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वीरभद्र सिंह के जाने के बाद अब कांग्रेस को करनी होगी नए नेता की तलाश: प्रो. धूमल

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ बिताए हुए दिनों को याद करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री धूमल ने कहा कि वीरभद्र सिंह शालीन व्यक्तित्व के मालिक थे. उनकी कमी कभी भी पूरी नहीं हो पाएगी. उनके जाने के बाद अब कांग्रेस को नए नेता की तलाश करनी होगी.

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Published : Jul 11, 2021, 4:49 PM IST

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फोटो.

हमीरपुर: हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रो. प्रेमकुमार धूमल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राजनीति में अपने चिर प्रतिद्वंदी वीरभद्र के साथ बताई हुई यादें साझा की. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की कमी पूरी नहीं हो पाएगी.

पुरानी यादों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री बने तो वह जाखू मंदिर गए. वहां वे पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के घर पर ठहरे. इसके बाद वीरभद्र सिंह उनसे मिलने ओक ओवर में आए. धूमल ने कहा कि उन्हें वीरभद्र सिंह के सामने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने से हिचकिचाहट हो रही थी. लेकिन, वीरभद्र सिंह ने उन्हें पकड़कर कुर्सी पर बिठाया और कहा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी की अपनी अलग गरिमा होती है. वीरभद्र सिंह शालीन व्यक्तित्व के मालिक थे, वे अपने संबोधन से पहले सभी को पूरा सम्मान देते थे.

वीडियो.

प्रदेश की राजनीति में बदलाव को लेकर उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर कांग्रेस उनके नाम और काम पर वोट ले सकती थी और उनको नेता भी प्रोजेक्ट कर सकती थी. लेकिन, अब कांग्रेस को नए नेता की तलाश करनी होगी. एक दल की रणनीति बदलने पर दूसरे दल की रणनीति पर भी निश्चित तौर पर बदलाव होता है.

एक और किस्सा साझा करते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा में जब एक मंत्री से उनकी काफी गहमागहमी हो गई. इस दौरान उन्होंने गुस्से में बहुत कुछ कह दिया, लेकिन बाद में विधानसभा अध्यक्ष से इस गहमागहमी को रिकॉर्ड से हटाने की बात भी कही. वे गुस्सा करते थे लेकिन जब उन्हें एहसास होता था तो वह उसको लेकर माफी भी मांगते थे. ये वही इंसान कर सकता है जिसका दिल बहुत बड़ा हो.

ये भी पढे़ं: PM मोदी को अनुराग ठाकुर पर भरोसा, मेहनत से हासिल किया मुकाम: धूमल

हमीरपुर: हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रो. प्रेमकुमार धूमल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राजनीति में अपने चिर प्रतिद्वंदी वीरभद्र के साथ बताई हुई यादें साझा की. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की कमी पूरी नहीं हो पाएगी.

पुरानी यादों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री बने तो वह जाखू मंदिर गए. वहां वे पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के घर पर ठहरे. इसके बाद वीरभद्र सिंह उनसे मिलने ओक ओवर में आए. धूमल ने कहा कि उन्हें वीरभद्र सिंह के सामने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने से हिचकिचाहट हो रही थी. लेकिन, वीरभद्र सिंह ने उन्हें पकड़कर कुर्सी पर बिठाया और कहा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी की अपनी अलग गरिमा होती है. वीरभद्र सिंह शालीन व्यक्तित्व के मालिक थे, वे अपने संबोधन से पहले सभी को पूरा सम्मान देते थे.

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प्रदेश की राजनीति में बदलाव को लेकर उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर कांग्रेस उनके नाम और काम पर वोट ले सकती थी और उनको नेता भी प्रोजेक्ट कर सकती थी. लेकिन, अब कांग्रेस को नए नेता की तलाश करनी होगी. एक दल की रणनीति बदलने पर दूसरे दल की रणनीति पर भी निश्चित तौर पर बदलाव होता है.

एक और किस्सा साझा करते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा में जब एक मंत्री से उनकी काफी गहमागहमी हो गई. इस दौरान उन्होंने गुस्से में बहुत कुछ कह दिया, लेकिन बाद में विधानसभा अध्यक्ष से इस गहमागहमी को रिकॉर्ड से हटाने की बात भी कही. वे गुस्सा करते थे लेकिन जब उन्हें एहसास होता था तो वह उसको लेकर माफी भी मांगते थे. ये वही इंसान कर सकता है जिसका दिल बहुत बड़ा हो.

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