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हमीरपुर में कांग्रेस में सेंध नहीं लगा पाई भाजपा, क्या अब टिकट आवंटन में होगी बड़ी सर्जरी - ticket distribution in BJP in Hamirpur

हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Elections 2022) से पहले सूबे में टिकट आवंटन को लेकर राजनीतिक दलों मंथन का दौर जारी है. हिमाचल चुनाव के मुहाने पर खड़ा है, लेकिन टिकट बंटवारा और दल-बदल की राजनीति प्रदेश में चरम पर है. वैसे तो चुनाव से पहले बीजेपी ने कांग्रेस नेताओं को पार्टी में शामिल करके, कांग्रेस को एक से बढ़कर एक झटके दिए दिए हैं, लेकिन हमीरपुर जिले में कांग्रेस में भाजपा स्ट्राइक नहीं कर पाई है. हमीरपुर जिले में परंपरागत चेहरों के बजाय भाजपा यहां पर नए चेहरों पर दांव चल सकती है. हमीरपुर जिले में वर्तमान में पांचों विधानसभा क्षेत्रों में ही यह सियासी उलझन बनी हुई है. हमीरपुर जिले की सियासी गणित समझने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

ticket distribution in BJP in Hamirpur
हमीरपुर में टिकट आवंटन
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Published : Oct 6, 2022, 10:33 PM IST

हमीरपुर: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Elections 2022) से पहले हमीरपुर जिले में भाजपा हर विधानसभा क्षेत्र में टिकट आवंटन की दृष्टि से उलझन में है. तमाम दावों और चर्चाओं के बावजूद हमीरपुर जिले में कांग्रेस में भाजपा स्ट्राइक नहीं कर पाई है. ऐसे में क्या अब भाजपा टिकट आवंटन में हमीरपुर जिले में बड़े स्तर पर सियासी सर्जरी करेगी? क्या यहां पर मिशन रिपीट के लिए भाजपा हाईकमान वर्तमान विधायकों के टिकट काटने के साथ ही नए चेहरों का प्रयोग करेगी? सियासी जानकारों की माने तो फिलहाल कांग्रेस ने स्ट्राइक करने में नाकाम रही भाजपा यहां कि सिटिंग विधायकों के टिकट काटने पर भी पार्टी विचार करने की तरफ बढ़ सकती है. (ticket distribution in BJP in Hamirpur)

परंपरागत चेहरों के बजाय भाजपा यहां पर नए चेहरों पर दांव चल सकती है. हमीरपुर जिले में वर्तमान में पांचों विधानसभा क्षेत्रों में ही यह सियासी उलझन बनी हुई है. 2 दफा से अधिक चुनाव हारने वाले प्रत्याशियों पर दाव चलने के मूड में पार्टी नजर नहीं आ रही है ऐसे में इन प्रत्याशियों के हाथ में भी हताशा लग सकती है. जिला में कुछ ऐसे चेहरे भी भाजपा के लिए मुश्किल बने हुए हैं जो पिछली दफा टिकट कटने की वजह से पार्टी से बागी होकर व्यक्तिगत तौर पर अपने चुनाव प्रचार में जुटे हैं. (5 Assembly constituencies in Hamirpur District)

ईटीवी भारत इस रिपोर्ट में हर विधानसभा क्षेत्र की वर्तमान स्थिति पर चर्चा (Himachal Seat Scan) करेगा. यहां पर कांग्रेस संगठन में भाजपा की सियासी स्ट्राइक की चर्चा इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि यह वह जिला है जिसे कांग्रेस हाईकमान की तरफ से चुनावों के दृष्टिगत संगठन में किए गए बदलावों में अधिक महत्व दिया गया है. इस जिला से ताल्लुक रखने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू को हिमाचल कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया है तो वही राजेंद्र राणा को भी कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. कांग्रेस संगठन में यहां पर तोड़फोड़ के प्रयासों की तमाम सियासी चर्चाओं के बीच अभी तक भाजपा सेंधमारी नहीं कर पाई है.

