धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र के (hp vidhan sabha Winter session 2021) तीसरे दिन भी विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया. नियम 67 के तहत सदन में करुणामूलक आश्रितों और भर्तियों को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया और चर्चा की मांग की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी. जिसके बाद विपक्ष ने सदन में ही हंगामा शुरू कर दिया और सदन के बीच में नारेबाजी शुरू कर दी. बता दें करीब आधे घंटे तक विपक्ष सदन में ही नारेबाजी करता रहा और जिसके बाद वॉकआउट (opposition walkout from himachal assembly) कर सदन से बाहर आ गए.
विपक्ष ने सरकार पर अपने चहेतों को चोर दरवाजे से नौकरियां देने के आरोप लगाए. साथ ही मुख्यमंत्री के सदन में ना होने पर भी हंगामा किया कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर (Former Minister Ramlal Thakur on karunamulak) ने कहा कि करुणामूलक आश्रित कई महीनों से अनशन पर बेठे हैं, लेकिन सरकार का कोई भी नुमाइंदा उनसे नहीं मिला और न ही उनकी सुध ली. वहीं, चोर दरवाजे से मुख्यमंत्री द्वारा पांच हजार पद भरे गए. प्रदेश में 14 लाख बेरोजगरी का आंकड़ा पहुंच गया है और ये सरकार अपने चहेतों को ही नौकरी देने में लगी है. वहीं, पुलिस के जवानों की भावनाओं के साथ भी ये सरकार खिलवाड़ कर रही है.
रामलाल ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री (Former Minister Ramlal Thakur on jairam) अपनी कुर्सी बचाने के लिए दिल्ली के चक्कर काट रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की ऐसी क्या मजबूरी थी कि उन्हें बीच में ही विधानसभा सत्र को छोड़ कर जाना पड़ा और इसके बारे में सदन में जानकरी तक भी नहीं दी. उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को लेकर सदन में कांग्रेस द्वारा स्थगन प्रस्ताव लाया गया था और चर्चा की मांग की गई, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा चर्चा का समय नहीं दिया उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष भगवा का पट्टा पहन कर आते हैं और खुद को आर.एस.एस. बताते हैं.
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