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भानुपल्ली-बिलासपुर रेलवे लाइनः लैंड एक्विजिशन के लिए 100 करोड़ की डिमांड

भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी ब्रॉडगेज रेलवे लाइन निर्माण को लेकर लैंड एक्विजिशन के लिए 100 करोड़ की जरूरत है. इसके लिए बिलासपुर जिला प्रशासन ने रेलवे विकास निगम को प्रस्ताव भेजा है. प्रशासन का कहना है कि अभी प्रशासन के पास 46 करोड़ रुपये की राशि ही बाकि बची है.

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Published : Oct 22, 2020, 5:25 PM IST

Bhanupalli Bilaspur Railway Line
Bhanupalli Bilaspur Railway Line

बिलासपुरः सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी ब्रॉडगेज रेलवे लाइन निर्माण को लेकर भूमि अधिग्रहण के लिए 100 करोड़ की जरूरत है. इसके लिए प्रशासन ने रेलवे विकास निगम को प्रस्ताव भेजा है. अभी प्रशासन के पास 46 करोड़ रुपये की राशि ही बाकि बची है और रेल लाइन प्रभावितों को मुआवजा देने का क्रम जारी है.

ऐसे में आने वाले समय में रेलवे लाइन प्रभावितों को जमीन का मुआवजा देने के लिए बजट का संकट पैदा हो सकता है. लिहाजा बजट जारी करने के लिए प्रशासन की ओर से रेलवे विकास निगम को पत्र लिखा गया है.

पहले जारी हुई थी 207 करोड़ की राशि

जानकारी के मुताबिक लैंड एक्यूजिशन के लिए सरकार ने प्रशासन को 207 करोड़ रुपये की राशि जारी की थी, जिसके तहत जकातखाना तक चिहिंत की गई जमीन का प्रभावितों को मुआवजा दिया जा रहा है और अभी भी जकातखाना से पहले के कुछ गांव बच गए हैं जिन्हें जल्द ही मुआवजा राशि जारी की जाएगी. जकातखाना से बिलासपुर और इससे आगे बैरी तक चिहिंत की जा रही है. ऐसे में बजट आने पर जमीन का प्रभावितों को मुआवजा दिया जाएगा.

जमीन चयन की प्रक्रिया जारी

जकातखाना के पास कुछ गांव ऐसे हैं, जहां जमीन चयन की प्रक्रिया चल रही है और जमीन की नेगोसिएशन की जा रही है. लोगों द्वारा निर्धारित से अधिक मुआवजा मांगे जाने के चलते वहां पर अभी तक जमीन चयन की प्रक्रिया में रुकावट आ रही है जिसे दूर करने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है.

ऐसी ही समस्या बिलासपुर शहर से समीपवर्ती गांवों में भी है. लोग निर्धारित से अधिक मुआवजे की डिमांड कर रहे हैं जिसकी वजह से लैंड एक्यूजिशन प्रक्रिया में परेशानी हुई है. प्रशासनिक अधिकारी जनता के साथ सामंजस्य स्थापित कर रास्ता निकालने की कोशिशों में जुटा हुआ है.

बिलासपुर से बैरी तक 62 किमी लंबी रेल लाइन का होगा निर्माण

यहां बता दें कि सर्वे के तहत बिलासपुर से बैरी तक 62 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का निर्माण होना है. रेलवे लाइन का प्रथम चरण बिलासपुर शहर तक 52 किलोमीटर का है. इसके तहत 1106 बीघा जमीन निजी है और 1694 बीघा जमीन सरकारी है. बिलासपुर शहर के बध्यात तक 2801 बीघा जमीन चिहिंत की गई है. बध्यात तक राजस्व रिकार्ड भी पूरा कर लिया गया है.

अब इससे आगे बैरी के लिए चल रहे सर्वे के साथ-साथ राजस्व रिकॉर्ड तैयार करने का कार्य चलेगा. जकातखाना तक जमीन चयन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और ज्यादातर रेलवे लाइन प्रभावितों को मुआवजा जारी किया जा चुका है. हालांकि कुछेक गांव रह गए हैं, जहां लोगों को जल्द ही मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी.

बिलासपुर शहर के पास ही रघुनाथपुरा, लखनपुर, धौलरा, खैरियां, बामटा, बध्यात व लुहणू खैरियां में जमीन की नैगोसिएशन कर रहे हैं. शहर के वार्ड नंबर ग्यारह में साठ लाख रुपये बीघा के हिसाब से लोगों को जमीन का मुआवजा दिया गया है.

प्रशासन के पास बचे 46 करोड़

सदर बिलासपुर के एसडीएम कम लैंड एक्विजिशन कलेक्टर रामेश्वर दास ने बताया कि जकातखाना के कुछ गांवों में नेगोसिएशन में परेशानियां आई हैं जिन्हें दूर किया जा रहा है. लोगों के साथ सामंजस्य बिठाकर इस कार्य के पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास भी किए जा रहे हैं. उन्होंने माना कि अभी बजट की कमी है और 46 करोड़ ही बचे हैं.

जकातखाना से बिलासपुर और इससे आगे बैरी तक जमीन चयन के लिए सौ करोड़ के बजट की जरूरत है जिसके लिए रेलवे विकास निगम को डिमांड भेजी गई है. उन्होंने बताया कि जकातखाना में पचास लाख प्रति बीघा नैगोसिएशन कर रहे हैं. अभी 46 करोड़ का बजट उपलब्ध है, लेकिन लैंड एक्यूजिशन के लिए अभी 100 करोड़ की जरूरत है. इस बाबत डिमांड रेलवे विकास निगम को भेजी गई है.

