कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने खिलाड़ियों को टीम भावना बनाए रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का आह्वान किया. वे रविवार को कांगड़ा जिले में वीसी सचिवालय केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के पास धर्मशाला के डीवाईएसएस स्टेडियम में अखिल भारतीय स्तर की अंतर-विश्वविद्यालय महिला नेटबॉल प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे.
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने (Women Netball Competition at Dharamshala) राज्य में खेल का माहौल बनाने की आवश्यकता पर बल दिया है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. उन्होंने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने खेलों के माहौल को विकसित करने में बहुत योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि खेलों में हम केवल भाग लेने के लिए शामिल थे लेकिन आज हम जीतने की सोच के साथ आए हैं और यह एक बड़ा बदलाव था. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों में यह विश्वास बना रहना चाहिए. राज्यपाल ने कहा कि साथ आना शुरुआत है, साथ रहना प्रगति है और एक साथ काम करना सफलता है.
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने मूल्य वर्धित पाठ्यक्रमों के अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में प्रमुख भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि हम आदर्श वाक्य- स्किल, री-स्किल और अप-स्किल पर काम कर रहे हैं. उन्होंने नेटबॉल प्रतियोगिता का उद्घाटन करने के लिए राज्यपाल को धन्यवाद दिया. इस मौके पर डीन कल्याण प्रदीप कुमार ने खेल शपथ दिलाई.
राज्यपाल ने की धर्मशाला कॉलेज में समारोह की अध्यक्षता: कांगड़ा जिला प्रशासन के अन्तर्गत गठित कांगड़ा अगेंस्ट कोविड-19 वर्किंग ग्रुप एवं नेशनल इंटीग्रेटिड फोरम ऑफ आर्टिस्ट एंड एक्टिविस्ट्स (एनआईएफएए) के संयुक्त तत्वधान में धर्मशाला कॉलेज में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. समारोह की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि जो संगठन समाज में निरंतर प्रयासरत रहते हैं, वहीं देश की असली ताकत है. राज्यपाल ने कहा कि कांगड़ा अंगेस्ट कोविड-19 वर्किंग ग्रुप से प्रत्येक व्यक्ति को प्रेरणा लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि समाज में अनेक ऐसी संस्थाएं हैं, जो अपनी विचारधारा और विचारों के अनुसार काम कर समाज के लिए एक मिसाल कायम करती हैं. उनके अनुभव समाज में पहचाने जाते हैं और हम सभी के लिए पथ प्रदर्शक का कार्य करते हैं.
नशे पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में नशा समाज की सबसे बड़ी समस्या है. समाज में विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश में नशे के खिलाफ लोगों में जागरूकता लाने के लिए नशा मुक्ति कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता है. उन्होंने इस दिशा में सभी सामाजिक संगठनों से आगे आने का आग्रह किया उन्होंने कहा कि यदि समाज इस दिशा में सोचता है, तभी उसके पास इस चुनौती से निपटने की शक्ति होगी. राज्यपाल ने कहा कि यह हमारी सोच की ताकत है कि हमने कोरोना के विरुद्ध युद्ध में जीत हासिल की है. उन्होंने कहा कि नशा मुक्त हिमाचल के लिए हर व्यक्ति को सहयोग करना चाहिए, क्योंकि प्रदेश में नशीली दवाओं के उपयोग के आंकड़े चौंकाने वाले हैं.
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