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कांगड़ा में IPH विभाग की लापरवाही, गंदी नालियों से पीने के पाइपों की हो रही निकासी

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Published : Jul 24, 2019, 11:34 PM IST

ज्वालाजी के मुख्य मंदिर मार्ग में कैनोपी के कार्य के दौरान गंदी नालियों के बीच पीने की पाइप लाइन गुजार दी है, जिसके वजह से स्थानीय लोगों में रोष है. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि पानी की लीकेज की वजह से पानी दूषित होने का खतरा बना हुआ है.

people angry of IPH department in kangra

कांगड़ा: ज्वालाजी के मुख्य मंदिर मार्ग में कैनोपी के कार्य के दौरान सड़क किनारे हो रहे कार्य को गैर जिम्मेदाराना तरीके से किया जा रहा है. आलम ये है कि गंदी नालियों के बीच पीने की पाइप लाइन गुजार दी है, जिसके वजह से स्थानीय लोगों में रोष है.

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि पानी की लीकेज की वजह से पानी दूषित होने का खतरा बना हुआ है. हैरानी की बात ये है कि जहां पीने के पानी की पाइपों की गहराई लगभग 1 फीट होनी चाहिए, वहां आधे फीट की बनी हुई नालियों के बीच में से इन पाइपों को गुजारा गया है. इस कार्य को एबीडी विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से कैनोपी बनाने का कार्य किया जा रहा है.

पानी की पाइप के ऊपर ही निकास नाली का निर्माण किया जा रहा है. जिससे निकास नाली आने वाले समय मे अवरुद्ध हो सकती है और पानी के पाइप भी जाम होने की स्थिति में रिपेयर नहीं की जा सकती है. साथ ही बारिश व गंदे पानी की निकासी के लिये नालियां भी बनाई जा रही हैं, जिसमें नियमों को ताक पर रखकर पानी के पाइप भी निकास नालियों में ही दबाए जा रहे हैं.

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पानी की पाइप के ऊपर ही निकास नाली का निर्माण किया जा रहा है. जिससे निकास नाली आने वाले समय मे अवरुद्ध हो सकती है और पानी के पाइप भी जाम होने की स्थिति में रिपेयर नहीं की जा सकती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि निकास नालियां बनाने वालों को आईपीएच विभाग से मिलकर इस समस्या का समाधान करना चाहिए. उन्होंने बताया कि पानी की पाइपों से दूर नाली बनाई जाए, ताकि आने वाले समय में कोई परेशानी का सामना न करना पड़े.

एसडीएम ज्वालाजी अंकुश शर्मा ने बताया कि जल्द ही बैठक करके एडीबी को नियमानुसार कार्य करने की हिदायत दी जाएगी और आईपीएच विभाग से भी इस बारे बात की जाएगी.

कांगड़ा: ज्वालाजी के मुख्य मंदिर मार्ग में कैनोपी के कार्य के दौरान सड़क किनारे हो रहे कार्य को गैर जिम्मेदाराना तरीके से किया जा रहा है. आलम ये है कि गंदी नालियों के बीच पीने की पाइप लाइन गुजार दी है, जिसके वजह से स्थानीय लोगों में रोष है.

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि पानी की लीकेज की वजह से पानी दूषित होने का खतरा बना हुआ है. हैरानी की बात ये है कि जहां पीने के पानी की पाइपों की गहराई लगभग 1 फीट होनी चाहिए, वहां आधे फीट की बनी हुई नालियों के बीच में से इन पाइपों को गुजारा गया है. इस कार्य को एबीडी विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से कैनोपी बनाने का कार्य किया जा रहा है.

पानी की पाइप के ऊपर ही निकास नाली का निर्माण किया जा रहा है. जिससे निकास नाली आने वाले समय मे अवरुद्ध हो सकती है और पानी के पाइप भी जाम होने की स्थिति में रिपेयर नहीं की जा सकती है. साथ ही बारिश व गंदे पानी की निकासी के लिये नालियां भी बनाई जा रही हैं, जिसमें नियमों को ताक पर रखकर पानी के पाइप भी निकास नालियों में ही दबाए जा रहे हैं.

