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NEW SPORTS POLICY OF HIMACHAL: ओलंपिक, एशियन और कॉमनवेल्थ खेलों के पदक विजेता को मिलेगी पेंशन- राकेश पठानिया - NEW SPORTS POLICY OF HIMACHAL

हिमाचल प्रदेश के खेल मंत्री राकेश पठानिया ने धर्मशाला में नई खेल नीति के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स ट्रेनिंग डेस्टिनेशन बनाने के लिए 58 करोड़ का प्रस्ताव है. खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी में तीन फीसदी आरक्षण देने और एथलीट को घायल होने पर एक लाख का बीमा कवर देने का प्रावधान भी किया गया है. खेल नीति 2020 में प्रदेश में स्पोर्ट्स म्यूजियम और लाइब्रेरी भी बनाई जाएगी. भाषा एवं संस्कृति और पर्यटन विभाग के साथ मिलकर स्पोर्ट्स म्यूजियम बनाया जाएगा.

SPORTS MINISTER RAKESH PATHANIA
खेल मंत्री राकेश पठानिया.
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Published : Jan 18, 2022, 3:34 PM IST

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के खेल एवं वन मंत्री राकेश पठानिया ने मंगलवार को धर्मशाला में एक प्रेस वार्ता (RAKESH PATHANIA PRESS CONFERENCE) की. इस दौरान उन्होंने सरकार द्वारा बनाई गई स्वर्ण जयंती नई खेल नीति-2021 के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नई खेल नीति (NEW SPORTS POLICY OF HIMACHAL) के अनुसार यदि कोई खिलाड़ी ओलंपिक, शीत ओलंपिक, पैरालंपिक खेलों में गोल्ड जीतेगा तो उसे तीन करोड़ रुपये, सिल्वर मेडल पर दो करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेता को एक करोड़ रुपये मिलेंगे.

नई खेल नीति में खेल संघों को मजबूत करने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं एक खेल के लिए एक ही संघ बनाने का इसमें सबसे बड़ा प्रावधान है निष्क्रिय हुए खेल संघों की मान्यता रद्द करने का भी इसमें व्यवस्था है. ओलंपिक, एशियन और कॉमनवेल्थ खेलों के पदक विजेता को पेंशन दी जाएगी. इसी के साथ अर्जुन अवार्ड, ध्यानचंद अवार्ड और राजीव गांधी खेल रत्न प्राप्त अवार्डियों को भी पेंशन मिलेगी व गांवों से शहरों तक नए स्टेडियम बनाए जाएंगे.

खेल मंत्री राकेश पठानिया.

उन्होंने बताया कि स्पोर्ट्स ट्रेनिंग डेस्टिनेशन बनाने के लिए 58 करोड़ का प्रस्ताव है. खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी में तीन फीसदी आरक्षण देने और एथलीट को घायल होने पर एक लाख का बीमा कवर देने का प्रावधान भी किया गया है. स्कूलों में फिजिकल एजुकेशन और खेलों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की व्यवस्था है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय, राज्य, जिला और उपमंडल स्तर के एथलीटों को स्कूल-कॉलेजों की हाजिरी में भी विशेष छूट दी जाएगी.

खेल नीति 2020 में प्रदेश में स्पोर्ट्स म्यूजियम और लाइब्रेरी भी बनाई जाएगी. भाषा एवं संस्कृति और पर्यटन विभाग के साथ मिलकर स्पोर्ट्स म्यूजियम बनाया जाएगा. इसमें खेल गतिविधियों से जुड़े प्रदेश के इतिहास, बेहतरीन खिलाड़ियों की जानकारी मुहैया करवाई जाएगी स्पोर्ट्स लाइब्रेरी में खेल से जुड़ी अलग-अलग तरह की लिखित सामग्री और ओलंपिक स्पोर्ट्स की किताबें उपलब्ध करवाई जाएंगी.

राकेश पठानिया ने कहा कि नई खेल नीति में एक ही संघ बनाने के अतिरिक्त डाइट मनी दोगुना करना, खिलाड़ियों को रोजगार के लिए पात्र बनाना, नए पुरस्कार शुरू करना एवं पदक विजेताओं को पेंशन जैसे प्रावधान नि:संदेह खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करेंगे. उन्होंने कहा कि खेल संघों को नेताओं और वर्षों से अध्यक्ष पद की कुर्सी पर कब्जा जमाए बैठे लोगों से छुटकारा मिलेगा व पूर्व खिलाड़ी को ही अध्यक्ष पद सौंपा जाएगा.

उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्रतिभाओं का भविष्य संवरेगा और आने वाले समय में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पहाड़ी राज्य के खिलाड़ी ज्यादा से ज्यादा नजर आएंगे. नई खेल नीति में जिस बात पर अधिक जोर दिया गया है वह है ग्रामीण प्रतिभाओं की पहचान करना. उन्होंने कहा खेल नीति में सभी विभागों को जोड़ा गया है.

ये भी पढ़ें: Republic Day 2022: कुल्लू के ढालपुर मैदान में मनाया जाएगा गणतंत्र दिवस समारोह

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के खेल एवं वन मंत्री राकेश पठानिया ने मंगलवार को धर्मशाला में एक प्रेस वार्ता (RAKESH PATHANIA PRESS CONFERENCE) की. इस दौरान उन्होंने सरकार द्वारा बनाई गई स्वर्ण जयंती नई खेल नीति-2021 के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नई खेल नीति (NEW SPORTS POLICY OF HIMACHAL) के अनुसार यदि कोई खिलाड़ी ओलंपिक, शीत ओलंपिक, पैरालंपिक खेलों में गोल्ड जीतेगा तो उसे तीन करोड़ रुपये, सिल्वर मेडल पर दो करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेता को एक करोड़ रुपये मिलेंगे.

नई खेल नीति में खेल संघों को मजबूत करने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं एक खेल के लिए एक ही संघ बनाने का इसमें सबसे बड़ा प्रावधान है निष्क्रिय हुए खेल संघों की मान्यता रद्द करने का भी इसमें व्यवस्था है. ओलंपिक, एशियन और कॉमनवेल्थ खेलों के पदक विजेता को पेंशन दी जाएगी. इसी के साथ अर्जुन अवार्ड, ध्यानचंद अवार्ड और राजीव गांधी खेल रत्न प्राप्त अवार्डियों को भी पेंशन मिलेगी व गांवों से शहरों तक नए स्टेडियम बनाए जाएंगे.

खेल मंत्री राकेश पठानिया.

उन्होंने बताया कि स्पोर्ट्स ट्रेनिंग डेस्टिनेशन बनाने के लिए 58 करोड़ का प्रस्ताव है. खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी में तीन फीसदी आरक्षण देने और एथलीट को घायल होने पर एक लाख का बीमा कवर देने का प्रावधान भी किया गया है. स्कूलों में फिजिकल एजुकेशन और खेलों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की व्यवस्था है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय, राज्य, जिला और उपमंडल स्तर के एथलीटों को स्कूल-कॉलेजों की हाजिरी में भी विशेष छूट दी जाएगी.

खेल नीति 2020 में प्रदेश में स्पोर्ट्स म्यूजियम और लाइब्रेरी भी बनाई जाएगी. भाषा एवं संस्कृति और पर्यटन विभाग के साथ मिलकर स्पोर्ट्स म्यूजियम बनाया जाएगा. इसमें खेल गतिविधियों से जुड़े प्रदेश के इतिहास, बेहतरीन खिलाड़ियों की जानकारी मुहैया करवाई जाएगी स्पोर्ट्स लाइब्रेरी में खेल से जुड़ी अलग-अलग तरह की लिखित सामग्री और ओलंपिक स्पोर्ट्स की किताबें उपलब्ध करवाई जाएंगी.

राकेश पठानिया ने कहा कि नई खेल नीति में एक ही संघ बनाने के अतिरिक्त डाइट मनी दोगुना करना, खिलाड़ियों को रोजगार के लिए पात्र बनाना, नए पुरस्कार शुरू करना एवं पदक विजेताओं को पेंशन जैसे प्रावधान नि:संदेह खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करेंगे. उन्होंने कहा कि खेल संघों को नेताओं और वर्षों से अध्यक्ष पद की कुर्सी पर कब्जा जमाए बैठे लोगों से छुटकारा मिलेगा व पूर्व खिलाड़ी को ही अध्यक्ष पद सौंपा जाएगा.

उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्रतिभाओं का भविष्य संवरेगा और आने वाले समय में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पहाड़ी राज्य के खिलाड़ी ज्यादा से ज्यादा नजर आएंगे. नई खेल नीति में जिस बात पर अधिक जोर दिया गया है वह है ग्रामीण प्रतिभाओं की पहचान करना. उन्होंने कहा खेल नीति में सभी विभागों को जोड़ा गया है.

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