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कांगड़ा में पहले मिलेगी भूस्खलन और भूकंप की जानकारी, 10 जगह होंगे चेतावनी यंत्र स्थापित, MOU किया गया साइन - himachal hindi news

धर्मशाला के कोतवाली बाजार के नजदीक टावर 4 के पास भूस्खलन और भूकंप की पूर्व चेतावनी यंत्र स्थापित (earthquake early warning devices )किया जाएगा. वहीं, जिले में 10 जगहों पर इन्हें स्थापित करने के लिए IIT Mandi की टीम ने निरीक्षण किया. उसके बाद MOU साइन किया गया है.

धर्मशाला
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Published : Jul 14, 2022, 9:06 AM IST

कांगड़ा: धर्मशाला के कोतवाली बाजार के नजदीक टावर 4 के पास भूस्खलन और भूकंप की पूर्व चेतावनी यंत्र स्थापित (earthquake early warning devices )किया जाएगा. इसके लिए IIT Mandi की टीम ने निरीक्षण किया. उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि कांगड़ा भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जोन में आता है. इसके साथ ही भूस्खलन के कारण भी हर वर्षों लाखों का नुक्सान होता है.

MOU किया गया साइन: उन्होंने कहा कि भूस्खलन और भूकंप की पूर्व चेतावनी प्रणाली विकसित होने से नुक्सान को काफी हद तक कम किया जा सकेगा. इसी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कमांद जिला मंडी के वैज्ञानिकों के साथ एक MOU साइन किया गया. कांगड़ा जिले के 10 विभिन्न जगहों पर आधुनिक तकनीक से लैस पूर्व चेतावनी प्रणाली विकसित करने पर भी सहमति बन गई, इसके साथ ही विभिन्न जगहों में चेतावनी के लिए हूटर तथा ब्लींकर्स भी स्थापित करने के लिए एमओयू साइन किया गया.

फंडिंग पदा प्रबंधन प्राधिकरण करेगा: उपायुक्त ने कहा कि पूर्व चेतावनी के टेक्स्ट मैसेज की व्यवस्था करने के लिए भी कहा गया ,ताकि समय रहते लोगों तक सूचना पहुंच सके. उन्होंने कहा कि आईआईटी मंडी के वैज्ञानिक इस प्रोजेक्ट के तहत भूस्खलन एवं प्राकृतिक आपदाओं के डाटा का अनुसंधान के लिए भी उपयोग कर सकते हैं, ताकि प्राकृतिक आपदाओं से आम जनमानस के बचाव के लिए भविष्य में बेहतर कार्य किया जा सके. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट की फंडिंग आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से की जा रही, इसके लिए समय भी निर्धारित किया गया है.

कांगड़ा: धर्मशाला के कोतवाली बाजार के नजदीक टावर 4 के पास भूस्खलन और भूकंप की पूर्व चेतावनी यंत्र स्थापित (earthquake early warning devices )किया जाएगा. इसके लिए IIT Mandi की टीम ने निरीक्षण किया. उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि कांगड़ा भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जोन में आता है. इसके साथ ही भूस्खलन के कारण भी हर वर्षों लाखों का नुक्सान होता है.

MOU किया गया साइन: उन्होंने कहा कि भूस्खलन और भूकंप की पूर्व चेतावनी प्रणाली विकसित होने से नुक्सान को काफी हद तक कम किया जा सकेगा. इसी को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कमांद जिला मंडी के वैज्ञानिकों के साथ एक MOU साइन किया गया. कांगड़ा जिले के 10 विभिन्न जगहों पर आधुनिक तकनीक से लैस पूर्व चेतावनी प्रणाली विकसित करने पर भी सहमति बन गई, इसके साथ ही विभिन्न जगहों में चेतावनी के लिए हूटर तथा ब्लींकर्स भी स्थापित करने के लिए एमओयू साइन किया गया.

फंडिंग पदा प्रबंधन प्राधिकरण करेगा: उपायुक्त ने कहा कि पूर्व चेतावनी के टेक्स्ट मैसेज की व्यवस्था करने के लिए भी कहा गया ,ताकि समय रहते लोगों तक सूचना पहुंच सके. उन्होंने कहा कि आईआईटी मंडी के वैज्ञानिक इस प्रोजेक्ट के तहत भूस्खलन एवं प्राकृतिक आपदाओं के डाटा का अनुसंधान के लिए भी उपयोग कर सकते हैं, ताकि प्राकृतिक आपदाओं से आम जनमानस के बचाव के लिए भविष्य में बेहतर कार्य किया जा सके. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट की फंडिंग आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से की जा रही, इसके लिए समय भी निर्धारित किया गया है.

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