बिलासपुर: कांग्रेस के पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने सर्किट हाउस में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बातचीत की. बंबर ठाकुर ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के घर यानि बिलासपुर में चार प्रोजेक्ट्स आए हैं, लेकिन बाहर से आ रही इन कंपनियों के नुमाइंदे अपनी मनमानी कर, यहां के हजारों शिक्षित एवं प्रशिक्षित बेरोजगारों की अनदेखी कर रहे हैं. हिमाचल में नियम है कि किसी भी प्रोजेक्ट में तीस प्रतिशत लोग बाहरी राज्यों से होंगे, जबकि 70 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को दिया जाएगा.
बंबर ठाकुर ने आरोप लगाया कि बिलासपुर में लगने वाले एम्स, हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज, फोरलेन और रेलवे प्रोजेक्ट में बाहरी लोगों को रोजगार दिया जा रहा है. यहां के लोगों की अनदेखी हो रही है, जिसे किसी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अपने तय कार्यक्रम के अनुसार उनका धरना प्रदर्शन दो अगस्त को होना था, जिसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन जिला प्रशासन ने उनसे पांच-सात दिन का समय मांगा है, ताकि मसले को बिना संघर्ष सुलझा लिया जाए. फिलहाल उन्होंने 7 अगस्त तक अपना कार्यक्रम होल्ड पर रखा है.
पूर्व कांग्रेस विधायक ने कहा कि आज दिन तक भाखड़ा विस्थापितों का सही तरीके से बसाव नहीं हो पाया है. अब अपने हकों के लिए संघर्षरत लोगों को प्रशासन द्वारा लॉलीपॉप दिया जा रहा है. ठाकुर ने भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर आरोप लगाया कि बीते विधानसभा चुनाव में जिले के चारों विधायकों को जिताने के लिए हजारों युवाओं के बायोडाटा एकत्रित कर, उन्हें नौकरी के सब्जबाग दिखाए, लेकिन अब वे भी स्वयं को छला हुआ महसूस कर रहे हैं.
कांग्रेस के पूर्व विधायक ने कहा कि राष्ट्रीय प्रोजेक्ट बनने चाहिए, लेकिन स्थानीय लोगों को उनका हक मिलना चाहिए. उन्होंने पुलिस प्रशासन को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इन प्रोजेक्ट्स की गाड़ियां नियमों को ताक पर रखकर काम कर रही है. पुलिस प्रशासन इनके चालान तक नहीं करता, जबकि बिलासपुर के लोगों के हर दिन सरकार का राजस्व बढ़ाने के लिए चालान किया जा रहा है.
बंबर ठाकुर ने प्रशासन से फोरलेन निर्माण में फंसे ठेकेदारों के करीब 50 करोड़ रुपये का बकाया राशि दिलवाने की मांग भी की. इसके अलावा उन्होंने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि इन परियोजनाओं में बिलासपुर के लोगों को रोजगार देना सुनिश्चित किया जाए, अन्यथा परिणाम दूरगामी होंगे.
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