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निवेश की सर्वोत्तम जगह बना भारत, विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर के पार: अनुराग ठाकुर

केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने भारत को निवेश के लिए सर्वोत्तम जगह बताया है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है कि मोदी सरकार की इंवेस्टमेंट पॉलिसी से भारत इंवेस्टर हेवन बन रहा है. आज कई देशों की बड़ी एमएनसी भारत में निवेश के लिए आगे आ रही हैं.

अनुराग ठाकुर
अनुराग ठाकुर.
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Published : Jul 23, 2020, 7:11 PM IST

शिमला: केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कोरोना के चलते बदली वैश्विक परिस्थितियों में मोदी सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों, विकल्पों के समन्वय, अवसरों की अधिकता व भारतीय बाजार के खुलेपन की वजह से भारत को निवेश के लिए सर्वोत्तम जगह बताया है. केंद्रीय मंत्री ने इससे भारत व वैश्विक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होने की बात कही है.

अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत अवसरों का देश है और भारत के अंदर आपदा को अवसर में बदलने की अनूठी क्षमता है. कोरोना संकट के इस दौर में जब पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था अनिश्चितता व उतार चढ़ाव के दौर से गुजर रही है. ऐसे में मोदी सरकार की प्रभावी आर्थिक नीतियों, विकल्पों के समन्वय, अवसरों की अधिकता व हमारे बाज़ारों के खुलेपन के कारण भारत निवेश के लिए सर्वोत्तम जगह है. आज पूरी दुनिया भारत की तरफ़ आशाभरी निगाहों से देख रही है. पिछले छह सालों में सरकार ने अपनी अर्थव्यवस्था को और खोलने व इसमें निरंतर सुधार करने की दिशा में कई प्रयास किए हैं.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सुधारों से प्रतिस्पर्धा, पारदर्शिता, डिजिटाइजेशन और इनोवेशन को बल देने के साथ-साथ सरकार ने नीतियों में स्थिरता व इसे सुचारु रूप से लागू करने का काम किया है. सरकार ने अपने आत्मनिर्भर भारत अभियान के जरिए दुनिया के सामने प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने, अर्थव्यवस्था को बल देने व आर्थिक समृद्धि को हासिल करने का एक विजन दिया है. मोदी सरकार की इंवेस्टमेंट पॉलिसी से भारत इंवेस्टर हेवन बन रहा है. आज कई देशों की बड़ी एमएनसी भारत में निवेश के लिए आगे आ रही हैं.

वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बनाकर व इंस्पेक्टर राज और लाल फीताशाही के ख़िलाफ कड़ी नीतियां बनाकर उद्योग जगत की चिंताओं को दूर करने का काम किया है. सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती करके इंड्रस्टीज के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं. हर साल भारत में एफडीआई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच रही है. 2019-20 में भारत में एफडीआई प्रवाह 74 अरब डॉलर था, जो पिछले साल की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है. कोरोना महामारी के दौरान भी भारत ने इस साल अप्रैल और जुलाई के बीच 20 अरब डॉलर से ज्यादा का विदेशी निवेश हासिल किया है.

ये भी पढ़ें: पूर्व सांसद सुरेश चंदेल की तबीयत बिगड़ी, गंभीर हालत में बिलासपुर से पीजीआई चंडीगढ़ रेफर

शिमला: केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कोरोना के चलते बदली वैश्विक परिस्थितियों में मोदी सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों, विकल्पों के समन्वय, अवसरों की अधिकता व भारतीय बाजार के खुलेपन की वजह से भारत को निवेश के लिए सर्वोत्तम जगह बताया है. केंद्रीय मंत्री ने इससे भारत व वैश्विक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होने की बात कही है.

अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत अवसरों का देश है और भारत के अंदर आपदा को अवसर में बदलने की अनूठी क्षमता है. कोरोना संकट के इस दौर में जब पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था अनिश्चितता व उतार चढ़ाव के दौर से गुजर रही है. ऐसे में मोदी सरकार की प्रभावी आर्थिक नीतियों, विकल्पों के समन्वय, अवसरों की अधिकता व हमारे बाज़ारों के खुलेपन के कारण भारत निवेश के लिए सर्वोत्तम जगह है. आज पूरी दुनिया भारत की तरफ़ आशाभरी निगाहों से देख रही है. पिछले छह सालों में सरकार ने अपनी अर्थव्यवस्था को और खोलने व इसमें निरंतर सुधार करने की दिशा में कई प्रयास किए हैं.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सुधारों से प्रतिस्पर्धा, पारदर्शिता, डिजिटाइजेशन और इनोवेशन को बल देने के साथ-साथ सरकार ने नीतियों में स्थिरता व इसे सुचारु रूप से लागू करने का काम किया है. सरकार ने अपने आत्मनिर्भर भारत अभियान के जरिए दुनिया के सामने प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने, अर्थव्यवस्था को बल देने व आर्थिक समृद्धि को हासिल करने का एक विजन दिया है. मोदी सरकार की इंवेस्टमेंट पॉलिसी से भारत इंवेस्टर हेवन बन रहा है. आज कई देशों की बड़ी एमएनसी भारत में निवेश के लिए आगे आ रही हैं.

वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बनाकर व इंस्पेक्टर राज और लाल फीताशाही के ख़िलाफ कड़ी नीतियां बनाकर उद्योग जगत की चिंताओं को दूर करने का काम किया है. सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती करके इंड्रस्टीज के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं. हर साल भारत में एफडीआई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच रही है. 2019-20 में भारत में एफडीआई प्रवाह 74 अरब डॉलर था, जो पिछले साल की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है. कोरोना महामारी के दौरान भी भारत ने इस साल अप्रैल और जुलाई के बीच 20 अरब डॉलर से ज्यादा का विदेशी निवेश हासिल किया है.

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