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खेल मंत्री ने बताई करगिल शहीद जवानों के पराक्रम की कहानी, नम आंखों से दी श्रद्धांजलि

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Published : Jul 26, 2019, 5:34 PM IST

Updated : Jul 26, 2019, 5:52 PM IST

शहीदों की याद में कारगिल युद्ध विजय दिवस मनाया गया. इसी बीच खेल और परिवाहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने 52 सैनिकों के सम्मान में युद्ध स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

Kargil War Vijay Day celebrated in bilaspur

बिलासपुर: शुक्रवार को जिला में शहीदों की याद में कारगिल युद्ध विजय दिवस मनाया गया. इसी बीच खेल और परिवाहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने 52 सैनिकों के सम्मान में युद्ध स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

खेल और परिवाहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि करगिल युद्ध 14 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक लड़ा गया था, जिसमें अनेक वीर जवान शहीद हुए और देश को आजाद कराया. उन्होंने बताया कि करगिल युद्ध 14 मई1999 को तब शुरू हुआ, जब 4 रेजीमेंट के कैप्टन सौरव कालिया अपने गश्ती दल के साथ दुश्मन की टोह लेने के लिए कोकसर के लिए रवाना हुए थे. इसी बीच पाकिस्तानी सेना ने सौरभ कालिया के साथ-साथ पांच जवानों को पकड़ा लिया. नौ जून 1999 को पाकिस्तानी सेना ने कैप्टन सौरव कालिया का क्षत-विक्षत स्थिति में शव भारतीय सेना को सौंपा.

Kargil War Vijay Day celebrated in bilaspur
करगिल युद्ध दिवस पर आयोजित समारोह

परिवाहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि कैप्टन विक्रम बत्रा की ये दिल मांगे मोर की ध्वनी मश्कोह घाटी में शंख नाद करते हुए दुश्मन पर भारी पड़ी. उन्होंने बताया कि कई चोटियों पर कब्जा करने के बाद प्वाइंट 48.75 कब्जा करते समय दुश्मन ने विक्रम बत्रा पर चारों तरफ से हमला कर दिया और विक्रम बत्रा ने देश पर अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. इसके अलावा बताया कि मश्कोह घाटी की 17 हजार फीट ऊंची लैट टाप पोस्ट पर राइफल मैन संजय कुमार ने कब्जा करते हुए दुश्मन पर फायरिंग की. दूसरी तरफ हुई फायरिंग से संजय कुमार की टांग पर छह गोलियां लगी, लेकिन इसके बावजूद भी संजय कुमार ने साहस का परिचय देते हुए दुश्मन पर ग्रेनेड और गोलियों की बौछारों से हमला किया और लैट पोस्ट पर कब्जा किया.

करगिल युद्ध के दौरान युद्ध पदकों में दो परमवीर चक्र, 4 वीर चक्र, 5 सेना मेडल से सम्मानित किया गया. इसी बीच वीरों, वीरांगनाओं को सम्मानित किया गया, जिसमें मीरा देवी, रतनी देवी, सरस्वती देवी, कलावती, शीला देवी, शकुंतला देवी, निर्मला देवी, रक्षा देवी, कौशल्या देवी, प्रोमिला देवी, सुरेश कुमारी, व्यासां देवी, कैप्टन योगेंद्र पल शामिल हैं.

वीडियो

बता दें कि 26 जुलाई को करगिल युद्ध को 20 साल पूरे हो जाएगे. समारोह में भारतीय सेना की आर्म्ड टुकड़ी ने शामिल होकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इसी बीच देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर शहीद हुए उनके जीवनसाथी की शहादत में वीरनारियों के आंसू भी छलके.

