बिलासपुर: चालक मोटर संघ का कहना है कि ट्रक चालक आज के इस दौर में भी गुलामी भरी जिंदगी जी रहे हैं और उनकी ओर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा. बिलासपुर में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए चालक मोटर संघ के वरिष्ठ महासचिव जयकिशन शर्मा ने कहा कि महंगाई के इस दौर में चालकों को आठ से दस हजार रूपए की सैलरी ही मिल रही है. जिसमें कि गुजारा करना बहुत कठिन हो रहा है. उन्होंने बताया कि ट्रक चालकों की जिंदगी इतनी कठिन होती है कि उन्हें कई बार भोजन करने का समय भी नहीं मिलता.
उन्होंने बताया कि इसीलिए संघ का गठन किया गया है, जिसकी पंजीकरण प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने बताया कि जिस कंपनी के लिए चालक काम कर रहे हैं उस कंपनी के द्वारा भी चालकों को कोई भी अतिरिक्त सुविधा (Press conference of Driver Motor Union in Bilaspur) नहीं दी जा रही. उन्होंने कहा कि कंपनी उनके बलबूते पर लाखों रुपए कमा रही है. लेकिन ना तो ट्रकों के मालिकों को कोई लाभ मिल रहा है और ना ही चालकों को कोई लाभ मिल रहा है. उन्होंने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि सीमेंट लेकर जब वह किसी डंप पर अपना वाहन खाली करने के लिए खड़ा करते हैं तो 3 से 4 दिनों तक उसे खाली नहीं किया जाता.
उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी भी तरह से कोई दुर्घटना हो जाती है तो ना तो मालिक ही उनका साथ देता है और ना ही कोई सभा उनके लिए खड़ी होती है. उन्होंने बीडीटीएस की ओर इशारा करते हुए कहा कि इतनी बड़ी सभा ने आज तक चालकों को मुसीबत में देखकर कुछ नहीं किया. उन्होंने अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी में कार्य कर रही खारसी सहकारी सभा की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके अध्यक्ष महेंद्र सिंह व सचिव दौलत सिंह ठाकुर ने एक प्रथा चलाई है कि एक्सीडेंट के ऊपर प्रभावित परिवार को पांच लाख रूपए की राशि दी जाएगी, जो की सभा का सदस्य होगा. इसी तरह उन्होंने सरकाघाट के एक चालक के परिवार को भी पांच लाख रूपए की सहायता दी है.
उन्होंने कहा कि इस तरह की सहायता अन्य सभाओं को भी शुरू करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वह अपने सदस्य चालकों को हर प्रकार से एजुकेट भी कर रहे हैं कि किस तरह से नए वाहन नियम का पालन करना चाहिए और कैसे व्यवहार करना चाहिए व नशे से कैसे दूर रहना चाहिए. कोरोना काल की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उस दौरान 55 परिवारों की ट्रक ऑपरेटरों ने सहायता की थी.
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