धर्मशालाः जिला कांगड़ा में प्राइवेट बस ऑपरेटर वेल्फेयर सोसायटी के पदाधिकारियों ने सोमवार को डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजा और आरटीओ के समक्ष भी अपना पक्ष रखा.
वेल्फेयर सोसायटी ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती, तब तक वे अपनी बसों को सड़कों पर नहीं उतारेंगे. निजी बस आपरेटर्स का कहना है कि 60 फीसदी क्षमता के साथ बसें चलाना घाटे का सौदा है.
सोसायटी के चेयरमैन मनमोहन बेदी सहित अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि सोसायटी अपनी राज्य स्तरीय यूनियन का समर्थन करती है. निजी बस ऑपरेटर वेल्फेयर सोसायटी ने निर्णय लिया है कि जब तक सरकार निजी बस आपरेटर्स की मांगों पर विचार नहीं करती, तब तक बसों को सड़कों पर नहीं उतारा जाएगा.
उन्होंने कहा कि प्राइवेट बस आपरेटर्स ने एक सप्ताह तक बसों का संचालन किया, लेकिन उससे फायदे के बजाय नुकसान ही झेलना पड़ा. 60 फीसदी क्षमता के साथ बसें चलाना संभव नहीं है, क्योंकि इससे बसों के खर्च ही पूरे नहीं हो पाएंगे.
सोसायटी ने सिर्फ कोरोना संकट के बीच ही लोकल और बेसिक किराया बढ़ाने की मांग भी सरकार से की है. सोसायटी के महासचिव सचिन चड्डा ने कहा कि प्रदेश सरकार एचआरटीसी की तर्ज पर निजी बस आपरेटर्स को भी आर्थिक पैकेज देने की घोषणा करे.
सोसायटी पदाधिकारियों ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान हम सरकार के साथ खड़े हैं और सरकार जो भी आदेश देगी. उसे माना जाएगा, लेकिन ऐसे हालात में बसें चलाना मुश्किल है.
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