रेवाड़ी: देश भर में फैली कोरोना वायरस महामारी से जंग लड़ने वाले स्वस्थ्य कर्मियों को कोरोना योद्धा का नाम दिया गया है. जो 24 घंटे अपने परिवार से दूर रहकर लोगों की जान बचाने में जुटे हुए है. ऐसे में कोरोना योद्धाओं के परिवार भी इस समस्या से निपटने के लिए एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं.
कोरोना योद्धा का शानदार स्वागत
कोरोना वायरस जांच को लेकर रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल में ब्लड कलेक्शन में अपनी सेवाएं देने वाला यह कोरोना योद्धा रवि युनुस फरवरी महीने से जुटा हुआ है. अब तक 700 के करीब लोगों के कोरोना वायरस जांच के लिए सैंपल ले चुका यह शख्स आज 15 दिनों के आराम के लिए घर पहुंचा. जहां कैंपस के लोगों ने फूल-मालाओं के साथ उसका स्वागत किया.
गीत गाकर बढ़ाया हौसला
कैंपस के लोगों ने 'हम होंगे कामयाब एक दिन'जरूर गीत गाया. छोटे बच्चों ने अपने हाथों में स्लोग्न लिखकर कोरोना योद्धा को सेल्यूट किया वही रवि युनुस की बेटी ने " मेरे पापा मेरे हीरों' वाले स्लोगन से स्वागत किया.
कैंपस के लोगों ने काफी मदद की- युनुस की पत्नी
कोरोना योद्धा रवि युनुस की पत्नी ऋतू युनुस ने कहा कि जब घर का बड़ा सदस्य साथ नहीं होता तो बहुत समस्याएं आती है, लेकिन कैंपस के लोगों ने उनकी हर वक्त मदद कर हिम्मत बढ़ाई. ऋतू ने बताया कि उन्हें यही चिंता रहती थी कि उन्होंने कुछ खाया है या नहीं, हम भी घर पर ठीक से उनके बगैर कुछ खा नहीं पा रहे थे.
युनुस का कहना है कि मेरी बेटी अक्सर पापा को याद करके रोती थी. अब जब यह घर लौटे है तो उन्हें बहुत ख़ुशी हो रही है, लेकिन देश सेवा से बढ़कर कुछ नहीं होता अब 15 दिनों के रेस्ट के बाद फिर से रवि युनुस अपनी सेवाएं देने.
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