हमीरपुर में एक अनार सौ बीमार, क्या कटेगा सिटिंग विधायक का टिकट: बात हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र (Hamirpur Assembly Constituency) की करें तो यहां पर पार्टी टिकट के तलबगारों की भरमार सबसे अधिक है. यहां पर हालात एक अनार सौ बीमार वाले हैं. यहां पर वर्तमान में भाजपा के विधायक नरेंद्र ठाकुर है जो भाजपा के हिमाचल में संस्थापक सदस्य रहे दिवंगत नेता जगदेव चंद के बेटे हैं. हमीरपुर सीट से भाजपा (BJP candidate from Hamirpur seat) को पहली दफा जगदेव चंद ने ही जीत दिलाई थी. इस विधानसभा क्षेत्र से भाजपा से ताल्लुक रखने वाले एक दो नहीं बल्कि आधा दर्जन के लगभग तलबगार टिकट की आस लगाए बैठे हैं. इस सूची में सबसे ऊपर हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के प्रदेश समन्वयक नवीन शर्मा हैं. नवीन शर्मा के अलावा उषा बिरला, अजय शर्मा, नरेश कुमार दर्जी टिकट की दौड़ में है. आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके आशीष शर्मा का झुकाव भी भाजपा की तरफ ही माना जाता है.

ticket distribution in BJP in Hamirpur
फोटो.

भोरंज में पूर्व विधायक के बागी तेवर से कमलेश कुमारी की मुश्किलें बढ़ी: भोरंज विधानसभा क्षेत्र (Bhoranj Assembly Constituency) में पूर्व विधायक अनिल धीमान के बागी तेवरों के चलते कमलेश कुमारी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. विधायक कमलेश कुमारी को वर्तमान भाजपा सरकार में संगठन के साथ ही सरकार में भी मजबूत करने के प्रयास हुए हैं। संगठन में प्रदेश स्तर पर दायित्व के साथ ही उन्हें विधानसभा की उप मुख्य सचेतक बनाया गया है. यहां पर भाजपा के दिवंगत नेता आईडी धीमान के बेटे पूर्व विधायक अनिल धीमान भी टिकट की दौड़ में है और वह लगातार चुनाव लड़ने के लिए लोगों के बीच में प्रचार अभियान में जुटे हैं. अनिल धीमान को भाजपा के प्रभारी अविनाश राय खन्ना और राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी भी मनाने का प्रयास कर चुके हैं, लेकिन उनके कड़े तेवर लगातार पार्टी और विधायक कमलेश कुमारी के लिए चुनौती बने हुए हैं.

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फोटो.

नादौन और बड़सर में भाजपा के लिए चुनौती: बड़सर और नादौन में भाजपा के लिए पिछले कुछ सालों से लगातार चुनौती बने हुए. बड़सर में भाजपा 10 साल से जीत हासिल नहीं कर पाई है. यहां पर भाजपा को लगातार दो बार हार का सामना करना पड़ा है वहीं नादौन में भी पिछली दफा भाजपा प्रत्याशी जीत हासिल नहीं कर पाए थे. हालांकि नादौन के बजाय बड़सर में अधिक भाजपा नेता टिकट की दौड़ में है. बड़सर में भाजपा जिला अध्यक्ष बलदेव शर्मा, विनोद ठाकुर और कमलनयन टिकट की दौड़ में है. यहां पर दिवंगत भाजपा नेता राकेश शर्मा बबली के निधन के बाद उनके परिवार से पत्नी अथवा भाई को टिकट देने की संभावना को नहीं नकारा जा सकता है. नादौन में एचआरटीसी के वाइस चेयरमैन पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री के साथ ही बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष वंदना योगी भी टिकट की दौड़ में है. (Barsar assembly Constituency) (Nadaun assembly Constituency)

सुजानपुर में धूमल ही एकमात्र विकल्प, राणा की जमीनी पकड़ बड़ी चुनौती: सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र (Sujanpur Assembly Constituency) में भाजपा के लिए पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल एकमात्र विकल्प है. यहां पर धूमल चुनाव लड़ेंगे अथवा नहीं इस को लेकर हाईकमान की तरफ से कोई संकेत नहीं दिए गए हैं जबकि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल चुनावी दृष्टि से यहां पर पूरी तरह से सक्रिय हैं. पूर्व मुख्यमंत्री धूमल के चुनाव लड़ने पर यहां पर एक बार फिर कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है. पूर्व मुख्यमंत्री धूमल चुनाव लड़ने का सवाल सामने आने पर हमेशा हाईकमान के आदेशों का हवाला देते हैं. वह चुनावी दृष्टि से तो क्षेत्र में पूरी तरह से सक्रिय हैं लेकिन अभी हाईकमान के आदेशों का इंतजार कर रहे हैं. कांग्रेसी विधायक राजेंद्र राणा की जमीनी पकड़ यहां पर भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई हैं. (Himachal Former CM Prem Kumar Dhumal)

