हमीरपुर: केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के गृह जिले (union sports minister anurag thakur) में फास्ट फूड की रेहड़ी लगाकर परिवार पाल रही हॉकी की नेशनल खिलाड़ी नेहा सिंह (National hockey players neha singh) के हालात अब सुधरने लगे हैं. झुग्गी में गुजर-बसर कर रहे इस नेशनल प्लेयर के परिवार को अब जल्द ही नया आशियाना मिलेगा. इतना ही नहीं टाटा फाउंडेशन (Tata foundation helped Neha singh) की तरफ से नेहा और उनके भाई-बहन की पढ़ाई का खर्च उठाने की भी पहल की गई है. ईटीवी भारत के सबसे पहले नेहा सिंह के हालात को दुनिया के सामने लाया था. जिसके उनकी मदद का सिलसिला शुरू हो गया.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में नेहा सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (pradhan mantri awas yojana hamirpur) के तहत घर के निर्माण के लिए पैसा मिल गया है. स्थानीय समाजसेवी आशीष शर्मा ने भी घर के निर्माण के लिए उनकी काफी मदद की है और अब घर में छत डाला जाना ही बाकी है. कांग्रेस नेताओं के तरफ से भी उन्हें 21000 रुपये की आर्थिक मदद (HPCC chief helped Neha Singh) दी गई है और टाटा फाउंडेशन की तरफ से उसका और उसके भाई-बहन का पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए पहल की गई है.
नेहा ने ईटीवी भारत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ईटीवी भारत की वजह से ही उनकी आवाज लोगों और सरकार तक पहुंची. जिसका नतीजा मदद के रूप में देखने को मिल रहा है. नेहा कहती हैं कि अब चिंता सिर्फ इस बात की सता रही है कि अगर लॉकडाउन लगा तो उनकी रोजी-रोटी कैसे चलेगी. परिवार का खर्च कैसे निकलेगा और पिता का इलाज कैसे होगा.
इन दिनों जिले में बाजार खुलने का समय सुबह 6:00 से शाम 6:00 बजे के समय सीमा तय की गई है. शाम को जिस वक्त रेहड़ी पर खाने पीने के लिए लोग पहुंचना शुरू होते हैं, तब तक दुकान बंद करने का समय हो जाता है. ऐसे में दैनिक खर्च निकालने के लिए नेहा सिंह को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. फिलहाल नेहा के पिता चंद्र सिंह की सेहत में सुधार है.
नेहा सिंह के पिता चंद्र सिंह का कहना है कि अब सेहत में थोड़ा सुधार है, लेकिन काम नहीं कर पा रहे हैं. अब यह चिंता सता रही है कि यदि काम बंद होता है तो परिवार का गुजारा कैसे चलेगा. बेटी को यदि नौकरी मिल जाती है तो परिवार की परेशानी भी कुछ हद तक कम हो जाएगी. नेहा सिंह की माता निर्मला का कहना है कि घर की छत का लेंटर ही डालना बाकी रह गया है. जिला प्रशासन की ओर से दुकान के बंद करने की समय सीमा जारी कर देने से परेशानी बढ़ गई है.
गौरतलब है कि नेहा सिंह कई बार राष्ट्रीय खेल हॉकी में नेशनल खेल चुकी है, लेकिन पिता चंद्र सिंह के अचानक बीमार होने से उसके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी आ गई है. नेहा सिंह अपने परिवार को पाने के लिए हमीरपुर बाजार में ही फास्ट फूड की रेहड़ी चला रही हैं. नेहा सिंह के परिवार के समस्या को ईटीवी भारत ने कुछ समय पहले ही प्रमुखता से उठाया था, उसके बाद इस परिवार की कई संस्थाओं और लोगों की तरफ से मदद की गई और सरकार की तरफ से भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तक अटके हुए बजट को जल्द जारी किया.
ये भी पढ़ें: बेरोजगारी का आलम... मछली तलने को मजबूर हॉकी की नेशनल खिलाड़ी नेहा सिंह