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देश की पहली स्नो मैराथन की सरताज बनेगी लाहौल घाटी, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा - Atal Tunnel Rohtang

लाहौल स्पीति में आगामी 26 मार्च को देश में अपनी तरह का पहला स्नो मैराथन (country first snow marathon in lahaul spiti) होने जा रहा है. कार्यक्रम को लेकर लाहौल-स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार भी काफी उत्साहित हैं. डीसी नीरज कुमार ने कहा कि 26 मार्च को ही जिला प्रशासन सिस्सू में स्नो फेस्टिवल (Snow Festival in Sissu) का भी आयोजन कर रहा है. स्नो फेस्टिवल के साथ-साथ यह आयोजन वास्तव में लाहौल स्पीति को खेल और पर्यटन दोनों रूप में मंत्र मुग्ध करने वाली वैश्विक छवि को आगे बढ़ाने में मदद करेगा

country first snow marathon in lahaul spiti
लाहौल स्पीति में स्नो मैराथन
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Published : Mar 24, 2022, 3:30 PM IST

Updated : Mar 24, 2022, 5:23 PM IST

लाहौल स्पीति: भारत में अपनी तरह का पहला स्नो मैराथन हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल स्पीति में आगामी 26 मार्च को होगा. इस आयोजन को लेकर लाहौल-स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार भी काफी उत्साहित हैं. उन्होंने बताया कि लाहौल-स्पीति देशभर में स्नो मैराथन का सरताज (country first snow marathon in lahaul spiti) बनने जा रहा है. विश्व प्रसिद्ध अटल टनल रोहतांग के नॉर्थ पॉर्टल के समीप स्नो मैराथन का आयोजन होगा, जहां देश-दुनिया के सैलानी बर्फ का दीदार करने के लिये बड़ी संख्या में आते हैं.

स्नो मैराथन में करीब 100 प्रतिभागी लेंगे भाग: उपायुक्त ने स्नो मैराथन के आयोजक गौरव सिमर व मुख्य सलाहकार कर्नल अरुण नटराजन व टीम संचालक कर्नल संतोष बारामूला को स्नो मैराथन के लिये लाहौल घाटी का चयन करने के लिये आभार व्यक्त किया है. उन्होंने बताया पहली बार आयोजित किये जा रहे इस खेल की ओपनिंग सेरेमनी भी ऐतिहासिक होगी. उन्होंने बताया कि देश की पहली स्नो मैराथन में देश भर से 100 लोग भाग लेंगे. स्नो मैराथन भारत में अपनी तरह का पहला मैराथन होगा.

Lahaul spiti DC niraj kumar
नीरज कुमार, उपायुक्त, लाहौल स्पीति.

इस मैराथन में सेना के 10, नेवी के 10 प्रतिभागी के अलावा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, केरल और सिक्कीम से भी प्रतिभागी शिरकत करेंगे. वहीं, कोविड गाइडलाइंस के कारण अन्य देशों के खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो रहे हैं. आयोजकों ने उपायुक्त को अवगत करवाया कि दुनिया में लगभग 10 देशों में आर्कटिक सर्कल, उत्तरी ध्रुव और साइबेरिया जैसी बर्फीली घाटियों में शीत कालीन स्नो मैराथन आयोजित होते हैं, लेकिन भारत में पहली बार शीत मरुस्थल लाहौल घाटी में इस तरह का मैराथन आयोजित हो रहा है.

लाहौल स्पीति में स्नो मैराथन: नीरज कुमार ने कहा कि 26 मार्च को रिच इंडिया संस्था व गोल्ड ड्रॉप एडवेंचर लाहौल स्पीति प्रशासन के सहयोग से स्नो मैराथन आयोजित कर रही है. उन्होंने बताया कि 26 मार्च को ही जिला प्रशासन सिस्सू में स्नो फेस्टिवल का भी आयोजन कर रहा है. स्नो फेस्टिवल के साथ-साथ यह आयोजन वास्तव में लाहौल स्पीति को खेल और पर्यटन दोनों रूप में मंत्र मुग्ध करने वाली वैश्विक छवि को आगे बढ़ाने में मदद करेगा और यह स्नो मैराथन देश के भीतर एक नये खेल को जन्म देने की पहल करेगा.

