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बोह हादसा के एक साल: पीड़ित परिवारों की समस्या आज भी जस की तस, लोगों से सरकार से की मुआवजे की मांग

कांगड़ा के शाहपुर विधानसभा के बोह क्षेत्र में बारिश ने काफी तबाही मचाई थी. भारी बारिश की वजह से भूस्खलन (Boh flood incident) होने के कारण 10 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग बेघर हो गए थे. प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने घटनास्थल का दौरा किया था. उस समय सीएम ने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये और पक्के मकान बनाने की घोषणा की थी. लेकिन हैरानी की बात यह है कि प्रभावित परिवार आज भी किराए के मकान में रहने को मजबूर हैं. प्रभावित परिवारों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है. पढ़ें पूरी खबर...

Boh flood Affected families demanded compensation
बोह हादसे में प्रभावित परिवारों ने सरकार से की मुआवजे की मांग.
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Published : Jul 13, 2022, 4:54 PM IST

धर्मशाला: शाहपुर विधानसभा क्षेत्र की बोह वैली की रुलेहड़ पंचायत में एक वर्ष पूर्व हुए हादसे में 10 लोगों की जान चली गई थी, जबकि इस दौरान भारी संपत्तियों का नुकसान हुआ था. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Himachal Pradesh Chief Minister Jairam Thakur) ने खुद इस घटनास्थल का दौरा किया था. उस समय सीएम ने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये और पक्के मकान बनाने की घोषणा की थी. लेकिन जब पीड़ित परिवार के सदस्यों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें सरकार द्वारा 4-4 लाख रुपये का मुआवजा तो मिल गया. लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी उन्हें अभी तक पक्के मकान नसीब नहीं हुए हैं.

किराए के मकान में रहने को मजबूर प्रभावित परिवार: पीड़ित परिवार की महिलाओं का कहना है कि वे आज भी बोह वैली में किराये के मकान या अपने किसी रिश्तेदार के यहां अपना जीवन व्यतीत कर रहीं हैं. वही, बोह में हुए भूस्खलन में आया मालबा उसी जगह पर पड़ा हुआ है. जिसके चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि एक साल बीत जाने के बाद भी इस मलबे को हटाया नही गया है. बस नाम मात्र की सड़क के लिए रास्ता निकाल कर प्रशासन और सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया है.

बोह हादसे में प्रभावित परिवारों ने सरकार से की मुआवजे की मांग. (वीडियो)

चड़ी जिला परिषद वार्ड से जिला पार्षद पंकज कुमार ने कहा कि बोह वैली में हादसे के दौरान सरकार ने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया गया है. प्रभावितों को जमीन और मकान बनाकर देने की बात कही गई थी, लेकिन एक साल का समय बीतने के बावजूद अभी तक न तो जमीनें दी गई और न ही मकान बन पाए हैं. आलम यह है कि प्रभावित परिवारों में से कुछ जहां पड़ोसियों के पास आश्रय लेने को मजबूर हैं. वहीं, कुछ परिवार किराए पर मकान लेकर रहने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि बड़े दुख की बात है कि इस तरह की घटना के प्रभावितों से किए वादों को भी सरकार द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है. उन्होंने सरकार से मांग (Boh flood Affected families demanded compensation) की है एक साल का समय बीत चुका है सरकार वादे निभाने में और कितना समय लगाएगी.

दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के लिए रक्तदान शिविर का आयोजन: बता दें कि बोह हादसे में जान गंवाने वाले 10 दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के लिए मंगलवार को पंचायत भवन में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. चड़ी जिला परिषद वार्ड से जिला पार्षद एवं यूथ कांग्रेस अध्यक्ष पंकज कुमार पंकु द्वारा लगाए गए रक्तदान शिविर में 63 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया. इस मौके पर हादसे के दौरान शवों को निकालने में एनडीआरएफ को सहयोग करने वाले स्थानीय युवाओं को भी सम्मानित किया गया.

बोह हादसे में गई थी 10 लोगों की जान: बता दें कि पिछले साल 12 जुलाई को शाहपुर विधानसभा के तहत बोह वैली में तेज बारिश के कारण अचानक भूस्खलन हो गया था. सुबह करीब 8:30 बजे के करीब यह हादसा हुआ था. इस भूस्खलन के कारण बोह वैली में रह रहे 5 से 6 घर इस भूस्खलन के चपेट में आ गए थे, जिसमें 10 लोग मलवे के नीचे दब गए थे. तेज बारिश होने के कारण व बोह का रास्ता बंद होने के चलते एनडीआरएफ की टीम बोह में नहीं पहुंच सकी थी. 13 जुलाई को एनडीआरएफ की टीम बोह में पहुंची और मलबे में दबे लोगों की तलाश शुरू की गई. एनडीआरएफ की टीम द्वारा तकरीबन 4 दिनों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया और इस रेस्क्यू ऑपरेशन में लापता 10 लोगों के शव भी बरामद कर लिए गए थे.

