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पति की मौत होने पर दूर से शव को निहारती रही ये कोरोना योद्धा, कोविड केयर सेंटर में है कार्यरत

कोरोना महामारी के इस दौर में बडेढ़ा गांव की बह्मी देवी एक ऐसी कोरोना योद्धा हैं जो अपने पति के अंतिम समय में भी उनसे नहीं मिल सकीं. ब्रह्मी देवी स्वास्थ्य विभाग में सफाई कर्मचारी हैं और एनआईटी हमीरपुर स्थित जिला कोविड केयर सेंटर में कार्यरत हैं.

hamirpur corona warrior Brahmi Devi
बह्मी देवी.
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Published : Jul 13, 2020, 3:49 PM IST

हमीरपुरः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दौर में लोगों को विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है. स्वास्थ्य विभाग के कोरोना योद्धा इस दौर में सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं. बात सिर्फ डॉक्टर और नर्स की नहीं है, बल्कि सफाई कर्मचारी भी महामारी से जारी जंग में अपनी अहम भूमिका अदा कर रहे हैं.

कोरोना महामारी के संकट की घड़ी में विकास खंड नादौन की ग्राम पंचायत ग्वालपत्थर के बडेढ़ा गांव की बह्मी देवी एक ऐसी कोरोना योद्धा हैं जो अपने पति के अंतिम समय में भी उनसे नहीं मिल सकीं.

ब्रह्मी देवी स्वास्थ्य विभाग में सफाई कर्मचारी हैं. वर्तमान में उनकी ड्यूटी एनआईटी हमीरपुर स्थित जिला कोविड केयर सेंटर में है. बीती आठ जुलाई को उनके पति चिंत राम का आकस्मिक देहांत हो गया. उनकी ड्यूटी कोविड केयर सेंटर में थी.

ड्यूटी और फर्ज निभाने के लिए वह अपने जीवनसाथी की अंतिम घड़ियों में उनके साथ नहीं रह सकीं. हालांकि, पति के देहांत के बाद प्रशासन ने अलग से वाहन की व्यवस्था कर उन्हें दो घंटे के लिए गांव भेजा. जहां पर वह दूर से ही अपने पति की अंतिम यात्रा को निहारती रहीं.

इसके बाद दोबारा अपनी ड्यूटी पर चली गईं. क्षेत्र के लोगों ने ब्रह्मी देवी के इस त्याग व सेवाभाव को सराहा है. स्थानीय पंचायत प्रधान अर्चना सोनी, हिंद संग्राम, परिषद इकाई के पूर्व प्रधान जगजीवन पाल, बीडीसी जगदीश चंद, पूर्व प्रधान, प्रीतम चंद, संजय, पवन, दिनेश ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग करते हुए कहा कि बह्मी देवी को कोरोना योद्धा का सम्मान दिया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- बालीचौकी पंचायत समिति के गठन की प्रक्रिया शुरू, 15 जुलाई तक दर्ज होंगी आपत्तियां

ये भी पढ़ें- प्रदेश भर में 12 हजार से अधिक हेक्टेयर भूमि पर होगा पौधारोपण, रोपे जाएंगे सवा करोड़ पौधे

हमीरपुरः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दौर में लोगों को विकट परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है. स्वास्थ्य विभाग के कोरोना योद्धा इस दौर में सराहनीय सेवाएं दे रहे हैं. बात सिर्फ डॉक्टर और नर्स की नहीं है, बल्कि सफाई कर्मचारी भी महामारी से जारी जंग में अपनी अहम भूमिका अदा कर रहे हैं.

कोरोना महामारी के संकट की घड़ी में विकास खंड नादौन की ग्राम पंचायत ग्वालपत्थर के बडेढ़ा गांव की बह्मी देवी एक ऐसी कोरोना योद्धा हैं जो अपने पति के अंतिम समय में भी उनसे नहीं मिल सकीं.

ब्रह्मी देवी स्वास्थ्य विभाग में सफाई कर्मचारी हैं. वर्तमान में उनकी ड्यूटी एनआईटी हमीरपुर स्थित जिला कोविड केयर सेंटर में है. बीती आठ जुलाई को उनके पति चिंत राम का आकस्मिक देहांत हो गया. उनकी ड्यूटी कोविड केयर सेंटर में थी.

ड्यूटी और फर्ज निभाने के लिए वह अपने जीवनसाथी की अंतिम घड़ियों में उनके साथ नहीं रह सकीं. हालांकि, पति के देहांत के बाद प्रशासन ने अलग से वाहन की व्यवस्था कर उन्हें दो घंटे के लिए गांव भेजा. जहां पर वह दूर से ही अपने पति की अंतिम यात्रा को निहारती रहीं.

इसके बाद दोबारा अपनी ड्यूटी पर चली गईं. क्षेत्र के लोगों ने ब्रह्मी देवी के इस त्याग व सेवाभाव को सराहा है. स्थानीय पंचायत प्रधान अर्चना सोनी, हिंद संग्राम, परिषद इकाई के पूर्व प्रधान जगजीवन पाल, बीडीसी जगदीश चंद, पूर्व प्रधान, प्रीतम चंद, संजय, पवन, दिनेश ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग करते हुए कहा कि बह्मी देवी को कोरोना योद्धा का सम्मान दिया जाना चाहिए.

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