हमीरपुर: पंजाब सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में तैनात डॉक्टरों के सेवाकाल की अवधि को 60 से कम करके 58 साल कर दिया है. हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन (Himachal Medical Officers Association) ने भी प्रदेश सरकार से हिमाचल में कार्यरत चिकित्सकों के सेवाकाल को 58 साल करने की मांग की है. हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के महासचिव डॉ. पुष्पेन्द्र वर्मा ने कहा कि सरकार को डब्ल्यूएचओ (WHO) के मानकों को ध्यान में रखते हुए नए डॉक्टरों की भर्ती करनी चाहिए. एसोसिएशन पहले से ही सेवाकाल अवधि को 58 साल रखने की मांग करता रहा है.
डॉ. पुष्पेन्द्र वर्मा ने कहा कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में 7 मेडिकल कॉलेज हैं. जहां से हर साल 700 से 800 नए डॉक्टर बन कर निकलते हैं. ऐसे में उनको प्रदेश में ही रोजगार देने व डब्ल्यूएचओ के मानकों को पूरा करने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि हिमाचल में जनसंख्या के अनुपात के अनुसार डॉक्टरों की संख्या बहुत कम है. ऐसे में सरकार को प्रदेश में डॉक्टरों का सेवाकाल 58 साल तक करना चाहिए. उन्होंने हिमाचल के डॉक्टरों के लिए वॉक-इन-इंटरव्यू (walk in interview) को फिर से शुरू करने की मांग भी की.
डॉ. पुष्पेन्द्र वर्मा ने सरकार से डॉक्टरों की नियमित पदोन्नति करने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में विभिन्न अस्पतालों में बीएमओ, सीएमओ व उप निदेशकों के पद खाली चल रहे हैं, उन्हें जल्द भरा जाना चाहिए. उन्होंने विभिन्न सरकारी कर्मचारी संगठनों द्वारा की जा रही पुरानी पेंशन सेवा बहाल करने की मांग का समर्थन किया. पेंशन की बहाली से डॉक्टरों में सामाजिक सुरक्षा की भावना पैदा होगी और ज्यादा डॉक्टर सरकारी नौकरी की तरफ अपना रूख करेंगे .
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