धर्मशाला: शाहपुर विधानसभा क्षेत्र की बोह वैली की रुलेहड़ पंचायत में एक वर्ष पूर्व हुए हादसे में 10 लोगों की जान चली गई थी, जबकि इस दौरान भारी संपत्तियों का नुकसान हुआ था. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Himachal Pradesh Chief Minister Jairam Thakur) ने खुद इस घटनास्थल का दौरा किया था. उस समय सीएम ने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये और पक्के मकान बनाने की घोषणा की थी. लेकिन जब पीड़ित परिवार के सदस्यों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें सरकार द्वारा 4-4 लाख रुपये का मुआवजा तो मिल गया. लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी उन्हें अभी तक पक्के मकान नसीब नहीं हुए हैं.

किराए के मकान में रहने को मजबूर प्रभावित परिवार: पीड़ित परिवार की महिलाओं का कहना है कि वे आज भी बोह वैली में किराये के मकान या अपने किसी रिश्तेदार के यहां अपना जीवन व्यतीत कर रहीं हैं. वही, बोह में हुए भूस्खलन में आया मालबा उसी जगह पर पड़ा हुआ है. जिसके चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि एक साल बीत जाने के बाद भी इस मलबे को हटाया नही गया है. बस नाम मात्र की सड़क के लिए रास्ता निकाल कर प्रशासन और सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया है.

बोह हादसे में प्रभावित परिवारों ने सरकार से की मुआवजे की मांग. (वीडियो)

चड़ी जिला परिषद वार्ड से जिला पार्षद पंकज कुमार ने कहा कि बोह वैली में हादसे के दौरान सरकार ने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया गया है. प्रभावितों को जमीन और मकान बनाकर देने की बात कही गई थी, लेकिन एक साल का समय बीतने के बावजूद अभी तक न तो जमीनें दी गई और न ही मकान बन पाए हैं. आलम यह है कि प्रभावित परिवारों में से कुछ जहां पड़ोसियों के पास आश्रय लेने को मजबूर हैं. वहीं, कुछ परिवार किराए पर मकान लेकर रहने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि बड़े दुख की बात है कि इस तरह की घटना के प्रभावितों से किए वादों को भी सरकार द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है. उन्होंने सरकार से मांग (Boh flood Affected families demanded compensation) की है एक साल का समय बीत चुका है सरकार वादे निभाने में और कितना समय लगाएगी.

दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के लिए रक्तदान शिविर का आयोजन: बता दें कि बोह हादसे में जान गंवाने वाले 10 दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के लिए मंगलवार को पंचायत भवन में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. चड़ी जिला परिषद वार्ड से जिला पार्षद एवं यूथ कांग्रेस अध्यक्ष पंकज कुमार पंकु द्वारा लगाए गए रक्तदान शिविर में 63 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया. इस मौके पर हादसे के दौरान शवों को निकालने में एनडीआरएफ को सहयोग करने वाले स्थानीय युवाओं को भी सम्मानित किया गया.

बोह हादसे में गई थी 10 लोगों की जान: बता दें कि पिछले साल 12 जुलाई को शाहपुर विधानसभा के तहत बोह वैली में तेज बारिश के कारण अचानक भूस्खलन हो गया था. सुबह करीब 8:30 बजे के करीब यह हादसा हुआ था. इस भूस्खलन के कारण बोह वैली में रह रहे 5 से 6 घर इस भूस्खलन के चपेट में आ गए थे, जिसमें 10 लोग मलवे के नीचे दब गए थे. तेज बारिश होने के कारण व बोह का रास्ता बंद होने के चलते एनडीआरएफ की टीम बोह में नहीं पहुंच सकी थी. 13 जुलाई को एनडीआरएफ की टीम बोह में पहुंची और मलबे में दबे लोगों की तलाश शुरू की गई. एनडीआरएफ की टीम द्वारा तकरीबन 4 दिनों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया और इस रेस्क्यू ऑपरेशन में लापता 10 लोगों के शव भी बरामद कर लिए गए थे.

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