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कांगड़ा में धूमधाम से मनाई गई संत रविदास की 644वीं जयंती, लोगों ने ली ये शपथ

कांगड़ा में संत रविदास की 644वीं जयंती बड़ी हर्ष और उल्लास के साथ मनाई गई. इसी बीच जगह-जगह जागरण, शोभायात्रा और भंडारे का आयोजन किया गया. वहीं, सभी लोगों को संत रविदास के जीवन के बारे में जानकारी दी गई.

Birth anniversary of Sant Ravidas celebrated in Kangra
संत रविदास की 644वीं जयंती
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Published : Feb 27, 2021, 4:34 PM IST

कांगड़ा: संत शिरोमणि रविदास की 644वीं जयंती आज जिला में धूमधाम से मनाई गई. इसी दौरान जयंती के मौके पर शहर में कई कार्यक्रम जैसे जगह-जगह जागरण, शोभायात्रा और समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया. रविदास के मंदिरों में सुबह पूजा-अर्चना के साथ-साथ हवन में श्रद्धालुओं ने आहुति डाली और प्रसाद ग्रहण किया. साथ ही घुरकड़ी पंचायत के लोगों ने संत शिरोमणि के आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया.

शोभायात्रा का भी हुआ आयोजन

संत शिरोमणि रविदास की 644वीं जयंती के अवसर पर कांगड़ा के विभिन्न जगहों पर भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंच कर प्रसाद ग्रहण किया. वहीं जिला के कई जगहों पर संत रविदास की जयंती के उपलक्ष्य में शोभायात्रा का भी आयोजन किया गया. शोभायात्रा के दौरान भी हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया व गुरु रविदास के आदेशों पर चलने का संकल्प लिया.

भक्तों को संत रविदास के जीवन से कराया रूबारू

घुरकड़ी पंचायत के प्रधान अनिल धमीर ने कहा कि संत रविदास ने सामाजिक व आध्यात्मिक संघर्ष किया था. उन्होंने एक सभ्य समाज की ना सिर्फ कल्पना की, बल्कि उसे मूर्त रूप देने में भी अहम भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि आदमी अपने कर्म से छोटा-बड़ा होता है जाति व धर्म से कभी छोटा-बड़ा नहीं होता. साथ ही कहा कि रविदास जी ईश्वर के अनन्य भक्त थे, लेकिन वो अपने कार्य को ही ईश्वर की सबसे बड़ी पूजा मानते थे.

ये भी पढ़ें: विधानसभा में हुए बवाल पर अनुराग ठाकुर ने दी प्रतिक्रिया, बोलेः कांग्रेसियों ने हिमाचल को किया शर्मसार

कांगड़ा: संत शिरोमणि रविदास की 644वीं जयंती आज जिला में धूमधाम से मनाई गई. इसी दौरान जयंती के मौके पर शहर में कई कार्यक्रम जैसे जगह-जगह जागरण, शोभायात्रा और समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया. रविदास के मंदिरों में सुबह पूजा-अर्चना के साथ-साथ हवन में श्रद्धालुओं ने आहुति डाली और प्रसाद ग्रहण किया. साथ ही घुरकड़ी पंचायत के लोगों ने संत शिरोमणि के आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया.

शोभायात्रा का भी हुआ आयोजन

संत शिरोमणि रविदास की 644वीं जयंती के अवसर पर कांगड़ा के विभिन्न जगहों पर भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंच कर प्रसाद ग्रहण किया. वहीं जिला के कई जगहों पर संत रविदास की जयंती के उपलक्ष्य में शोभायात्रा का भी आयोजन किया गया. शोभायात्रा के दौरान भी हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया व गुरु रविदास के आदेशों पर चलने का संकल्प लिया.

भक्तों को संत रविदास के जीवन से कराया रूबारू

घुरकड़ी पंचायत के प्रधान अनिल धमीर ने कहा कि संत रविदास ने सामाजिक व आध्यात्मिक संघर्ष किया था. उन्होंने एक सभ्य समाज की ना सिर्फ कल्पना की, बल्कि उसे मूर्त रूप देने में भी अहम भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि आदमी अपने कर्म से छोटा-बड़ा होता है जाति व धर्म से कभी छोटा-बड़ा नहीं होता. साथ ही कहा कि रविदास जी ईश्वर के अनन्य भक्त थे, लेकिन वो अपने कार्य को ही ईश्वर की सबसे बड़ी पूजा मानते थे.

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