शिमला: अब कोरोना वायरस से भारत भी कराहने लगा है. भारत में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 134 पहुंच गई है. पंजाब के बाद मंगलवार को हरियाणा में भी तीन लोगों को कोरोना वायरस होने की पुष्टि हुई है. ऐसे में हिमाचल सरकार ने एहतियात बरतते हुए प्रदेशभर के शक्तिपीठों को बंद करने का निर्णय लिया है.
हिमाचल के पड़ोसी राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिरों में माथा टेकने आते हैं. 25 मार्च से शुरू हो रहे नवरात्रों के दोरान मंदिरों में खासी भीड़ उमड़ने की आशंका को देखते हुए सभी मंदिरों के कपाट बंद करने का निर्णय लिया गया. मंगलवार से कांगड़ा के तीनों शक्तिपीठों, ब्रजेश्वरी, चामुंडा देवी, ज्वालाजी शक्तिपीठों में कपाट बंद कर दिए हैं.
इसके साथ ही ऊना के चिंतपूर्णी, बिलासपुर के नैना देवी मंदिर, हमीरपुर के बाबा बालकनाथ मंदिर को भी बंद कर दिया गया है, ताकि मंदिरों में भीड़ को जुटने को रोका जा सके. हालांकि मंदिरों में श्रद्धालुओं के जाने पर रोक रहेगी, लेकिन मंदिर पुजारी रोजना की तरह गर्भ गृह में जाकर आरती और माता को भोग लगा सकेंगे.
डीसी कांगड़ा ने कहा कि श्रद्धालुओं को यूट्यूब चैनल और वेबकास्टिंग के माध्यम से मां की आरती के लाइव दर्शन करवाने का प्रयास किया जाएगा. वहीं, डीसी ऊना संदीप कुमार ने बताया कि श्रद्धालुओं के मंदिर में जाने पर पाबंदी रहेगी. सिर्फ मंदिर पुजारियों को ही अंदर जाने की अनुमति होगी.
बता दें कि कोरोना को लेकर लोगों में खौफ बढ़ता ही जा रहा है. वहीं, हल्की से छींक और बुखार आने पर लोग अस्पतालों में अपने इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. कोरोना को लेकर जिला कांगड़ा में धारा 144 पहले ही लागू कर दी गई है.
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