हमीरपुर: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने युवाओं से अपील की है कि वे भारत जैसे महान देश को समझने के लिए इसका अधिक से अधिक भ्रमण करें. सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दें और जीवन में मेहनत एवं संघर्ष करें. सोमवार को खरवाड़ स्थित करियर प्वाइंट यूनिवर्सिटी हमीरपुर (Career Point University Hamirpur) के सातवें दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि जीवन में आप जितना संघर्ष करेंगे, उतना ही (7th Convocation of Career Point University) सीखेंगे.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि विश्व बैंक की रिपोर्ट बताती है कि मोदी के कार्यकाल में भारत में लगभग 12.3 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से उपर निकलने में सफल हुए (Union Minister Anurag Singh Thakur) हैं. इनमें से ग्रामीण क्षेत्रों में 14 प्रतिशत से अधिक और शहरी क्षेत्रों में लगभग 7.9 प्रतिशत लोग गरीबी से बाहर निकले हैं. इस अवसर पर सांसद मोबाइल स्वास्थ्य सेवा की चर्चा करते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि इस सेवा के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के 7 लाख से अधिक लोगों को घरद्वार निशुल्क चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा चुकी हैं. समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री ने 27 मेधावी विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल और कुल 579 डिग्रियां भी प्रदान की और सीपीयू की दशक रिपोर्ट का विमोचन किया.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि नई शिक्षा निति 34 साल बाद देश में लागु की गई है, जिसमें छात्रों से समग्र विकास पर जोर दिया गया है. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा का मतलब सिर्फ डिग्री हासिल करना ही नहीं होना चाहिए, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता और युवाओं के कौशल विकास पर विशेष रूप से फोकस करना चाहिए. युवाओं को व्हाइट कॉलर जॉब के पीछे भागने के बजाय कौशल विकास एवं प्रैक्टिकल लर्निंग पर ध्यान देना चाहिए. सीपीयू के एक दशक के सराहनीय सफर की चर्चा करते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत के तहत इस संस्थान के युवाओं को एक्सपोजर प्रदान किया जाएगा.
कार्यक्रम में अनुराग सिंह ठाकुर ने युवाओं से आग्रह किया कि वे देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं और इसके लिए किसी न किसी रूप में अपना योगदान दें, ताकि हमारा देश प्रगति के पथ पर तेजी से अग्रसर हो सके. उन्होंने कहा कि लगभग दो वर्षों के दौरान वैश्विक महामारी कोरोना ने हमें कई सबक दिए हैं. इस महामारी की तीन लहर गुजर जाने के बाद हमारे आम जनजीवन में कई बड़े बदलाव आए हैं. कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपदा में अवसर और आत्म निर्भर भारत का मंत्र दिया.
उन्होंने कहा कि हमारा स्वास्थ्य तंत्र कोरोना जैसी भयंकर आपदा के लिए तैयार नहीं था, लेकिन प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच और सशक्त नेतृत्व के कारण भारत ने आपदा के दौरान बहुत कम समय में एक मजबूत एवं अत्याधुनिक स्वास्थ्य ढांचा खड़ा किया. यही नहीं, अन्य क्षेत्रों में भी भारत के विकास की रफ्तार को रुकने नहीं (Anurag Singh Thakur in Hamirpur) दिया. पहले भारत में अधिकांश मोबाइल चीन से बनकर आते थे, लेकिन अब हमारा देश दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता बन चुका है. कोरोना संकट के दौरान मोदी ने 80 करोड़ लोगों को दो साल तक मुफ्त राशन की व्यवस्था की.
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