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शारदीय नवरात्र का पहला दिन, मां नैना देवी के दरबार में उमड़ी भक्तों की भीड़ - मां नैना देवी के दरबार में दूर-दराज से पहुंच रहे श्रद्धालु

नवरात्र के पहले दिन सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है. माता श्री नैना देवी के दरबार में देवी मां के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं. पंजाब, हिमाचल, दिल्ली समेत अन्य प्रदेशों से भी श्रद्धालु मां नैना देवी के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं.

नवरात्र के पहले दिन मंदिर में उमड़ी भीड़
नवरात्र के पहले दिन मंदिर में उमड़ी भीड़
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Published : Oct 7, 2021, 8:36 AM IST

Updated : Oct 7, 2021, 9:30 AM IST

बिलासपुर: शारदीय नवरात्र का आज से आरंभ हो गया है. मां दुर्गा की उपासना के नौ दिनों में माता के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है. मां शैलपुत्री को पर्वतराज हिमालय की पुत्री माना जाता है. मान्यता है कि मां शैलपुत्री की जो भी श्रद्धालु पूरी श्रद्धा, आस्था और सच्चे मन से पूजा करता है, मां शैलपुत्री उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं और उन्हें मनवांछित फल देती हैं.

नवरात्र के पहले दिन सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है. माता श्री नैना देवी के दरबार में देवी मां के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं. पंजाब, हिमाचल, दिल्ली समेत अन्य प्रदेशों से भी श्रद्धालु मां नैना देवी के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. शारदीय नवरात्र के उपलक्ष्य पर माता श्री नैना देवी के दरबार को दुल्हन की तरह सजाया गया है.

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कोविड-19 महामारी के बीच एहतियात बरतते हुए इस बार भी नवरात्र मेला में 'नो मास्क नो दर्शन' नियम सख्ती से लागू होगा. मेले के दृष्टिगत सभी विभागों विद्युत, पेयजल, चिकित्सा, परिवहन, लोक निर्माण विभाग, नगर परिषद ने तैयारियां पूर्ण कर ली है. मेले के दौरान कानून व्यवस्था सुचारू रखने के लिए लगभग 700 पुलिस होमगार्ड के जवान और महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. जबकि मंदिर न्यास ने अतिरिक्त व्यवस्थाओं के लिए लगभग 100 कर्मचारी आस्थाई तौर पर नियुक्त किए हैं. हालांकि, नवरात्रि के दौरान इस बार भी मंदिर में नारियल और कड़ाह प्रसाद चढ़ाने पर मनाही रहेगी.

जिला प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं. 7 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक चलने वाले नवरात्रि में इस वर्ष भी हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. न्यास अध्यक्ष एवं एसडीएम नैना देवी योग राज को मेला अधिकारी और डीएसपी पूर्ण चंद को पुलिस मेला अधिकारी नियुक्त किया गया है.

जिन श्रद्धालुओं ने कोविड वैक्सीन की डबल डोज लगाई है या फिर जिनकी आरटीपीसीआर की रिपोर्ट निगेटिव है, उन्हें ही माता के दर्शनों के लिए कोलां वाला टोबा से आगे प्रवेश करने की अनुमति होगी. रिपोर्ट चेक करने के बाद ही उन्हें माता के दर्शनों के लिए भेजा जाएगा. मंदिर में 5 क्यूआरटी गाड़ियां हर वक्त मौजूद रहेंगी और 3 एम्बुलेंस भी मेले के दौरान उपलब्ध रहेगी.

3 स्वास्थ्य उपकेंद्र भी स्थापित किए गए हैं. इसके अतिरक्त घ्वांडल और नैना देवी में स्वास्थ्य केंद्र भी खुले रहेंगे. असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए लगभग 110 सीसीटीवी कैमरे कोलां वाला टोबा से लेकर नैना देवी और भाखड़ा डैम रोड तक की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे.

ये भी पढ़ें: दुल्हन की तरह सजा मां नैना देवी का दरबार! नारियल और कड़ाह प्रसाद चढ़ाने पर प्रतिबंध

बिलासपुर: शारदीय नवरात्र का आज से आरंभ हो गया है. मां दुर्गा की उपासना के नौ दिनों में माता के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है. मां शैलपुत्री को पर्वतराज हिमालय की पुत्री माना जाता है. मान्यता है कि मां शैलपुत्री की जो भी श्रद्धालु पूरी श्रद्धा, आस्था और सच्चे मन से पूजा करता है, मां शैलपुत्री उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं और उन्हें मनवांछित फल देती हैं.

नवरात्र के पहले दिन सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है. माता श्री नैना देवी के दरबार में देवी मां के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं. पंजाब, हिमाचल, दिल्ली समेत अन्य प्रदेशों से भी श्रद्धालु मां नैना देवी के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. शारदीय नवरात्र के उपलक्ष्य पर माता श्री नैना देवी के दरबार को दुल्हन की तरह सजाया गया है.

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कोविड-19 महामारी के बीच एहतियात बरतते हुए इस बार भी नवरात्र मेला में 'नो मास्क नो दर्शन' नियम सख्ती से लागू होगा. मेले के दृष्टिगत सभी विभागों विद्युत, पेयजल, चिकित्सा, परिवहन, लोक निर्माण विभाग, नगर परिषद ने तैयारियां पूर्ण कर ली है. मेले के दौरान कानून व्यवस्था सुचारू रखने के लिए लगभग 700 पुलिस होमगार्ड के जवान और महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. जबकि मंदिर न्यास ने अतिरिक्त व्यवस्थाओं के लिए लगभग 100 कर्मचारी आस्थाई तौर पर नियुक्त किए हैं. हालांकि, नवरात्रि के दौरान इस बार भी मंदिर में नारियल और कड़ाह प्रसाद चढ़ाने पर मनाही रहेगी.

जिला प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं. 7 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक चलने वाले नवरात्रि में इस वर्ष भी हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. न्यास अध्यक्ष एवं एसडीएम नैना देवी योग राज को मेला अधिकारी और डीएसपी पूर्ण चंद को पुलिस मेला अधिकारी नियुक्त किया गया है.

जिन श्रद्धालुओं ने कोविड वैक्सीन की डबल डोज लगाई है या फिर जिनकी आरटीपीसीआर की रिपोर्ट निगेटिव है, उन्हें ही माता के दर्शनों के लिए कोलां वाला टोबा से आगे प्रवेश करने की अनुमति होगी. रिपोर्ट चेक करने के बाद ही उन्हें माता के दर्शनों के लिए भेजा जाएगा. मंदिर में 5 क्यूआरटी गाड़ियां हर वक्त मौजूद रहेंगी और 3 एम्बुलेंस भी मेले के दौरान उपलब्ध रहेगी.

3 स्वास्थ्य उपकेंद्र भी स्थापित किए गए हैं. इसके अतिरक्त घ्वांडल और नैना देवी में स्वास्थ्य केंद्र भी खुले रहेंगे. असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए लगभग 110 सीसीटीवी कैमरे कोलां वाला टोबा से लेकर नैना देवी और भाखड़ा डैम रोड तक की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे.

ये भी पढ़ें: दुल्हन की तरह सजा मां नैना देवी का दरबार! नारियल और कड़ाह प्रसाद चढ़ाने पर प्रतिबंध

Last Updated : Oct 7, 2021, 9:30 AM IST
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