कांगड़ा: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Elections 2022) में अब कुछ ही महीने शेष रह गए हैं. राजनीतिक दलों को बस चुनावी तारीखों के ऐलान का इंतजार है. जीत में कहीं कोई कमी न रह जाए इसलिए अभी सी पक्ष और विपक्ष के नेता चुनावी समर में कूद पड़े हैं. जब चुनाव सर पर है ऐसे में आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि आखिर आपके क्षेत्र की क्या स्थिति है अभी तक कितना विकास हुआ है और क्षेत्र के अहम मुद्दे क्या हैं. इन्हीं सभी तथ्यों को जानने के लिए ETV भारत हिमाचल प्रदेश हिमाचल सीट स्कैन (Himachal Seat Scan) सीरीजी के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के चुनावी समीकरण से रू-ब-रू करा रहा है. आज जानेंगे कि आखिर 16वां विधानसभा क्षेत्र कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र (kangra Assembly Constituency ) में क्या समीकरण है...
कांगड़ा विधानसभा सीट पर जातिगत समीकरण: कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र ओबीसी बहुल होने के कारण हर चुनाव में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस क्षेत्र में घिरथ जाति का खासा प्रभाव रहा है और यह इस क्षेत्र की हकीकत है कि जिस प्रत्याशी ने इनको साथ लेकर अपनी रणनीति बनाई है, वह चुनाव जीतने में सफल रहा है. हालांकि इस विधानसभा क्षेत्र में राजपूत और ब्राह्मण मतदाता भी हैं, लेकिन दोनों ही समुदाय चुनावी मैदान में गठजोड़ पर विफल रहे हैं.
विधान सभा चुनाव 2017 की तो वर्तमान निर्दलीय विधायक ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. पेशे से बिल्डर पवन काजल ने 2012 में चुनाव जीतकर अपनी लोकप्रियता साबित की थी. इसी बात का फायदा उठाकर कांग्रेस ने उन्हें टिकट देकर दोबारा से चुनावी मैदान में उतारा था. पवन के पहले भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे. वहीं, चुनाव से कुछ समय पहले ही पवन काजल ने भाजपा पार्टी ज्वाइन कर ली है. पवन काजल के बीजेपी में शामिल (Pawan Kajal Joins BJP) होने के बाद इस सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है.
कांगड़ा विधानसभा सीट की ग्राउंड रिपोर्ट: ओबीसी बहुल कांगड़ा विधानसभा सीट में पिछले तीन चुनावों के दौरान भाजपा पार्टी इस सीट से नहीं जीत सकी है. इससे पहले के चुनावों की अगर बात की जाए तो इस विधानसभा सीट से आजाद प्रत्याशी के रूप में पवन काजल ने जीत दर्ज की थी, लेकिन अब पवन काजल भी कांग्रेस को छोड़ भाजपा पार्टी में जुड़ गए हैं और अब कांग्रेस से सुरेंद्र काकू ने इस सीट पर धावा बोल दिया है. वहीं, ओबीसी बहुल क्षेत्र होने पर अगर चौधरी समुदाय से कोई आजाद प्रत्याशी मैदान में उतरता है तो भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों के लिए जीत दर्ज करना मुश्किल हो जाएगी.
कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र में मतदाता: कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र में कुल 80,634 मतदाता है, जिसमें 40,557 पुरुष मतदाता और 40,077 महिला मतदाता (Voters in Kangra Assembly Constituency) हैं. राजनीतिक रूप से ओबीसी बहुल क्षेत्र की यह परंपरा रही है कि यहां जाति समीकरण हमेशा फिट बैठता है. साथ ही यह एकमात्र सीट है जहां एक दशक से भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपनी जमीन तलाश करती नजर आ रही है. पिछले चुनावों 2007 में बहुजन समाज पार्टी के संजय चौधरी ने कांग्रेस से यह सीट छीन कर दोनों पार्टियों को सकते में डाल दिया था. 2012 में यहां से निर्दलीय उम्मीदवार पवन काजल (Independent candidate Pawan Kajal) ने चुनाव जीतकर भाजपा और कांग्रेस को इस सीट से और दूर कर दिया था.