ये भी पढ़ें: हमीरपुर में जनप्रतिनिधियों से सीधा संवाद करेंगे जेपी नड्डा, 9 अक्टूबर को होगा सम्मेलन

हमीरपुर: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Elections 2022) से पहले हमीरपुर जिले में भाजपा हर विधानसभा क्षेत्र में टिकट आवंटन की दृष्टि से उलझन में है. तमाम दावों और चर्चाओं के बावजूद हमीरपुर जिले में कांग्रेस में भाजपा स्ट्राइक नहीं कर पाई है. ऐसे में क्या अब भाजपा टिकट आवंटन में हमीरपुर जिले में बड़े स्तर पर सियासी सर्जरी करेगी? क्या यहां पर मिशन रिपीट के लिए भाजपा हाईकमान वर्तमान विधायकों के टिकट काटने के साथ ही नए चेहरों का प्रयोग करेगी? सियासी जानकारों की माने तो फिलहाल कांग्रेस ने स्ट्राइक करने में नाकाम रही भाजपा यहां कि सिटिंग विधायकों के टिकट काटने पर भी पार्टी विचार करने की तरफ बढ़ सकती है. (ticket distribution in BJP in Hamirpur)

परंपरागत चेहरों के बजाय भाजपा यहां पर नए चेहरों पर दांव चल सकती है. हमीरपुर जिले में वर्तमान में पांचों विधानसभा क्षेत्रों में ही यह सियासी उलझन बनी हुई है. 2 दफा से अधिक चुनाव हारने वाले प्रत्याशियों पर दाव चलने के मूड में पार्टी नजर नहीं आ रही है ऐसे में इन प्रत्याशियों के हाथ में भी हताशा लग सकती है. जिला में कुछ ऐसे चेहरे भी भाजपा के लिए मुश्किल बने हुए हैं जो पिछली दफा टिकट कटने की वजह से पार्टी से बागी होकर व्यक्तिगत तौर पर अपने चुनाव प्रचार में जुटे हैं. (5 Assembly constituencies in Hamirpur District)

ईटीवी भारत इस रिपोर्ट में हर विधानसभा क्षेत्र की वर्तमान स्थिति पर चर्चा (Himachal Seat Scan) करेगा. यहां पर कांग्रेस संगठन में भाजपा की सियासी स्ट्राइक की चर्चा इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि यह वह जिला है जिसे कांग्रेस हाईकमान की तरफ से चुनावों के दृष्टिगत संगठन में किए गए बदलावों में अधिक महत्व दिया गया है. इस जिला से ताल्लुक रखने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू को हिमाचल कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया है तो वही राजेंद्र राणा को भी कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. कांग्रेस संगठन में यहां पर तोड़फोड़ के प्रयासों की तमाम सियासी चर्चाओं के बीच अभी तक भाजपा सेंधमारी नहीं कर पाई है.

हमीरपुर में एक अनार सौ बीमार, क्या कटेगा सिटिंग विधायक का टिकट: बात हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र (Hamirpur Assembly Constituency) की करें तो यहां पर पार्टी टिकट के तलबगारों की भरमार सबसे अधिक है. यहां पर हालात एक अनार सौ बीमार वाले हैं. यहां पर वर्तमान में भाजपा के विधायक नरेंद्र ठाकुर है जो भाजपा के हिमाचल में संस्थापक सदस्य रहे दिवंगत नेता जगदेव चंद के बेटे हैं. हमीरपुर सीट से भाजपा (BJP candidate from Hamirpur seat) को पहली दफा जगदेव चंद ने ही जीत दिलाई थी. इस विधानसभा क्षेत्र से भाजपा से ताल्लुक रखने वाले एक दो नहीं बल्कि आधा दर्जन के लगभग तलबगार टिकट की आस लगाए बैठे हैं. इस सूची में सबसे ऊपर हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के प्रदेश समन्वयक नवीन शर्मा हैं. नवीन शर्मा के अलावा उषा बिरला, अजय शर्मा, नरेश कुमार दर्जी टिकट की दौड़ में है. आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके आशीष शर्मा का झुकाव भी भाजपा की तरफ ही माना जाता है.

ticket distribution in BJP in Hamirpur
फोटो.