यह मैराथन लाहौल स्पीति सहित हिमाचल प्रदेश के लिए लाभकारी होगा. अटल टनल रोहतांग के नॉर्थ पोर्टल में कोकसर पंचायत के लोग स्नो फेस्टिवल (Snow Festival in Sissu) मनाएंगे. यहां स्नो क्राफ्ट, पुरातन वस्तुएं, प्राचीन तीर अंदाजी, स्थानीय उत्पाद के स्टॉल और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि नार्थ पोर्टल से कोकसर पंचायत तक मैराथन का आयोजन किया जाएगा. उसी दिन गोंदला में फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा. लाहौल घाटी के व्यंजन अद्भुत, स्वादिष्ट व स्वास्थ्यवर्धक हैं जिन्हें सैलानी बड़े चाव के साथ खाते हैं.

सैलानियों की पहली पसंद बनी लाहौल घाटी: नीरज कुमार ने कहा कि अटल टनल रोहतांग (Atal Tunnel Rohtang) बनने के बाद लाहौल घाटी सैलानियों की पहली पसंद बन चुकी है. हर कोई अटन टनल के साथ घाटी के नैसर्गिक सौंदर्य को निहारने के लिये लालायित रहता है. उन्होंने कहा कि घाटी में अधिक से अधिक सैलानियों को ठहरने, खाने-पीने व अन्य सुविधाओं का बड़े पैमाने पर सृजन किया जा रहा है. सैलानियों की बड़ी आमद से घाटी के लोगों की आर्थिकी में आशातीत बदलाव आएगा.

मैराथन के साथ-साथ अन्य गतिविधियों का आयोजन: उन्होंने बताया कि आयोजकों के अनुसार फुल स्नो मैराथन में 42 किमी, हाफ 21 किमी, जबकि दौड़ 10 व 5 किमी के अलावा ज्वाय रेस एक किमी की होगी. उन्होंने बताया कि इंडिया में स्नो से जुड़ी बहुत सी गतिविधियां होती हैं, लेकिन स्नो मैराथन पहली बार आयोजित की जा रही है. उन्होंने कहा कि स्नो मैराथान में अन्य खेलों की तरह खिलाड़ियों की संख्या सीमित नहीं होती है. मैराथन में हजारों की संख्या में लोग भाग ले सकते हैं.

लाहौल-स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार ने बताया कि शीत मरुस्थल भूमि लाहौल स्पीति में स्नो मैराथन का आयोजन (Lahaul Spiti Deputy Commissioner Neeraj Kumar) कर देश को एकता का संदेश देना है और साहसिक व स्नो खेलों का बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि स्नो मैराथन के आयोजक गौरव सिमर व मुख्य सलाहकार कर्नल अरुण नटराजन के अनुसार आने वाले सालों में इसे बहुत बड़े आयोजन के रूप में मनाया जाएगा और इसके लिये जिला प्रशासन के सहयोग की जरूरत रहेगी.

ये भी पढ़ें: स्पीति घाटी के किब्बर नाले में घूम रहे नन्हें स्नो लेपर्ड, कैमरे में हुए कैद

लाहौल स्पीति: भारत में अपनी तरह का पहला स्नो मैराथन हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल स्पीति में आगामी 26 मार्च को होगा. इस आयोजन को लेकर लाहौल-स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार भी काफी उत्साहित हैं. उन्होंने बताया कि लाहौल-स्पीति देशभर में स्नो मैराथन का सरताज (country first snow marathon in lahaul spiti) बनने जा रहा है. विश्व प्रसिद्ध अटल टनल रोहतांग के नॉर्थ पॉर्टल के समीप स्नो मैराथन का आयोजन होगा, जहां देश-दुनिया के सैलानी बर्फ का दीदार करने के लिये बड़ी संख्या में आते हैं.

स्नो मैराथन में करीब 100 प्रतिभागी लेंगे भाग: उपायुक्त ने स्नो मैराथन के आयोजक गौरव सिमर व मुख्य सलाहकार कर्नल अरुण नटराजन व टीम संचालक कर्नल संतोष बारामूला को स्नो मैराथन के लिये लाहौल घाटी का चयन करने के लिये आभार व्यक्त किया है. उन्होंने बताया पहली बार आयोजित किये जा रहे इस खेल की ओपनिंग सेरेमनी भी ऐतिहासिक होगी. उन्होंने बताया कि देश की पहली स्नो मैराथन में देश भर से 100 लोग भाग लेंगे. स्नो मैराथन भारत में अपनी तरह का पहला मैराथन होगा.

Lahaul spiti DC niraj kumar
नीरज कुमार, उपायुक्त, लाहौल स्पीति.

