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ग्लेशियर की चपेट में आने से 950 भेड़-बकरियां दफन, भेड़ पालक की हालत गंभीर

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Published : Jun 16, 2019, 11:37 AM IST

प्राप्त जानकारी के मुताबिक जब भेड़ पालक भरमौर से लाहौल की ओर जा रहे थे और इस बीच चोविया जोत पहुंचने पर 12 और 13 जून को बर्फबारी हो गई. इसी दौरान पहाड़ी से ग्लेशियर आ गिरा जिसकी चपेट में आने से कुल 1200 में से 950 भेड़ और बकरियां बर्फ में ही दफन हो गईं.

950 sheeps and goats died after avalanche

चंबा: जिला चंबा के भरमौर में ग्लेशियर की चपेट में आने से भेड़ पालकों की 950 भेड़ और बकरियां दब कर मर गईं. भेड़ पालक अपनी भेड़-बकरियों को लेकर भरमौर से लाहौल की ओर जा रहे थे इस दौरान चोविया जोत पहुंचने पर वो ग्लेशियर की चपेट में आ गए.

चोविया जोत से भेड़पालकों को भी बड़ी मुश्किल से रेस्क्यू किया गया है, एक भेड़ पालक की हालत गंभीर है जिसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज टांडा रेफर किया गया है. यह घटना 13 जून की है, लेकिन दूरदराज इलाका होने की वजह से भेड़ पालकों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में वक्त लग गया.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक जब भेड़ पालक भरमौर से लाहौल की ओर जा रहे थे और इस बीच चोविया जोत पहुंचने पर 12 और 13 जून को बर्फबारी हो गई. इसी दौरान पहाड़ी से ग्लेशियर आ गिरा जिसकी चपेट में आने से कुल 1200 में से 950 भेड़ और बकरियां बर्फ में ही दफन हो गईं.

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक इस घटना के संबंध में सूचना लाहौल स्पीति के उदयपुर थाने में एक भेड़ पालक भजन राम ने शनिवार को दी. इसके बाद उदयपुर पुलिस थाना प्रभारी मोती राम के नेतृत्व में एक टीम चोविया जोत की रवाना हुई और वहां फंसे भेड़ पालकों सहित 250 भेड़ों को रेस्क्यू किया गया.

रेस्क्यू किए गए भेड़ पालकों में ज्ञान चंद 65 साल और उनके दो बेटे नरेश 32 और बसंत 28 साल जोकि कांगड़ा जिले के शाहपुर, भनाला निवासी को उदयपुर में ही प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई. वहीं, भजन लाल उम्र 47 को बर्फ का टुकड़ा लगने की वजह से टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है.

चंबा: जिला चंबा के भरमौर में ग्लेशियर की चपेट में आने से भेड़ पालकों की 950 भेड़ और बकरियां दब कर मर गईं. भेड़ पालक अपनी भेड़-बकरियों को लेकर भरमौर से लाहौल की ओर जा रहे थे इस दौरान चोविया जोत पहुंचने पर वो ग्लेशियर की चपेट में आ गए.

चोविया जोत से भेड़पालकों को भी बड़ी मुश्किल से रेस्क्यू किया गया है, एक भेड़ पालक की हालत गंभीर है जिसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज टांडा रेफर किया गया है. यह घटना 13 जून की है, लेकिन दूरदराज इलाका होने की वजह से भेड़ पालकों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में वक्त लग गया.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक जब भेड़ पालक भरमौर से लाहौल की ओर जा रहे थे और इस बीच चोविया जोत पहुंचने पर 12 और 13 जून को बर्फबारी हो गई. इसी दौरान पहाड़ी से ग्लेशियर आ गिरा जिसकी चपेट में आने से कुल 1200 में से 950 भेड़ और बकरियां बर्फ में ही दफन हो गईं.

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक इस घटना के संबंध में सूचना लाहौल स्पीति के उदयपुर थाने में एक भेड़ पालक भजन राम ने शनिवार को दी. इसके बाद उदयपुर पुलिस थाना प्रभारी मोती राम के नेतृत्व में एक टीम चोविया जोत की रवाना हुई और वहां फंसे भेड़ पालकों सहित 250 भेड़ों को रेस्क्यू किया गया.

रेस्क्यू किए गए भेड़ पालकों में ज्ञान चंद 65 साल और उनके दो बेटे नरेश 32 और बसंत 28 साल जोकि कांगड़ा जिले के शाहपुर, भनाला निवासी को उदयपुर में ही प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई. वहीं, भजन लाल उम्र 47 को बर्फ का टुकड़ा लगने की वजह से टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है.

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950 sheeps and goats died after avalanche




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