हमीरपुर: दो दिन की नवजात बच्ची की मौत के मामले में मेडिकल काॅलेज हमीरपुर प्रबंधन की गैर संजीदगी सामने आई है. इस मसले पर प्रबंधन की तरफ से विभागीय जांच तो दूर, पुलिस को दी गई शिकायत को भी बड़े हल्के में लिया जा रहा है. मामले में मेडिकल काॅलेज हमीरपुर के प्रधानाचार्य से लेकर संबंधित विभाग के एचओडी के पास कोई जवाब (newborn girl death in Medical College Hamirpur) ही नहीं है. प्रधानाचार्य का कहना है कि एमएस इस मामले को डील करेंगे और एचओडी का कहना है कि एमएस ऑफिस से आदेश के बाद ही वह जांच करेंगे.
24 घंटे बाद भी जांंच नहीं हुई शुरू: मेडिकल काॅलेज प्रबंधन 24 घंटे बाद इस मामले में जांच की ओर नहीं बढ़ सका है. मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल हमीरपुर के एमएस डॉ. रमेश चौहान शुक्रवार को शिमला में थे. उन्हें विभाग और संबंधित डॉक्टर से इस विषय पर कोई जवाब नहीं मिल सका. ऐसे में सवाल उठता है कि जिस परिवार की दो दिन की मासूम बच्ची काल का ग्रास बन गई है उस परिवारों के आरोपों और सवालों के प्रति मेडिकल काॅलेज प्रबंधन इतना गैर संजीदा कैसे हो सकता है.
परिजनों का आरोप, मासूम को लगाया गलत टीका: दरअसल हमीरपुर में कथित तौर पर गलत टीका लगाने से दो दिन की नवजात बच्ची की मौत का मामला वीरवार देर शाम सामने आया था. मामले में बच्ची के माता पिता ने सदर थाना हमीरपुर में शिकायत सौंपी है. परिजनों का कहना है कि उनकी बच्ची की सेहत अच्छी थी और मां बेटी को डिस्चार्ज करने की बात डॉक्टर की तरफ से की गई थी. परिजनों ने यह भी दावा किया है कि जो टीका किसी अन्य बच्चे को लगाया जाना था वह गलती से मेडिकल काॅलेज के स्टाफ ने उनकी बेटी को लगा दिया, जिससे उनकी बच्ची की मौत हो गई.
टीका लगने के 5 मिनट बाद ही हो गई बच्ची की मौत: यह घटना वीरवार देरशाम की है. साढ़े छह बजे के करीब बच्ची को टीका लगाया गया और पांच मिनट के बाद ही बच्ची की मौत हो गई. परिजनों ने इसके बाद पुलिस में शिकायत दी. परिजनों की तरफ से शिकायत लिखने के बाद सदर थाना की टीम मौके से लौट गई लेकिन इसके बाद भी यहां पर शिकायत करने वालें परिजनों की मुश्किलें कम नहीं हुई. बताया जा रहा है कि देर रात नन्ही बच्ची के परिजनों को घर जाने के लिए 108 अथवा 102 एंबुलेंस तक मुहैया नहीं हुई. जिस वजह से यह लोग देररात तक अस्पताल में भटकते रहे. मृत नन्ही बच्ची को लेकर सरकाघाट गाहर निवासी विशन दत्त ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगाए है.
मृत मासूम का माता-पिता टूटे, फूट-फूट कर रोए: मंडी जिला के सरकाघाट उपमंडल की गाहर पंचायत के रहने वाले विशन ने दो दिन की मासूम बच्ची को खोने के साथ हिम्मत को भी खो दिया है. अब न्याय तो दूर जांच की उम्मीद भी इस परिवार को नहीं है. दरअसल देररात मृत बच्ची को लेकर जब परिवार ने घर लौटना था तो उन्हें एंबुलेंस तक नहीं मिली. परिवार घर लौट गया और शुक्रवार को फिर मेडिकल काॅलेज में आने की योजना बनाई लेकिन यहां तक पहुंचने की हिम्मत नहीं जुटा पाया. जब विशन से फोन पर बात की गई तो वह यह कहकर कर फूट-फूट कर रोया कि रात को मेरा किसी ने साथ नहीं दिया. अब फिर हमीरपुर आकर भी क्या होगा. ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि पत्थर से हो चुके सिस्टम में क्या जान इतनी सस्ती है कि कोई जवाबदेह बनने को ही तैयार नहीं है.
किसी से नहीं मिला संतोषजनक जवाब: मेडिकल काॅलेज हमीरपुर (Medical College Hamirpur) की प्रधानाचार्य डॉ. सुमन यादव ने कहा कि इस मामले में एमएस डाक्टर रमेश चौहान ही कुछ कह सकते है. वहीं, एमएस डॉक्टर रमेश चैहान का कहना है कि वह शिमला गए हैं. इस विषय के बारे संबंधित विभाग के डॉक्टर से कई दफा जानकारी लेने का प्रयास किया है लेकिन जानकारी नहीं मिल पाई है. संबंधित विभाग के एचओडी डॉक्टर संजीव का कहना है कि इस मामले में जांच के लिखित आदेश एमएस की तरफ से नहीं आए हैं. ऐसे में वह इस पर कुछ नहीं कह सकते हैं.
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