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श्रमिकों की घर वापसी से रोहतक के किसान परेशान, धान की रोपाई पर गहराया संकट

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Published : May 19, 2020, 10:24 PM IST

प्रवासी मजदूरों के पलायन की वजह से रोहतक के किसान परेशान हैं. किसानों का कहना है कि बिना मजदूरों के धान की बुवाई नहीं हो सकती.

rohtak farmers upset due to workers' return home
rohtak farmers upset due to workers' return home

रोहतक: कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन से केवल सरकार और अर्थव्यवस्था को ही नुकसान नहीं हो रहा है. बल्कि लॉकडाउन की वजह से किसानों की भी चिंता बढ़ने लगी है. इन दिनों धान की रोपाई का सीजन है. लेकिन किसान खुश होने के बजाय दुखी नजर आ रहा है.

मजदूरों के पलायन से किसान चिंतित

किसानों के दुखी होने का कारण प्रवासी मजदूरों का पलायन है. लॉकडाउन की वजह से सभी प्रवासी मजदूर पलायन कर चुके हैं और हाल में उनके लौटने के आसार भी नजर नहीं आ रहा है. जिसकी वजह से किसान परेशान हैं.

श्रमिकों की घर वापसी से रोहतक के किसान परेशान

इस बारे में किसान कृष्ण पाल का कहना है कि अबकी बार धान की रोपाई होना मुश्किल है क्योंकि हर साल की तरह इस साल प्रवासी मजदूर नहीं आएंगे. जिसके चलते धान की खेती संभव नहीं दिख रही है.उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते किसानों को काफी नुकसान हो रहा है.

वहीं किसान कुकू ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से सभी मजदूर पलायन कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि वो ठेके पर जमीन लेकर धान की खेती करते हैं. लेकिन इस बार मजदूर नहीं होने की वजह से धान की रोपाई संभव नहीं दिख रही है.

टारगेट पूरा होना मुश्किल

कृषि अधिकारी डॉ. रोहतास ने बताया कि धान की रोपाई पूरी तरह से मजदूरों पर निर्भर होती है. इसलिए अबकी बार टारगेट पूरा होना मुश्किल नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले साल 45 हजार हेक्टेयर का टारगेट रखा गया था. जिसमें 42 हजार हेक्टेयर में धान की बुवाई हुई थी. कृषि अधिकारी ने बताया कि इस बार भी 45 हजार हेक्टेयर धान रोपाई का लक्ष्य रखा गया था लेकिन इस बार टारगेट पूरा होना मुश्किल नजर आ रहा है.

बता दें कि हरियाणा में धान की बुवाई यूपी-बिहार से आए प्रवासी मजदूरों पर निर्भर रहता है. इस बार लॉकडाउन की वजह से सभी प्रवासी मजदूर पलायन कर चुके हैं. जिसकी वजह से जो किसान पहले दस एकड़ में धान की बुवाई करते थे. अब उनकी एक एकड़ की बिजाई होना भी मुश्किल नजर आ रहा है.

इसे भी पढ़ें: हालात सामान्य करने की तरफ बढ़ रही सरकार, बसें चलाने के लिए कई राज्यों को लिखा पत्र- सीएम

रोहतक: कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन से केवल सरकार और अर्थव्यवस्था को ही नुकसान नहीं हो रहा है. बल्कि लॉकडाउन की वजह से किसानों की भी चिंता बढ़ने लगी है. इन दिनों धान की रोपाई का सीजन है. लेकिन किसान खुश होने के बजाय दुखी नजर आ रहा है.

मजदूरों के पलायन से किसान चिंतित

किसानों के दुखी होने का कारण प्रवासी मजदूरों का पलायन है. लॉकडाउन की वजह से सभी प्रवासी मजदूर पलायन कर चुके हैं और हाल में उनके लौटने के आसार भी नजर नहीं आ रहा है. जिसकी वजह से किसान परेशान हैं.

श्रमिकों की घर वापसी से रोहतक के किसान परेशान

इस बारे में किसान कृष्ण पाल का कहना है कि अबकी बार धान की रोपाई होना मुश्किल है क्योंकि हर साल की तरह इस साल प्रवासी मजदूर नहीं आएंगे. जिसके चलते धान की खेती संभव नहीं दिख रही है.उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते किसानों को काफी नुकसान हो रहा है.

वहीं किसान कुकू ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से सभी मजदूर पलायन कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि वो ठेके पर जमीन लेकर धान की खेती करते हैं. लेकिन इस बार मजदूर नहीं होने की वजह से धान की रोपाई संभव नहीं दिख रही है.

टारगेट पूरा होना मुश्किल

कृषि अधिकारी डॉ. रोहतास ने बताया कि धान की रोपाई पूरी तरह से मजदूरों पर निर्भर होती है. इसलिए अबकी बार टारगेट पूरा होना मुश्किल नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले साल 45 हजार हेक्टेयर का टारगेट रखा गया था. जिसमें 42 हजार हेक्टेयर में धान की बुवाई हुई थी. कृषि अधिकारी ने बताया कि इस बार भी 45 हजार हेक्टेयर धान रोपाई का लक्ष्य रखा गया था लेकिन इस बार टारगेट पूरा होना मुश्किल नजर आ रहा है.

बता दें कि हरियाणा में धान की बुवाई यूपी-बिहार से आए प्रवासी मजदूरों पर निर्भर रहता है. इस बार लॉकडाउन की वजह से सभी प्रवासी मजदूर पलायन कर चुके हैं. जिसकी वजह से जो किसान पहले दस एकड़ में धान की बुवाई करते थे. अब उनकी एक एकड़ की बिजाई होना भी मुश्किल नजर आ रहा है.

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