किन्नौर: जिले में इन दिनों बेसहारा पशुओं को ठंड में चारे की समस्या उतपन्न हो रही (Congress fodder campaign in Kinnaur) है. ऐसे में किन्नौर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा चारा अभियान चलाया गया है. जिसके तहत जिला के मुख्यालय रिकांगपिओ में सैकड़ों बेसहारा पशुओं को चारा देने का काम कर रही है. वहीं, प्रदेश सरकार द्वारा जिला के पशुओं को चारा के करोड़ों की मिलने वाली राशि को प्रदेश के अन्य जिले में भेजा गया है लेकिन किन्नौर को कोई मदद नहीं मिली. यह बात किन्नौर इंटक के जिला अध्यक्ष मांन चंद नेगी ने रिकांगपिओ में प्रेसवार्ता के दौरान कही.
मांन चंद नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार जिला किन्नौर के विकास कार्यों के साथ-साथ अब पशुओं के चारा के लिए मिलने वाली राशि को दूसरे जिला में भेज रही है जो सरासर गलत है (Kinnaur Congress accuses BJP government) जबकि किन्नौर जिला में सैकड़ों बेसहारा पशु बर्फबारी के दौरान कड़कड़ाती ठंड में बिना चारे के इधर उधर भूखे भटकने पर मजबूर हैं, लेकिन प्रदेश सरकार केवल पशुओं पर राजनीति के अलावा कुछ नहीं करती.
नेगी ने कहा कि जिला प्रशासन के पशुशाला निर्माण के दावे भी कहीं न फैल साबित हुए है. प्रदेश सरकार द्वारा गाय के नाम पर शराब की एक बोतल पर एक रुपया पशुशाला के लिए एकत्रित किया जाता है लेकिन जिला में सरकार के चार वर्ष के कार्यकाल में अबतक एक भी पशुशाला निर्माण नहीं हुआ है.
उन्होंने कहा कि जिला के रिकांगपिओ व अन्य क्षेत्रों में इन दिनों जिला प्रशासन (stray animals in kinnaur) द्वारा न तो पशुओं को चारा दिया जा रहा है न ही पशुओं को रहने के लिए आशियाने की उचित व्यवस्था की जा रही है. जबकि प्रदेश सरकार द्वारा सभी पशुओं को टैग दिया गया है. जिसके माध्यम से पशु के मालिक का पता चलता है, लेकिन सैकड़ों पशुओं के न तो मालिक मिल रहे हैं न प्रशासन व सरकार बेसहारा पशुओं के चारे व पशुशाला की उचित व्यवस्था कर रही है. उन्होंने कहा कि किन्नौर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा इन दिनों बेसहारा पशुओं को चारा देने का काम किया का रहा है, लेकिन प्रशासन इन सब कार्यों को देखने के बाद सहायता के लिए भी सामने नहीं आ रहा है.
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