बिलासपुर: शुक्रवार को जिला में शहीदों की याद में कारगिल युद्ध विजय दिवस मनाया गया. इसी बीच खेल और परिवाहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने 52 सैनिकों के सम्मान में युद्ध स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

खेल और परिवाहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि करगिल युद्ध 14 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक लड़ा गया था, जिसमें अनेक वीर जवान शहीद हुए और देश को आजाद कराया. उन्होंने बताया कि करगिल युद्ध 14 मई1999 को तब शुरू हुआ, जब 4 रेजीमेंट के कैप्टन सौरव कालिया अपने गश्ती दल के साथ दुश्मन की टोह लेने के लिए कोकसर के लिए रवाना हुए थे. इसी बीच पाकिस्तानी सेना ने सौरभ कालिया के साथ-साथ पांच जवानों को पकड़ा लिया. नौ जून 1999 को पाकिस्तानी सेना ने कैप्टन सौरव कालिया का क्षत-विक्षत स्थिति में शव भारतीय सेना को सौंपा.

Kargil War Vijay Day celebrated in bilaspur
करगिल युद्ध दिवस पर आयोजित समारोह

परिवाहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि कैप्टन विक्रम बत्रा की ये दिल मांगे मोर की ध्वनी मश्कोह घाटी में शंख नाद करते हुए दुश्मन पर भारी पड़ी. उन्होंने बताया कि कई चोटियों पर कब्जा करने के बाद प्वाइंट 48.75 कब्जा करते समय दुश्मन ने विक्रम बत्रा पर चारों तरफ से हमला कर दिया और विक्रम बत्रा ने देश पर अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. इसके अलावा बताया कि मश्कोह घाटी की 17 हजार फीट ऊंची लैट टाप पोस्ट पर राइफल मैन संजय कुमार ने कब्जा करते हुए दुश्मन पर फायरिंग की. दूसरी तरफ हुई फायरिंग से संजय कुमार की टांग पर छह गोलियां लगी, लेकिन इसके बावजूद भी संजय कुमार ने साहस का परिचय देते हुए दुश्मन पर ग्रेनेड और गोलियों की बौछारों से हमला किया और लैट पोस्ट पर कब्जा किया.

करगिल युद्ध के दौरान युद्ध पदकों में दो परमवीर चक्र, 4 वीर चक्र, 5 सेना मेडल से सम्मानित किया गया. इसी बीच वीरों, वीरांगनाओं को सम्मानित किया गया, जिसमें मीरा देवी, रतनी देवी, सरस्वती देवी, कलावती, शीला देवी, शकुंतला देवी, निर्मला देवी, रक्षा देवी, कौशल्या देवी, प्रोमिला देवी, सुरेश कुमारी, व्यासां देवी, कैप्टन योगेंद्र पल शामिल हैं.

वीडियो

बता दें कि 26 जुलाई को करगिल युद्ध को 20 साल पूरे हो जाएगे. समारोह में भारतीय सेना की आर्म्ड टुकड़ी ने शामिल होकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इसी बीच देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर शहीद हुए उनके जीवनसाथी की शहादत में वीरनारियों के आंसू भी छलके.

Intro:लोकेशन -बिलासपुर।

स्लग -बिलासपुर में 26 जुलाई को कारगिल युद्ध विजय दिवस के सुअवसर पर मनाया गया राज्य स्तरीय श्रद्धांजलि समारोह ,इस समारोह में कैबनेट मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने बतौर मुख्यातिथी शिरकत कर शहीदों की शहादत को किया नमन
इस समारोह में भारतीय सेना की आर्म्ड टुकड़ी ने शामिल होकर शहीदों को दी श्रद्धांजलि । इस दौरान वीरनारियाँ हुई भावुक देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर शहीद हुए उनके जीवन साथियों की याद में झलके आँसूं । Body:byte visConclusion:लोकेशन -बिलासपुर।

स्लग -बिलासपुर में 26 जुलाई को कारगिल युद्ध विजय दिवस के सुअवसर पर मनाया गया राज्य स्तरीय श्रद्धांजलि समारोह ,इस समारोह में कैबनेट मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने बतौर मुख्यातिथी शिरकत कर शहीदों की शहादत को किया नमन
इस समारोह में भारतीय सेना की आर्म्ड टुकड़ी ने शामिल होकर शहीदों को दी श्रद्धांजलि । इस दौरान वीरनारियाँ हुई भावुक देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर शहीद हुए उनके जीवन साथियों की याद में झलके आँसूं ।

