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1 लाख 4 हजार 224 बच्चों को खिलाई जाएगी कृमि मुक्ति दवाः डीसी बिलासपुर

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत 2 नवंबर से 10 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है. इस दौरान आशा वर्कर आंगनबाडी कार्यकर्ता घर-घर जाकर 1 से 19 वर्ष तक की आयु के बच्चों और किशोरों को कृमि मुक्ति की दवाई एल्बेंडाजोल की निर्धारित खुराख खिलाएंगी. यह जानकारी उपायुक्त रोहित जम्वाल ने जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी.

DC Rohit Jamwal organize  meeting of the district level task force in Bilaspur
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Published : Oct 29, 2020, 4:28 PM IST

बिलासपुर: राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत 2 नवंबर से 10 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है. इस दौरान आशा वर्कर आंगनबाडी कार्यकर्ता कोविड-19 के बचाव के लिए सभी दिशा निर्देशों व आवश्यक सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए घर-घर जाकर 1 से 19 वर्ष तक की आयु के बच्चों और किशोरों को कृमि मुक्ति की दवाई एल्बेंडाजोल की निर्धारित खुराख खिलाएंगी.

यह जानकारी उपायुक्त रोहित जम्वाल ने जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत 2 नवंबर से 10 नवंबर तक जिला में 1, 04224 बच्चों को खिलाई जाएगी.

उन्होंने बताया कि 1 से 5 वर्ष के 26,287 बच्चों को और 6 से 19 वर्ष के 77,937 बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवाई खिलाई जाएंगी. उन्होंने बताया कि 1 से 5 वर्ष तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल के साथ विटामिन ए की दवाई खिलाई जाएंगी . वहीं, 5 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के बच्चों को केवल एल्बेंडाजोल दवाई खिलाई जाएंगी.

उन्होंने बताया कि 2 नवंबर से 10 नवंबर तक सभी बच्चों को दवाई खिलाई जाएगी ताकि शतप्रतिशत बच्चों को कवर किया जा सके. उन्होंने बताया कि कोविड-19 के दृष्टिगत स्कूली बच्चों को दवाई खिलाने के लिए उपनिदेशक उच्च शिक्षा व प्राथमिक शिक्षा का भी आवश्यक सहयोग लिया जाएगा, ताकि कोई भी बच्चा दवाई खाने से वंचित न रहे.

उन्होंने कहा कि एल्बेंडाजॉल एक सुरक्षित व असरदार दवा है जो 1 वर्ष से 19 वर्ष के बच्चों को खिलाई जाएगी, ताकि सभी बच्चे स्वस्थ रह सकें. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि दवाई खिलाने से पूर्व आशा वर्कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पूर्ण रूप प्रशिक्षित किया जाए, ताकि बच्चों को प्रशिक्षित आशा वर्कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की देखरेख में सुरक्षित दवाई पिलाई जा सके.

उन्होंने समस्त बीएमओ को भी निर्देश दिए कि वे एसडीएम की अध्यक्षता में ब्लॉक स्तरीय टास्क फोर्स समिति का गठन करें. उन्होंने बताया कि जो बच्चें खांसी, जुखाम और बुखार से पीड़ित होंगे उन्हें यह दवाई नहीं पिलाई जाएगी.

इसके अलावा कटेंन्मेंट जोन में भी दवाई नहीं पिलाई जाएगी. उन्होंने बताया कि कोविड-19 के सुरक्षा उपायों के अंतर्गत आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को व्यक्तिगत स्वच्छता और सामाजिक दूरी के नियमों का पूर्ण रूप से पालन करना होगा और ट्रीपल लेयर मास्क, गल्वज और हाथ धोना इत्यादि सुनिश्चित करना होगा.