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पानी की पाइप के ऊपर ही निकास नाली का निर्माण किया जा रहा है. जिससे निकास नाली आने वाले समय मे अवरुद्ध हो सकती है और पानी के पाइप भी जाम होने की स्थिति में रिपेयर नहीं की जा सकती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि निकास नालियां बनाने वालों को आईपीएच विभाग से मिलकर इस समस्या का समाधान करना चाहिए. उन्होंने बताया कि पानी की पाइपों से दूर नाली बनाई जाए, ताकि आने वाले समय में कोई परेशानी का सामना न करना पड़े.

एसडीएम ज्वालाजी अंकुश शर्मा ने बताया कि जल्द ही बैठक करके एडीबी को नियमानुसार कार्य करने की हिदायत दी जाएगी और आईपीएच विभाग से भी इस बारे बात की जाएगी.

Intro:नालियों से गुजार दी पीने के पानी की पाइपें, कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में

पानी की लीकेज पर दूषित होने का खतरा
एक फ़ीट होनी चाहिए पाइपों की गहराई
नियमों को ताक पर रखकर हो रहा कामBody:

ज्वालामुखी, 24 जुलाई (नितेश): ज्वालाजी के मुख्य मंदिर मार्ग में हो रहे कैनोपी के कार्य के दौरान सड़क किनारे हो रहे कार्य को कितने गैर जिम्मेदाराना तरीके से किया जा रहा है इसका एक उदाहरण देखने को मिला। अव्यवस्था का आलम ये है कि यहां गन्दी नालियों के बीच पीने की पाइपें गुजार दी, जिसके चलते स्थानीय लोगों में काफी रोष देखने को मिल रहा है। लोगों का आरोप है कि पानी की लीकेज के दौरान यहां पानी के दूषित होने का खतरा है। हैरानी की बात ये है कि जहां पीने के पानी की पाइपों की गहराई लगभग 1 फ़ीट तक होनी चाहिए वहां आधे फ़ीट की बनी हुई नालियों के बीच में से इन पाइपों को गुजार दिया।
इस कार्य को ए बी डी विभाग द्वारा करबाया जा रहा है, जिसका ठेका विभाग द्वारा आगे एक ठेकेदार को दिया है, लेकिन यहां कोई पूछने बाला तो है नही ऐसे में ठेकेदार यहां अपना काम मनमर्जी से कर रहा है।
दरअसल ए डी बी द्वारा करोड़ो की लागत की कैनोपी बनाने का कार्य किया जा रहा है इसी के साथ रास्ते के साथ साथ बारिश व गन्दे पानी की निकासी के लिये नालियां भी बनाई जा रही हैं, जिसमे नियमो को ताक पर रखकर पानी के पाइप भी इस निकास नालियों में ही दबाए जा रहे हैं जो कि सरासर गलत है।
पानी की पाइप के ऊपर ही निकास नाली का निर्माण किया जा रहा है। जिस बजह से निकास नाली आने वाले समय मे अवरुद्ध हो सकती है और पानी के पाइप भी जाम होने की स्थिति में रिपेयर नही की जा सकती है।

समस्या का किया जाना चाहिए समाधान
निकास नालियां बनाने वालों को आई पी एच बिभाग से मिलकर इस समस्या का समाधान किया जाना चाहिए था। दुकानरो ने मांग की है कि पानी की पाइपों से दूर नाली बनाई जाए या कोई हल निकाला जाये ताकि आने वाले समय मे किसी को कोई परेशानी न हो।


Conclusion:बाइट
क्या कहते एस डी एम ज्वालाजी
इस बारे में एस डी एम ज्वालामुखी अंकुश शर्मा का कहना है कि उनके ध्यानार्थ मामला आया है जल्द ही बैठक कर एडीबी को नियमानुसार कार्य करने की हिदायत दी जाएगी और आई पी एच बिभाग से भी इस बारे बात की जाएगी।
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