोई खोट नहीं थी तो फिर संशोधन किस बात का किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों में खोट है इसलिए सरकार संशोधन के लिए तैयार है.

'कृषि क्षेत्र को चुनिंदा लोगों के हवाले करने की योजना'

उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को मोदी सरकार ने सब कुछ चुनिंदा लोगों के हवाले करना चाहती है, जिसका वे पुरजोर विरोध कर रहे हैं. इसके लिए किसान सभा आम लोगों से चंदा मांग रही है ताकि दिल्ली में विरोध में डटे किसानों की कुछ सहायता हो सके.

ये भी पढे़ं- शिमला में छात्र-अभिभावक मंच का प्रदर्शन, निजी स्कूलों पर लगाया मनमानी करने का आरोप

कुल्लूः जिला कुल्लू में अब माकपा कार्यकर्ता भी किसान आंदोलन को मजबूती देने में जुट गए हैं. माकपा कार्यकर्ता बाजार में जाकर आंदोलन के लिए चंदा एकत्र कर रहे हैं ताकि दिल्ली में किसानों की मदद की जा सके. माकपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि किसान आंदोलन को दबाने से जाहिर हो चुका है कि ये भाजपा सरकार पूंजीपतियों घरानों के साथ है.

साथ ही उनकी मुनाफाखोरी के लिए सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है. माकपा का कहना है कि मोदी सरकार के तीनों नए कृषि कानून किसान विरोधी है. माकपा नेता हौतम सोंखला का कहना है कि मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र को पूंजीपतियों और बड़ी कंपनियों के हवाले करने के लिए तीन किसान विरोधी कानून संसद में अपने संख्या बल के आधार पर पारित कर दिए हैं. जिनका देश भर में किसान विरोध कर रहे हैं.

वीडियो.

आम जनता से मांगा जा रहा है समर्थन

हिमाचल किसान सभा के राज्य सहसचिव होतम सोंखला ने कहा कि दिल्ली के भीतर 26 नवंबर से किसानों का आंदोलन चल रहा है. इसके लिए वे चंदा एकत्रित कर रहे हैं. आम जनता, दुकानदारों व किसानों से अपनी इच्छा से आर्थिक सहायता मांग रहे हैं ताकि दिल्ली में जो लोग विरोध में जुटे हैं, उन्हें किसी प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े.

'कानून में खोट है, इसलिए संशोधन को तैयार सरकार'

हौतम का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार ने आनन-फानन में लोकसभा व राज्यसभा में बिल को पास करके राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करवा दिए हैं. इसमें अब संशोधन की बात की जा रही है. यदि कानून में कोई खोट नहीं थी तो फिर संशोधन किस बात का किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों में खोट है इसलिए सरकार संशोधन के लिए तैयार है.

'कृषि क्षेत्र को चुनिंदा लोगों के हवाले करने की योजना'

उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को मोदी सरकार ने सब कुछ चुनिंदा लोगों के हवाले करना चाहती है, जिसका वे पुरजोर विरोध कर रहे हैं. इसके लिए किसान सभा आम लोगों से चंदा मांग रही है ताकि दिल्ली में विरोध में डटे किसानों की कुछ सहायता हो सके.

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