इस अवसर पर सीएमओ डॉ. प्रकाश दरोच ने बताया कि बच्चों के पेट में कृमि संक्रमण के कारण उनके शारीरिक और दिमागी विकास में बाधा आती है, जिससे कुपोषण और खून की कमी एनीमिया हो जाती है. उन्होंने बताया कि पेट के कीड़े मारने के लिए कृमि नियंत्रण की दवा एल्बेंडाजोल नियमित तौर पर लेने से जहां शरीर में पोषण का स्तर बेहतर होता है.

बिलासपुर: राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत 2 नवंबर से 10 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है. इस दौरान आशा वर्कर आंगनबाडी कार्यकर्ता कोविड-19 के बचाव के लिए सभी दिशा निर्देशों व आवश्यक सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए घर-घर जाकर 1 से 19 वर्ष तक की आयु के बच्चों और किशोरों को कृमि मुक्ति की दवाई एल्बेंडाजोल की निर्धारित खुराख खिलाएंगी.

यह जानकारी उपायुक्त रोहित जम्वाल ने जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत 2 नवंबर से 10 नवंबर तक जिला में 1, 04224 बच्चों को खिलाई जाएगी.

उन्होंने बताया कि 1 से 5 वर्ष के 26,287 बच्चों को और 6 से 19 वर्ष के 77,937 बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवाई खिलाई जाएंगी. उन्होंने बताया कि 1 से 5 वर्ष तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल के साथ विटामिन ए की दवाई खिलाई जाएंगी . वहीं, 5 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के बच्चों को केवल एल्बेंडाजोल दवाई खिलाई जाएंगी.

उन्होंने बताया कि 2 नवंबर से 10 नवंबर तक सभी बच्चों को दवाई खिलाई जाएगी ताकि शतप्रतिशत बच्चों को कवर किया जा सके. उन्होंने बताया कि कोविड-19 के दृष्टिगत स्कूली बच्चों को दवाई खिलाने के लिए उपनिदेशक उच्च शिक्षा व प्राथमिक शिक्षा का भी आवश्यक सहयोग लिया जाएगा, ताकि कोई भी बच्चा दवाई खाने से वंचित न रहे.

उन्होंने कहा कि एल्बेंडाजॉल एक सुरक्षित व असरदार दवा है जो 1 वर्ष से 19 वर्ष के बच्चों को खिलाई जाएगी, ताकि सभी बच्चे स्वस्थ रह सकें. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि दवाई खिलाने से पूर्व आशा वर्कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पूर्ण रूप प्रशिक्षित किया जाए, ताकि बच्चों को प्रशिक्षित आशा वर्कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की देखरेख में सुरक्षित दवाई पिलाई जा सके.

उन्होंने समस्त बीएमओ को भी निर्देश दिए कि वे एसडीएम की अध्यक्षता में ब्लॉक स्तरीय टास्क फोर्स समिति का गठन करें. उन्होंने बताया कि जो बच्चें खांसी, जुखाम और बुखार से पीड़ित होंगे उन्हें यह दवाई नहीं पिलाई जाएगी.

इसके अलावा कटेंन्मेंट जोन में भी दवाई नहीं पिलाई जाएगी. उन्होंने बताया कि कोविड-19 के सुरक्षा उपायों के अंतर्गत आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को व्यक्तिगत स्वच्छता और सामाजिक दूरी के नियमों का पूर्ण रूप से पालन करना होगा और ट्रीपल लेयर मास्क, गल्वज और हाथ धोना इत्यादि सुनिश्चित करना होगा.

इस अवसर पर सीएमओ डॉ. प्रकाश दरोच ने बताया कि बच्चों के पेट में कृमि संक्रमण के कारण उनके शारीरिक और दिमागी विकास में बाधा आती है, जिससे कुपोषण और खून की कमी एनीमिया हो जाती है. उन्होंने बताया कि पेट के कीड़े मारने के लिए कृमि नियंत्रण की दवा एल्बेंडाजोल नियमित तौर पर लेने से जहां शरीर में पोषण का स्तर बेहतर होता है.

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