ऐ /आई -बिलासपुर आयोजित कारगिल युद्ध विजय दिवस के अवसर पर आयोजित हुए विभिन्न प्रकार के दृश्य।


वी /ओ -पूर्व सैनिक कल्याण समिति के बैनर तले राज्यस्तरीय 20वां करगिल विजय
दिवस बिलासपुर में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रम में वन एवं
परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर युद्ध स्मारक पहुंचे जहां प्रदेशाध्यक्ष
सूबेदार प्रकाश चंद ने उनका स्वागत किया। मंत्री गोविंद ठाकुर ने
करगिल में देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए प्रदेश के 52
सैनिकों के स मान में युद्ध स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी
और दो मिनट का मौन रखा । जबकि पुलिस के जवानों ने शहीदों के
स मान में शस्त्रों को उलटा करके सलामी दी। तत्पश्चात भाषा
संस्कृति विभाग के भवन में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
सूबेदार प्रकाश चंद मंत्री गोविंद ठाकुर को बैच, टोपी, शाल व
स्मृति चिन्ह देकर स मानित किया। इस अवसर मुख्यातिथि कैबिनेट मंत्री गोविन्द राम ठाकुर ने अपने सम्बोधन में कहा
करगिल युद्ध 14 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक लड़ा गया। उन्होंने
कहा कि करगिल युद्ध 14 मई1999 को तब शुरू हुआ जब 4 रैजीमेंट के
कैप्टन सौरव कालिया के साथ गश्ती दल बजरंग पोस्ट की ओर दुश्मन की
उपस्थिति की जानकारी के लिए रवाना हुआ लेकिन दूसरे ही दिन गश्ती
दल से संपर्क टूट गया और नौ जून 1999 को पाकिस्तानी सेना ने
कैप्टन सौरव कालिया का क्षत विक्षत स्थिति में शव ाारत सौंपा।
उन्होंने कहा कि कैप्टन विक्रम बत्रा की ये दिल मांग मोर की ध्वनी
मश्कोह घाटी में शंख नाद करते हुए दुश्मन पर भारी पड़ी।
उन्होंने बताया कि कई चोटियों पर कब्जा करने के बाद प्वाइंट
48.75 कब्जा करते समय दुश्मन ने विक्रम बत्रा पर चारों तरफ से हमला
कर दिया और विक्रम बत्रा ने देश पर अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
इसी दौरान मश्कोह घाटी की 17
हजार फीट ऊंची लैट टाप पोस्ट पर राईफल मैन संजय कुमार ने
कब्जा करते हुए दुश्मन पर फायरिंग की। दूसरी तरफ हुई फायरिंग से
संजय कुमार की टांग पर पांच छह गोलियां लगी बावजूद इसके संजय
कुमार अद य साहस का परिचय देते हुए दुश्मन पर ग्रेनेड और गोलियों
की बौछारों से हमला किया तथा लैट पोस्ट पर कब्जा कर लिया। इस
बहादुरी के लिए संजय कुमार को सेना का सर्वोच्च स मान परमवीर चक्र
मिला। इस युद्ध के दौरान युद्ध पदकों में दो परमवीर चक्र, 4 वीर चक्र, 5
सेना मेडल से स मानित किया। इस अवसर पर वीरों तथा वीरांगनाओं को सम्मानित किया गया। जिनमें मीरा देवी, रतनी देवी, सरस्वती देवी, कलावती,
शीला देवी, शकुंतला देवी, निर्मला देवी, रक्षा देवी, कौशल्या देवी,
प्रोमिला देवी, सुरेश कुमारी, व्यासां देवी, कैप्टन योगेंद्र पल (सेना
मैडल), कर्नल पीएस अत्री (सेना मैडल), सुरेश नड्डा आदि शामिल रहे।
कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सैनिक और समिति के
अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे ।

फीडबैक -
(1)-गोविन्द ठाकुर ,वन एवं परिवहन मंत्री। (बाइट )
Last Updated : Jul 26, 2019, 5:52 PM IST
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