इस मैराथन में सेना के 10, नेवी के 10 प्रतिभागी के अलावा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, केरल और सिक्कीम से भी प्रतिभागी शिरकत करेंगे. वहीं, कोविड गाइडलाइंस के कारण अन्य देशों के खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो रहे हैं. आयोजकों ने उपायुक्त को अवगत करवाया कि दुनिया में लगभग 10 देशों में आर्कटिक सर्कल, उत्तरी ध्रुव और साइबेरिया जैसी बर्फीली घाटियों में शीत कालीन स्नो मैराथन आयोजित होते हैं, लेकिन भारत में पहली बार शीत मरुस्थल लाहौल घाटी में इस तरह का मैराथन आयोजित हो रहा है.

लाहौल स्पीति में स्नो मैराथन: नीरज कुमार ने कहा कि 26 मार्च को रिच इंडिया संस्था व गोल्ड ड्रॉप एडवेंचर लाहौल स्पीति प्रशासन के सहयोग से स्नो मैराथन आयोजित कर रही है. उन्होंने बताया कि 26 मार्च को ही जिला प्रशासन सिस्सू में स्नो फेस्टिवल का भी आयोजन कर रहा है. स्नो फेस्टिवल के साथ-साथ यह आयोजन वास्तव में लाहौल स्पीति को खेल और पर्यटन दोनों रूप में मंत्र मुग्ध करने वाली वैश्विक छवि को आगे बढ़ाने में मदद करेगा और यह स्नो मैराथन देश के भीतर एक नये खेल को जन्म देने की पहल करेगा.

यह मैराथन लाहौल स्पीति सहित हिमाचल प्रदेश के लिए लाभकारी होगा. अटल टनल रोहतांग के नॉर्थ पोर्टल में कोकसर पंचायत के लोग स्नो फेस्टिवल (Snow Festival in Sissu) मनाएंगे. यहां स्नो क्राफ्ट, पुरातन वस्तुएं, प्राचीन तीर अंदाजी, स्थानीय उत्पाद के स्टॉल और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि नार्थ पोर्टल से कोकसर पंचायत तक मैराथन का आयोजन किया जाएगा. उसी दिन गोंदला में फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा. लाहौल घाटी के व्यंजन अद्भुत, स्वादिष्ट व स्वास्थ्यवर्धक हैं जिन्हें सैलानी बड़े चाव के साथ खाते हैं.

सैलानियों की पहली पसंद बनी लाहौल घाटी: नीरज कुमार ने कहा कि अटल टनल रोहतांग (Atal Tunnel Rohtang) बनने के बाद लाहौल घाटी सैलानियों की पहली पसंद बन चुकी है. हर कोई अटन टनल के साथ घाटी के नैसर्गिक सौंदर्य को निहारने के लिये लालायित रहता है. उन्होंने कहा कि घाटी में अधिक से अधिक सैलानियों को ठहरने, खाने-पीने व अन्य सुविधाओं का बड़े पैमाने पर सृजन किया जा रहा है. सैलानियों की बड़ी आमद से घाटी के लोगों की आर्थिकी में आशातीत बदलाव आएगा.

मैराथन के साथ-साथ अन्य गतिविधियों का आयोजन: उन्होंने बताया कि आयोजकों के अनुसार फुल स्नो मैराथन में 42 किमी, हाफ 21 किमी, जबकि दौड़ 10 व 5 किमी के अलावा ज्वाय रेस एक किमी की होगी. उन्होंने बताया कि इंडिया में स्नो से जुड़ी बहुत सी गतिविधियां होती हैं, लेकिन स्नो मैराथन पहली बार आयोजित की जा रही है. उन्होंने कहा कि स्नो मैराथान में अन्य खेलों की तरह खिलाड़ियों की संख्या सीमित नहीं होती है. मैराथन में हजारों की संख्या में लोग भाग ले सकते हैं.

लाहौल-स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार ने बताया कि शीत मरुस्थल भूमि लाहौल स्पीति में स्नो मैराथन का आयोजन (Lahaul Spiti Deputy Commissioner Neeraj Kumar) कर देश को एकता का संदेश देना है और साहसिक व स्नो खेलों का बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि स्नो मैराथन के आयोजक गौरव सिमर व मुख्य सलाहकार कर्नल अरुण नटराजन के अनुसार आने वाले सालों में इसे बहुत बड़े आयोजन के रूप में मनाया जाएगा और इसके लिये जिला प्रशासन के सहयोग की जरूरत रहेगी.

ये भी पढ़ें: स्पीति घाटी के किब्बर नाले में घूम रहे नन्हें स्नो लेपर्ड, कैमरे में हुए कैद

Last Updated : Mar 24, 2022, 5:23 PM IST
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