ये भी पढे़ं- खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने बिलासपुर की दो फ्लोर मिल पर लगाया 10-10 हजार रुपये का जुर्माना

ये भी पढे़ं- रोहित जम्वाल ने संभाला ने DC बिलासपुर का कार्यभार, प्राथमिकता में रहेंगे ये काम

बिलासपुरः सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी ब्रॉडगेज रेलवे लाइन निर्माण को लेकर भूमि अधिग्रहण के लिए 100 करोड़ की जरूरत है. इसके लिए प्रशासन ने रेलवे विकास निगम को प्रस्ताव भेजा है. अभी प्रशासन के पास 46 करोड़ रुपये की राशि ही बाकि बची है और रेल लाइन प्रभावितों को मुआवजा देने का क्रम जारी है.

ऐसे में आने वाले समय में रेलवे लाइन प्रभावितों को जमीन का मुआवजा देने के लिए बजट का संकट पैदा हो सकता है. लिहाजा बजट जारी करने के लिए प्रशासन की ओर से रेलवे विकास निगम को पत्र लिखा गया है.

पहले जारी हुई थी 207 करोड़ की राशि

जानकारी के मुताबिक लैंड एक्यूजिशन के लिए सरकार ने प्रशासन को 207 करोड़ रुपये की राशि जारी की थी, जिसके तहत जकातखाना तक चिहिंत की गई जमीन का प्रभावितों को मुआवजा दिया जा रहा है और अभी भी जकातखाना से पहले के कुछ गांव बच गए हैं जिन्हें जल्द ही मुआवजा राशि जारी की जाएगी. जकातखाना से बिलासपुर और इससे आगे बैरी तक चिहिंत की जा रही है. ऐसे में बजट आने पर जमीन का प्रभावितों को मुआवजा दिया जाएगा.

जमीन चयन की प्रक्रिया जारी

जकातखाना के पास कुछ गांव ऐसे हैं, जहां जमीन चयन की प्रक्रिया चल रही है और जमीन की नेगोसिएशन की जा रही है. लोगों द्वारा निर्धारित से अधिक मुआवजा मांगे जाने के चलते वहां पर अभी तक जमीन चयन की प्रक्रिया में रुकावट आ रही है जिसे दूर करने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है.

ऐसी ही समस्या बिलासपुर शहर से समीपवर्ती गांवों में भी है. लोग निर्धारित से अधिक मुआवजे की डिमांड कर रहे हैं जिसकी वजह से लैंड एक्यूजिशन प्रक्रिया में परेशानी हुई है. प्रशासनिक अधिकारी जनता के साथ सामंजस्य स्थापित कर रास्ता निकालने की कोशिशों में जुटा हुआ है.

बिलासपुर से बैरी तक 62 किमी लंबी रेल लाइन का होगा निर्माण

यहां बता दें कि सर्वे के तहत बिलासपुर से बैरी तक 62 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का निर्माण होना है. रेलवे लाइन का प्रथम चरण बिलासपुर शहर तक 52 किलोमीटर का है. इसके तहत 1106 बीघा जमीन निजी है और 1694 बीघा जमीन सरकारी है. बिलासपुर शहर के बध्यात तक 2801 बीघा जमीन चिहिंत की गई है. बध्यात तक राजस्व रिकार्ड भी पूरा कर लिया गया है.

अब इससे आगे बैरी के लिए चल रहे सर्वे के साथ-साथ राजस्व रिकॉर्ड तैयार करने का कार्य चलेगा. जकातखाना तक जमीन चयन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और ज्यादातर रेलवे लाइन प्रभावितों को मुआवजा जारी किया जा चुका है. हालांकि कुछेक गांव रह गए हैं, जहां लोगों को जल्द ही मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी.

बिलासपुर शहर के पास ही रघुनाथपुरा, लखनपुर, धौलरा, खैरियां, बामटा, बध्यात व लुहणू खैरियां में जमीन की नैगोसिएशन कर रहे हैं. शहर के वार्ड नंबर ग्यारह में साठ लाख रुपये बीघा के हिसाब से लोगों को जमीन का मुआवजा दिया गया है.

प्रशासन के पास बचे 46 करोड़

सदर बिलासपुर के एसडीएम कम लैंड एक्विजिशन कलेक्टर रामेश्वर दास ने बताया कि जकातखाना के कुछ गांवों में नेगोसिएशन में परेशानियां आई हैं जिन्हें दूर किया जा रहा है. लोगों के साथ सामंजस्य बिठाकर इस कार्य के पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास भी किए जा रहे हैं. उन्होंने माना कि अभी बजट की कमी है और 46 करोड़ ही बचे हैं.

जकातखाना से बिलासपुर और इससे आगे बैरी तक जमीन चयन के लिए सौ करोड़ के बजट की जरूरत है जिसके लिए रेलवे विकास निगम को डिमांड भेजी गई है. उन्होंने बताया कि जकातखाना में पचास लाख प्रति बीघा नैगोसिएशन कर रहे हैं. अभी 46 करोड़ का बजट उपलब्ध है, लेकिन लैंड एक्यूजिशन के लिए अभी 100 करोड़ की जरूरत है. इस बाबत डिमांड रेलवे विकास निगम को भेजी गई है.

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