कांगड़ा: तिब्बती राष्ट्रीय विद्रोह की 63वीं वर्षगांठ पर तिब्बती महिला संगठन की ओर से ने मैक्लोडगंज से धर्मशाला (Rally against China in Dharamsala) के कचहरी चौक तक चीन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ एक रैली निकाली और चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस रैली में भारी संख्या में युवा बच्चों व वृद्ध तिब्बती महिलाओं ने भी भाग लिया. इस मौके पर तिब्बती महिला संगठन की अध्यक्ष तेनजिंग डोलमा ने कहा कि तिब्बत देश हमारा है और चीन को तिब्बत में तिब्बतियों के खिलाफ अपनी दमनकारी नीतियों को बंद करना होगा.
उन्होंने कहा कि अब तक लगभग 200 तिब्बतियों ने तिब्बत के भीतर विद्रोह स्वरूप आत्मदाह कर लिया है. तेनजिंग डोलमा ने कहा कि आत्मदाह करने वाले सभी तिब्बती लोगों की मांग तिब्बत की आजादी व परम पावन दलाई लामा की तिब्बत में वापसी की रही है. आधिपत्य का जो वर्तमान स्वरूप जो तिब्बत में है, तिब्बत उससे असंतुष्ट है. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है चीन को हर हालत में तिब्बत देश को आजाद करना ही होगा.
उन्होंने कहा कि अहिंसक प्रदर्शनों को चीनी सैनिकों व पुलिस दलों के आधुनिक हथियारों (Tibetan Protest March in Dharamsala) सहित दमित किया गया है. ऐसे प्रदर्शनों के पर खुली गोलीबारी में निपराध तिब्बती लोग मारे गए और आत्मदाह करने वाले संबंधियों को बिना किसी कारण से चीन के सैनिकों ने गिरफ्तार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आत्मदाह घटनाओं के पीछे चीन की दमनकारी नीतियां ही एकमात्र कारण हैं. इसके लिए तिब्बतियों को प्रदर्शन व आत्मदाह करने पर मजबूर होना पड़ रहा है.
इस दौरान सीडिंग डोलमा, उपाध्यक्ष तिब्बती महिला संगठन ने कहा कि चीन द्वारा (Tibetan Protest against China in Dharamsala) तिब्बत में हालातों को काफी खराब कर दिया गया है, इसलिए हमें अपने देश तिब्बत की आजादी और चीन के विरोध में प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि चीन ने शीघ्र ही हमारे तिब्बत देश को आजाद नहीं किया तो यह आंदोलन और उग्र रूप ले लेगा. उन्होंने तिब्बते की आजादी के लिए भारत देश से भी मदद की मांग की है. उन्होंने कहा कि तिब्बत में बड़ी संख्या में तिब्बती लोग गुम हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि चीन ने तिब्बत में हमारी मोनिस्टरी को भारी नुकसान पहुंचाया है और हमारे बोध मठों को तोड़ दिया है.
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