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गुरु का लाहौर पहुंची गुरु गोबिंद सिंह जी की बारात, धूमधाम से हुआ स्वागत - bilaspur hindi news

गुरु गोबिंद सिंह जी की बारात पांच प्यारों की अगुवाई में शोभा यात्रा के (GURU GOBIND SINGH JI WEDDING CELEBRATION) रूप में ढोल नगाड़ों के साथ गुरुद्वारा सेहरा साहिब से निकली. गुरु का लाहौर पहुंचने पर बारात का स्वागत बड़े धूमधाम से किया गया.

Basant Panchami fair in bilaspur
बिलासपुर में बसंत पंचमी मेला
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Published : Feb 4, 2022, 7:44 PM IST

Updated : Feb 4, 2022, 8:15 PM IST

बिलासपुर: बिलासपुर के गुरु का लाहौर बस्सी में दो दिवसीय गुरु गोबिंद सिंह जी के विवाह उत्सव बसंत पंचमी मेला धूमधाम से मनाया जा रहा है. हजारों की (Basant Panchami fair in bilaspur) संख्या में श्रद्धालु पंजाब, हिमाचल, हरियाणा से गुरु महाराज के विवाह उत्सव में भाग लेने के लिए पहुंच रहे हैं.

शुक्रवार शाम के समय गुरु गोबिंद सिंह जी की बारात पांच प्यारों की अगुवाई में शोभा यात्रा के रूप में ढोल नगाड़ों के साथ गुरुद्वारा सेहरा साहिब से निकली और संगतों ने जयकारे लगाते हुए शोभायात्रा में भाग लिया. हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ से भाजपा के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता आपदा प्रबंधन के उपाध्यक्ष रणधीर शर्मा भी शोभायात्रा में शामिल हुए. गुरु का लाहौर पहुंचने पर बारात का स्वागत बड़े धूमधाम से किया गया.

बिलासपुर में बसंत पंचमी मेला

इस दौरान मिठाईयां और फल बांटे गए. हालांकि गुरु का लाहौर में स्थान है, जहां पर गुरु महाराज के लाबा फेरे हुए थे और सेहरा साहिब वह स्थान है जहां पर गुरु महाराज की सेहरा बंधी हुई थी. गुरु गोबिंद सिंह जी के और माता जीत कौर के विवाह उपलक्ष्य पर गुरु महाराज ने जब पाकिस्तान लाहौर में हालात ठीक नहीं थे तो अपने ससुराल पक्ष को हिमाचल प्रदेश के इस धार्मिक स्थल पर बुला लिया था और विवाह के उपरांत गुरु महाराज ने इस स्थान का नाम गुरु का लाहौर रख दिया.

गुरु का लाहौर बस्सी क्षेत्र में (Basant Panchami fair in bilaspur) दो दिवसीय मेले का आयोजन 4 और 5 फरवरी को किया जाता है. यहां पर ही ऐतिहासिक स्थल त्रिवेणी साहिब है, जहां पर गुरु महाराज ने संगतों के लिए करपा बरछा के द्वारा चट्टान पर तीन बार करके तीन जल की धाराएं गंगा, जमुना, सरस्वती प्रकट की थी. श्रद्धालु इस में जल ग्रहण करते हैं और स्नान करते हैं.

ये भी पढ़ें: श्री राधा कृष्ण मंदिर के वार्षिक सम्मेलन का शोभायात्रा से आगाज, हरे कृष्णा के जयकारों से गूंजा ऊना शहर

बिलासपुर: बिलासपुर के गुरु का लाहौर बस्सी में दो दिवसीय गुरु गोबिंद सिंह जी के विवाह उत्सव बसंत पंचमी मेला धूमधाम से मनाया जा रहा है. हजारों की (Basant Panchami fair in bilaspur) संख्या में श्रद्धालु पंजाब, हिमाचल, हरियाणा से गुरु महाराज के विवाह उत्सव में भाग लेने के लिए पहुंच रहे हैं.

शुक्रवार शाम के समय गुरु गोबिंद सिंह जी की बारात पांच प्यारों की अगुवाई में शोभा यात्रा के रूप में ढोल नगाड़ों के साथ गुरुद्वारा सेहरा साहिब से निकली और संगतों ने जयकारे लगाते हुए शोभायात्रा में भाग लिया. हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ से भाजपा के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता आपदा प्रबंधन के उपाध्यक्ष रणधीर शर्मा भी शोभायात्रा में शामिल हुए. गुरु का लाहौर पहुंचने पर बारात का स्वागत बड़े धूमधाम से किया गया.

बिलासपुर में बसंत पंचमी मेला

इस दौरान मिठाईयां और फल बांटे गए. हालांकि गुरु का लाहौर में स्थान है, जहां पर गुरु महाराज के लाबा फेरे हुए थे और सेहरा साहिब वह स्थान है जहां पर गुरु महाराज की सेहरा बंधी हुई थी. गुरु गोबिंद सिंह जी के और माता जीत कौर के विवाह उपलक्ष्य पर गुरु महाराज ने जब पाकिस्तान लाहौर में हालात ठीक नहीं थे तो अपने ससुराल पक्ष को हिमाचल प्रदेश के इस धार्मिक स्थल पर बुला लिया था और विवाह के उपरांत गुरु महाराज ने इस स्थान का नाम गुरु का लाहौर रख दिया.

गुरु का लाहौर बस्सी क्षेत्र में (Basant Panchami fair in bilaspur) दो दिवसीय मेले का आयोजन 4 और 5 फरवरी को किया जाता है. यहां पर ही ऐतिहासिक स्थल त्रिवेणी साहिब है, जहां पर गुरु महाराज ने संगतों के लिए करपा बरछा के द्वारा चट्टान पर तीन बार करके तीन जल की धाराएं गंगा, जमुना, सरस्वती प्रकट की थी. श्रद्धालु इस में जल ग्रहण करते हैं और स्नान करते हैं.

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Last Updated : Feb 4, 2022, 8:15 PM IST
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