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निर्माण क्षेत्र पर मंडराने लगा कोरोना की दूसरी लहर का साया! घरों को लौटने लगे प्रवासी मजदूर

हिमाचल में कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण के मामले तेजी से फैल रहे हैं. ऐसे में घरेलू इस्तेमाल की जीचों से लेकर भवन निर्माण में इस्तेमाल होने वाली चीजों के दाम में बढ़ोतरी देखी जा रही है. कोरोना के डर से प्रवासी मजदूर भी अपने घरों को लौटने लगे हैं. जिसकी वजह से जिले में चल रहा भवन निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है.

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Published : May 7, 2021, 10:25 PM IST

बिलासपुर: कोरोना महामारी की दूसरी लहर एक बार फिर हर क्षेत्र को प्रभावित कर रही है. चाहे वह छोटा कारोबार हो या बड़े पैमाने पर चल रहा उद्योग धंधा. सभी पर इसका असर देखने को मिल रहा है. हिमाचल प्रदेश में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में सरकार ने कई पाबंदियां लगाई हैं. जिसका प्रभाव निर्माण क्षेत्र पर भी देखने को मिल रहा है.

भवन निर्माण में इस्तेमाल होने वाले सामान के दामों में इजाफा हुआ है. साथ ही कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से भवन निर्माण में लगे मजदूरों को अपने रोजी-रोटी का जर सताने लगा है.

वीडियो रिपोर्ट.

प्रवासी मजदूरों को सता रहा लॉकडाउन का डर

प्रवासी मजदूर कृष्णा का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर का डर यहां काम कर रहे सभी मजदूरों को सता रहा है. सरकार ने अगर लॉकडाउन लगा दिया तो उनका गुजारा कैसे होगा. दूसरी लहर से काफी डरे हुए हैं. उनका कहना है कि अगर प्रदेश में लॉकडाउन लग जाता है तो उनका गुजारा कैसे होगा, पिछले साल लॉकडाउन के दौरान वे बिलासपुर में दो महीने तक फंसे रह गए थे.

मंहगी हुई भवन निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री

बिलासपुर में जिले में लोहा, सीमेंट, पाइप व अन्य भवन निर्माण सामग्री बेचने वाले दुकानदार जितेंद्र ठाकुर कहते हैं कि कोविड की वजह से उनके कार्य में अधिक प्रभाव पड़ा है. पिछले साल के मुकाबले इन जीचों के दामों में काफी इजाफा देखा जा रहा है. कोरोना की वजह से सरकार ने प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू लगा दिया, जिसकी वजह से भवन निर्माण कार्य की गति धीमी पड़ गई है.

the-second-wave-of-corona-affected-construction-work-in-bilaspur
फोटो.

घरों को लौट रहे मजदूर

स्थानीय ठेकेदार विक्की कुमार का कहना है कि कोरोना के डर से प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौट रहे हैं. होली के दौरान जो मजदूर घर गए थे वे अब लौटना नहीं चाहते हैं. और जो यहां अभी रुके हुए थे, वे कोरोना की दूसरी लहर के डर से अपने घरों को लौटेने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में शहर में चल रहा भवन निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है.

सुस्त पड़ा एम्स के भवन निर्माण का काम

आपको बता दें कि शहर के बार कोठीपुरा में एम्स के भवन निर्माण कार्य भी सुस्त पड़ गया है. आम दिनों में करीब 2600 मजदूर यहां काम करते थे. लेकिन कोरोना की भयावह स्थिति की वजह से अब 800 मजदूर ही बचे हैं. ऐसे में एम्स का निर्माण करा रही कंपनी को लेबर की कमी से दो-चार होना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: बिलासपुरः कोरोना कर्फ्यू की अवेहलना करने पर पुलिस ने दुकानदारों के काटे चालान, लोगों को किया जागरूक

बिलासपुर: कोरोना महामारी की दूसरी लहर एक बार फिर हर क्षेत्र को प्रभावित कर रही है. चाहे वह छोटा कारोबार हो या बड़े पैमाने पर चल रहा उद्योग धंधा. सभी पर इसका असर देखने को मिल रहा है. हिमाचल प्रदेश में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में सरकार ने कई पाबंदियां लगाई हैं. जिसका प्रभाव निर्माण क्षेत्र पर भी देखने को मिल रहा है.

भवन निर्माण में इस्तेमाल होने वाले सामान के दामों में इजाफा हुआ है. साथ ही कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से भवन निर्माण में लगे मजदूरों को अपने रोजी-रोटी का जर सताने लगा है.

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प्रवासी मजदूरों को सता रहा लॉकडाउन का डर

प्रवासी मजदूर कृष्णा का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर का डर यहां काम कर रहे सभी मजदूरों को सता रहा है. सरकार ने अगर लॉकडाउन लगा दिया तो उनका गुजारा कैसे होगा. दूसरी लहर से काफी डरे हुए हैं. उनका कहना है कि अगर प्रदेश में लॉकडाउन लग जाता है तो उनका गुजारा कैसे होगा, पिछले साल लॉकडाउन के दौरान वे बिलासपुर में दो महीने तक फंसे रह गए थे.

मंहगी हुई भवन निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री

बिलासपुर में जिले में लोहा, सीमेंट, पाइप व अन्य भवन निर्माण सामग्री बेचने वाले दुकानदार जितेंद्र ठाकुर कहते हैं कि कोविड की वजह से उनके कार्य में अधिक प्रभाव पड़ा है. पिछले साल के मुकाबले इन जीचों के दामों में काफी इजाफा देखा जा रहा है. कोरोना की वजह से सरकार ने प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू लगा दिया, जिसकी वजह से भवन निर्माण कार्य की गति धीमी पड़ गई है.

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घरों को लौट रहे मजदूर

स्थानीय ठेकेदार विक्की कुमार का कहना है कि कोरोना के डर से प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौट रहे हैं. होली के दौरान जो मजदूर घर गए थे वे अब लौटना नहीं चाहते हैं. और जो यहां अभी रुके हुए थे, वे कोरोना की दूसरी लहर के डर से अपने घरों को लौटेने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में शहर में चल रहा भवन निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है.

सुस्त पड़ा एम्स के भवन निर्माण का काम

आपको बता दें कि शहर के बार कोठीपुरा में एम्स के भवन निर्माण कार्य भी सुस्त पड़ गया है. आम दिनों में करीब 2600 मजदूर यहां काम करते थे. लेकिन कोरोना की भयावह स्थिति की वजह से अब 800 मजदूर ही बचे हैं. ऐसे में एम्स का निर्माण करा रही कंपनी को लेबर की कमी से दो-चार होना पड़ रहा है.

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