हमीरपुर: जहरीली शराब कांड मामले में अब एक बड़ा खुलासा हुआ (Illegal Liquor case in Himachal) है. हमीरपुर में निष्कासित कांग्रेसी नेता नीरज ठाकुर (Expelled Congress leader Neeraj Thakur in Hamirpur) के शराब ठेकों से बरामद शराब जानलेवा नहीं पाई गई है. शराब कारोबारी नीरज के ठेकों से बरामद शराब में जानलेवा मेथनाॅल नहीं पाया गया है. कुछ प्रतिबंधित तत्व जरूर इस शराब में मिले हैं, लेकिन यह तत्व इतने घातक नहीं हैं कि इससे किसी की जान चली जाए. हमीरपुर पुलिस को एफएसएल लैंब कंडाघाट (FSL Lamb Kandaghat) से मिली रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है.
शराब कांड के मामले में मंडी जिला के सलापड़ और कांगू निवासी सात मृतकों के विसरा में मेथनाॅल पाई गई थी. यह बात भी निकल सामने आई थी कि शराब को अधिक नशीला बनाने के लिए एथेनाॅल (पीने योग्य अल्कोहल) में मेथेनाॅल (इंडस्ट्रियल ऐल्कोहॉल) मिलाई गई थी. जिससे यह शराब जहरीली बन गई. प्रारंभिक जांच में मृतकों के विसरा जांच में मेथनाॅल की पुष्टि हुई थी. इस आधार पर ही जांच टीम ने प्रदेशभर से बरामद की गई नकली अवैध शराब के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे थे. लेकिन शराब में मेथनाॅल की पुष्टि नहीं हुई है. 29 आरोपियों के खिलाफ अभियोग साबित करने में बरामद किए शराब के सैंपल की रिपोर्ट अहम भूमिका अदा करेगी. आरोपी नीरज ठाकुर इस मामले में अन्य आरोपियों के साथ अभी सलाखों के पीछे हैं, उन्हें अभी तक जमानत नहीं मिल पाई है.
मंडी पुलिस को अभी भी कई सैंपल की रिपोर्ट का इंतजार: इसी साल जनवरी में मंडी जिले के सलापड़ और कांगू पंचायत में जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में मृतकों के विसरा में मेथेनाॅल पाई गई थी, हालांकि अभी तक मंडी पुलिस की तरफ से यह स्पष्ट नहीं किया है कि बरामद किए गए अवैध शराब में मेथनाॅल पाया गया है या नहीं. मंडी पुलिस के मुताबिक अभी तक लैब भेजे गए अवैध शराब के कई सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है. मंडी पुलिस और एसआईटी की तरफ से हमीरपुर और नालागढ़ में चल रहे अवैध शराब कारखाने तथा मंडी जिला में बरामद अवैध शराब के सैंपल भेजे गए थे, इनमें कुछ की रिपोर्ट आ गई है और कुछ सैंपल की रिपोर्ट आना अभी बाकी है.
नीरज ठाकुर के 13 शराब ठेके किए गए थे सील: निष्कासित कांग्रेस नेता और शराब ठेकेदार नीरज को जनवरी माह में जहरीली शराब के मामले में एसआईटी ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद विभाग ने नीरज ठाकुर के 13 शराब ठेके भी सील किए थे. जिन शराब ठेकों में वीआरवी फूल्स मार्का की नकली शराब बरामद की गई थी. इस शराब के सैंपल हमीरपुर पुलिस ने जांच के लिए एफएसएल लैब कंडाघाट भेजे थे. आबकारी एवं कराधान विभाग ने इन शराब ठेकों को सील करने के बाद में इन्हें नए सिरे से आवंटित कर दिया है. गौरतलब है कि नकली शराब से मौत मामले में वीआरवी फूल्स नाम से नकली ब्रांड भी बनाया गया था. जिसके बाद पुलिस ने इस ब्रांड की शराब प्रदेश के कई ठेकों से सैंपल के लिए इकट्ठा की थी.
मेथनाॅल शराब को बना देती है जहरीला और जानलेवा: रसायन विज्ञान की दुनिया मेथेनाॅल को सबसे सरल ऐल्कोहॉल माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक यह रंगहीन और ज्वलनशील है और इसकी गंध एथेनाॅल जैसी ही होती है, हालांकि मेथेनाॅल बेहद ही जहरीली चीज है. मेथेनाॅल युक्त कोई भी पदार्थ पीने से मौत हो सकती है और इससे आंखों की रोशनी जा सकती है. औद्योगिक क्षेत्र में इसका बड़े स्तर पर उपयोग होता है. सामान्य शराब एथेनाॅल ऐल्कोहॉल होती है. सामान्य शराब यानि एथेनाॅल ऐल्कोहॉल में मेथनाॅल मिलाया जाए, तो जहरीली शराब मेथेनाॅल ऐल्कोहॉल का रूप ले लेती है, जो बेहद जानलेवा साबित होती है.
क्या कहते हैं पुलिस अधीक्षक हमीरपुर: वहीं, जब इस बारे में एसपी हमीरपुर आकृति शर्मा (SP Hamirpur Aakriti Sharma) से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि शराब ठेकेदार नीरज ठाकुर के शराब ठेकों से जो शराब बरामद की गई थी. उसके सैंपल एफएसएल लैब कंडाघाट में जांच के लिए भेजे गए थे. इन सैंपल की रिपोर्ट आ गई है. सैंपल में जानलेवा मेथेनाॅल नहीं पाया गया है.