भोरंज में पूर्व विधायक के बागी तेवर से कमलेश कुमारी की मुश्किलें बढ़ी: भोरंज विधानसभा क्षेत्र (Bhoranj Assembly Constituency) में पूर्व विधायक अनिल धीमान के बागी तेवरों के चलते कमलेश कुमारी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. विधायक कमलेश कुमारी को वर्तमान भाजपा सरकार में संगठन के साथ ही सरकार में भी मजबूत करने के प्रयास हुए हैं। संगठन में प्रदेश स्तर पर दायित्व के साथ ही उन्हें विधानसभा की उप मुख्य सचेतक बनाया गया है. यहां पर भाजपा के दिवंगत नेता आईडी धीमान के बेटे पूर्व विधायक अनिल धीमान भी टिकट की दौड़ में है और वह लगातार चुनाव लड़ने के लिए लोगों के बीच में प्रचार अभियान में जुटे हैं. अनिल धीमान को भाजपा के प्रभारी अविनाश राय खन्ना और राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी भी मनाने का प्रयास कर चुके हैं, लेकिन उनके कड़े तेवर लगातार पार्टी और विधायक कमलेश कुमारी के लिए चुनौती बने हुए हैं.

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नादौन और बड़सर में भाजपा के लिए चुनौती: बड़सर और नादौन में भाजपा के लिए पिछले कुछ सालों से लगातार चुनौती बने हुए. बड़सर में भाजपा 10 साल से जीत हासिल नहीं कर पाई है. यहां पर भाजपा को लगातार दो बार हार का सामना करना पड़ा है वहीं नादौन में भी पिछली दफा भाजपा प्रत्याशी जीत हासिल नहीं कर पाए थे. हालांकि नादौन के बजाय बड़सर में अधिक भाजपा नेता टिकट की दौड़ में है. बड़सर में भाजपा जिला अध्यक्ष बलदेव शर्मा, विनोद ठाकुर और कमलनयन टिकट की दौड़ में है. यहां पर दिवंगत भाजपा नेता राकेश शर्मा बबली के निधन के बाद उनके परिवार से पत्नी अथवा भाई को टिकट देने की संभावना को नहीं नकारा जा सकता है. नादौन में एचआरटीसी के वाइस चेयरमैन पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री के साथ ही बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष वंदना योगी भी टिकट की दौड़ में है. (Barsar assembly Constituency) (Nadaun assembly Constituency)

सुजानपुर में धूमल ही एकमात्र विकल्प, राणा की जमीनी पकड़ बड़ी चुनौती: सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र (Sujanpur Assembly Constituency) में भाजपा के लिए पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल एकमात्र विकल्प है. यहां पर धूमल चुनाव लड़ेंगे अथवा नहीं इस को लेकर हाईकमान की तरफ से कोई संकेत नहीं दिए गए हैं जबकि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल चुनावी दृष्टि से यहां पर पूरी तरह से सक्रिय हैं. पूर्व मुख्यमंत्री धूमल के चुनाव लड़ने पर यहां पर एक बार फिर कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है. पूर्व मुख्यमंत्री धूमल चुनाव लड़ने का सवाल सामने आने पर हमेशा हाईकमान के आदेशों का हवाला देते हैं. वह चुनावी दृष्टि से तो क्षेत्र में पूरी तरह से सक्रिय हैं लेकिन अभी हाईकमान के आदेशों का इंतजार कर रहे हैं. कांग्रेसी विधायक राजेंद्र राणा की जमीनी पकड़ यहां पर भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई हैं. (Himachal Former CM Prem Kumar Dhumal)

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