कांगड़ा विधानसभा सीट पर 2017 में जीत का अंतर: इस सीट (Kangra Assembly Constituency Seat) से भाजपा को पिछले एक दशक से जीत हासिल नहीं हुई है. ओबीसी बहुल इलाका होने के कारण हमेशा चौधरी को ही यहां की जनता ने जीत दिलवाई है. कांगड़ा को राजाओं की कर्मभूमि के नाम से जाना जाता है. इस शहर के बारे में यह धारणा यह है कि इस शहर को महमूद गजनवी ने लूटा था वर्ष 2017 में कांगड़ा में कुल 43.70% वोट पड़े थे. 2017 में कांग्रेस के उम्मीदवार पवन काजल ने 25,549 हासिल कर भारतीय जनता पार्टी के संजय चौधरी को 6,208 के मार्जिन से हराया था. इस सीट से भाजपा के उम्मीदवार संजय चौधरी को 2017 में कुल 19341 वोट यानी 32.91% प्रतिशत और निर्दलीय उम्मीदवार डॉक्टर राजेश शर्मा को 20.34% वोट, एलजीपी के उम्मीदवार कुलदीप सिंह को 482, यानी 0.83% प्रतिशत वोट, राकांपा के उम्मीदवार रविचंद को 408 वोट यानी 0.7% प्रतिशत वोट, और बसपा के उम्मीदवार विजय कुमार को 225 वोट यानी 0.38% प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे. वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार पवन काजल ने 25509 वोट प्राप्त करके जीत दर्ज की थी.
कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के अहम मुद्दे: कांगड़ा में अक्सर लोगों को बिजली पानी की समस्या का सामना (Kangra Assembly Constituency Issues) करना पड़ता है. स्थानीय लोगों की अक्सर शिकायत रहती है कि जब गर्मी अपने चरम पर होती है तो बिजली विभाग द्वारा बिजली के कट लगाए जाते हैं जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है. वहीं, पानी को लेकर भी लोग हमेशा लामबंद होते देखे जाते हैं. इस क्षेत्र में कुछ एक ऐसे गांव भी हैं जहां आज तक बस सेवा नहीं पहुंच सकी है. लोगों ने अक्सर यहां के विधायक से इस बारे में चर्चा भी की, लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है. वहीं,मटौर पुल पर एक अस्थाई पुल की व्यवस्था तो की गई है, लेकिन जाम की स्थिति यहां पर अक्सर बनी रहती है जिससे यहां पर लंबा जाम लग जाता है. जाम लगने से लोगों को आए दिन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं, अगर कांगड़ा के बाजारों में अतिक्रमण की वजह से जाम की स्थिति अक्सर बनी रहती है, जिसके चलते लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है.
कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र में टिकट को लेकर घमासान: इस बार विधानसभा चुनावों में वैसे तो कई टिकट के दावेदार अपनी दावेदारी जता रहे हैं, लेकिन ओबीसी बहुल क्षेत्र होने के कारण भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टी हाईकमान को यह देखना होगा कि किस उम्मीदवार को टिकट दी जाए जो इस विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज कर सके. हालांकि भाजपा से पवन काजल को टिकट मिल सकती है, लेकिन अगर कोई ओबीसी का निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में आ जाता है तो पवन काजल को भी कहीं न कहीं जीत दर्ज करने में परेशानी होगी. वहीं, कांग्रेस से अब सुरेंद्र काकू ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया है. देखना अब यह दिलचस्प होगा कि दोनों बड़ी पार्टियों के उम्मीदवार अपनी जीत दर्ज करने के लिए कितना एड़ी चोटी का जोर लगाते हैं.
क्या कहते हैं वर्तमान विधायक पवन काजल: पवन काजल (Kangra Assembly Constituency MLA Pawan Kajal) का कहना है कि उन्होंने कांग्रेस में रहते हुए कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र में चहुंमुखी विकास करवाया है. उन्होंने कहा कि गांव-गांव जाकर लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका हल किया है. वहीं, भाजपा के उम्मीदवार संजय चौधरी का कहना है कि पवन काजल ने कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के लोगों को केवल आश्वासन ही दिए हैं. धरातल पर समस्याएं आज भी वैसे ही है जैसे पहले हुआ करती थी. गांव के लोग आज भी पैदल चलकर अपने घरों तक पहुंचते हैं. कई गांव ऐसे भी हैं जहां आज तक बस नहीं जाती. कांग्रेस पार्टी ने चुनावों के दौरान जो वादे यहां की जनता के साथ किए थे, आज भी अधूरे पड़े हुए हैं.
पवन काजल ने कहा कि, उन्होंने क्षेत्र की जनता की मांग को देखते हुए कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा का दामन थामा है उन्होंने कहा कि आगामी चुनावों में जनता क्षेत्र में हुए विकास को देखकर निश्चित रूप से भाजपा के पक्ष में वोट डालेगी और इस सीट से भी भाजपा का कमल का फूल ही खिलेगा.
कांग्रेस नेता सुरेंद्र काकू का आरोप: वहीं, कांग्रेस के सुरेंद्र काकू ने कहा कि भाजपा ने यहां की जनता के साथ चल ही किया है. वह केवल आश्वासन ही अभी तक लोगों को दिए गए हैं, उन्होंने कहा कि इस बार के चुनावों में कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र की जनता निश्चित रूप से कांग्रेस के पक्ष में वोट डालेगी. क्योंकि अब इस विधानसभा क्षेत्र की जनता बदलाव का मन बना चुकी है और निश्चित रूप से कांग्रेस इस बार इस सीट से जीत दर्ज कर एक नया इतिहास रचेगी.
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