हमीरपुर: प्रदेश सरकार और प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं से लोगों का विश्वास उठ चुका है. चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के कारण लोग बाहरी राज्यों का रुख करने पर मजबूर हो रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के चेयरमैन और प्रवक्ता अभिषेक राणा ने शुक्रवार को हमीरपुर में आरटीआई के तथ्यों को मीडिया कर्मियों के समक्ष रखते हुए यह बयान दिया है.
उन्होंने आरटीआई के माध्यम से खुलासा किया कि लाखों लोग प्रदेश में पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएं न होने के चलते चंडीगढ़ पीजीआई में इलाज कराने को मजबूर हैं. उसके बाद एक और आरटीआई द्वारा यह खुलासा हुआ है कि प्रदेश के हजारों लोग ओपीडी के लिए दूसरे निजी अस्पतालों में रेफर किए जा रहे हैं जोकि बहुत दुख की बात है. हम यह मानते हैं कि यह आरटीआई में दिये गए यह आंकड़े पूरी तरह सच नहीं हैं, क्योंकि आंकड़े इससे भी कहीं ज्यादा है.
मरीजों को शिमला, टांडा और हमीरपुर के निजी अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है. क्योंकि प्रदेश के अस्पतालों में इलाज के लिए जरूरी उपकरण खराब पड़े हैं. अस्पताल के अफसरों और डॉक्टरों द्वारा लगातार सरकार को लिखा जा रहा है कि उन्हें पर्याप्त उपकरण उपलब्ध करवाए जाएं और मशीनों को ठीक करवाया जाए, लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार इन मुद्दों को लेकर जरा भी गंभीर नहीं नजर आती. इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि इस सरकार को जनता के स्वास्थ्य और प्राणों से कोई लगाव नहीं है. किसी के प्राण भी चले जाएं तो शायद यह सरकार गौर नहीं करेगी.
अभिषेक राणा ने कहा कि कितने ही लोग मजबूरी में इलाज के लिए अन्य निजी अस्पतालों और पीजीआई चंडीगढ़ का रुख कर रहे हैं जिस पर ज्यादा खर्चा आता है और गरीब लोग जो खर्च नहीं कर पाते उन्हें अपने प्राणों से भी समझौता करना पड़ जाता है. कांग्रेस पार्टी हिमाचल प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं करेगी और प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ धरने प्रदर्शन कर सड़कों पर भी उतरेगी. ऐसे में भाजपा के कार्यकर्ताओं को भी अपनी सरकार के आगे जनहित में यह बात रखनी चाहिए क्योंकि बीमारियां और आपातकाल कभी भी जाति, संप्रदाय या पार्टी नहीं देखता.
ये भी पढ़ें: धर्मशाला में कांग्रेस ने निकाली रोष रैली, राठौर ने सरकार को इन मुद्दों पर घेरा