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बालिका दिवस पर ऊना में कार्यक्रम का आयोजन, बेटियों को दिए गए प्रोत्साहन राशि के चेक  

राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) के उपलक्ष्य में सोमवार को ऊना में एक कार्यक्रम का आयोजन किया (Girl Child Day program in UNA) गया. जिसमें वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. कार्यक्रम के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत बालिकाओं को और उनके परिजनों को प्रोत्साहन राशि के चेक भी प्रदान किए गए. इसके अलावा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के बारे में लोगों को जानकारी भी दी गई.

PhotoNational Girl Child Day
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Published : Jan 24, 2022, 3:44 PM IST

ऊना: राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) के उपलक्ष्य में सोमवार को जिला मुख्यालय ऊना के जिला परिषद सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया (Girl Child Day program in UNA) गया. इस मौके पर वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. कार्यक्रम के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत बालिकाओं को और उनके परिजनों को प्रोत्साहन राशि के चेक प्रदान किए गए. इतना ही नहीं, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को मजबूत करने के लिए दुकानदारों को उनकी बेटियों के नाम कारोबार चलाने के लिए साइन बोर्ड भी प्रदान किए गए.

इस दौरान शगुन योजना के तहत 21-21 हजार, बीपीएल परिवारों में जन्मी बेटियों को 12-12 हजार की एफडीआर, गरिमा योजना और ऊना उत्कर्ष योजनाओं के तहत सामाजिक क्षेत्र में बड़ा मुकाम हासिल करने वाली बेटियों को भी वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती (Satpal Satti on Girl Child Day) ने सम्मानित किया. वहीं, जिला परियोजना अधिकारी आईसीडीएस सतनाम सिंह ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को लेकर विभाग द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं का खुलासा किया.

वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती (Satpal Satti in UNA) ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए विभाग और प्रशासन की पीठ भी थपथपाई. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जिला में शून्य से 6 वर्ष तक के बच्चों का लिंग अनुपात बुरी तरह गड़बड़ा गया था. जिला में प्रति एक हजार बालकों के मुकाबले 875 बालिकाएं दर्ज की जाती थी. इसी आंकड़े के चलते देवभूमि का यह जिला देश भर के उन 100 जिलों में शुमार हो चुका था, जहां लिंग अनुपात में भारी अंतर दर्ज किया जा रहा था.

जिसके बाद सरकार और प्रशासन के संयुक्त प्रयासों के चलते बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ (Beti bachao beti padhao Himachal) अभियान को गति प्रदान की गई और वर्तमान में जिला के लिंग अनुपात के आंकड़े काफी सुधरे हैं. जिनमें प्रति 1000 बालकों के मुकाबले 938 बालिकाएं दर्ज की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि आज बेटियां बेटों के मुकाबले किसी भी क्षेत्र में कम नहीं आंकी जा सकती. समाज को अपनी सोच बदलने की जरूरत है और बेटियों को प्रोत्साहित करने के लिए वर्तमान समय में सरकार भी हर संभव मदद उपलब्ध करा रही है.

ये भी पढ़ें: देवभूमि में सचमुच अनमोल है बेटी, सफलता का शिखर चूम रही असली रत्न कन्याएं

ऊना: राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) के उपलक्ष्य में सोमवार को जिला मुख्यालय ऊना के जिला परिषद सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया (Girl Child Day program in UNA) गया. इस मौके पर वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. कार्यक्रम के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत बालिकाओं को और उनके परिजनों को प्रोत्साहन राशि के चेक प्रदान किए गए. इतना ही नहीं, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को मजबूत करने के लिए दुकानदारों को उनकी बेटियों के नाम कारोबार चलाने के लिए साइन बोर्ड भी प्रदान किए गए.

इस दौरान शगुन योजना के तहत 21-21 हजार, बीपीएल परिवारों में जन्मी बेटियों को 12-12 हजार की एफडीआर, गरिमा योजना और ऊना उत्कर्ष योजनाओं के तहत सामाजिक क्षेत्र में बड़ा मुकाम हासिल करने वाली बेटियों को भी वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती (Satpal Satti on Girl Child Day) ने सम्मानित किया. वहीं, जिला परियोजना अधिकारी आईसीडीएस सतनाम सिंह ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को लेकर विभाग द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं का खुलासा किया.

वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती (Satpal Satti in UNA) ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए विभाग और प्रशासन की पीठ भी थपथपाई. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जिला में शून्य से 6 वर्ष तक के बच्चों का लिंग अनुपात बुरी तरह गड़बड़ा गया था. जिला में प्रति एक हजार बालकों के मुकाबले 875 बालिकाएं दर्ज की जाती थी. इसी आंकड़े के चलते देवभूमि का यह जिला देश भर के उन 100 जिलों में शुमार हो चुका था, जहां लिंग अनुपात में भारी अंतर दर्ज किया जा रहा था.

जिसके बाद सरकार और प्रशासन के संयुक्त प्रयासों के चलते बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ (Beti bachao beti padhao Himachal) अभियान को गति प्रदान की गई और वर्तमान में जिला के लिंग अनुपात के आंकड़े काफी सुधरे हैं. जिनमें प्रति 1000 बालकों के मुकाबले 938 बालिकाएं दर्ज की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि आज बेटियां बेटों के मुकाबले किसी भी क्षेत्र में कम नहीं आंकी जा सकती. समाज को अपनी सोच बदलने की जरूरत है और बेटियों को प्रोत्साहित करने के लिए वर्तमान समय में सरकार भी हर संभव मदद उपलब्ध करा रही है.

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