नूंहः हरियाणा के नूंह जिले के मुलथान गांव के गरीब किसान की जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है. पीड़ित किसान की 9 मरला जमीन जिसका केस भी वो अदालत में जीत चुका है. केस जीतने के बाद भी प्रशासन उसे जमीन का कब्जा नहीं दिला रहा है. गरीब किसान ने कहा है कि अगर उसे जमीन नहीं मिली तो वो आत्महत्या कर (Farmer forced suicide in Nuh) लेगा. किसान 27 बरस से जमीन पाने के लिये कानूनी लड़ाई लड़ रहा है.
अदालत ने जमीन का फैसला उसके हक में दिया है लेकिन प्रशासन उसे कब्जा नहीं दिला रहा है. किसी भी अधिकारी ने जमीन का कब्जा (Farmer Land possession in Nuh) दिलाने में रूचि नहीं दिखाई. पीड़ित इशाक के कंधों पर 16 सदस्य परिवार की जिम्मेदारी है. उसने दो दशक पहले जमीन का एक टुकड़ा मुल्थान गांव में खरीदा था. ग्राम पंचायत और कुछ ग्रामीणों ने उसमें तालाब बना लिया और अवैध कब्जा कर लिया.
उसने भाईचारे में जमीन लेने की कोशिश की परंतु बात नहीं बनी. मजबूरन गरीब किसान ने इंसाफ के लिए (Farmer plea in Nuh) आलाधिकारियों से लेकर ग्रीवेंस कमेटी के दरवाजे खटखटाए. फैसले भी पक्ष में आए तथा दर्जनों बार जमीन के टुकड़े की पैमाईश भी हुई. पीड़ित ने बताया कि अब तक मेरी जमीन 27 बार पैमाइश हो चुकी है. कई सरकार बदली, ग्रीवेंस के चैयरमेन बदले, कितने डीसी, तहसीलदार बदले. लेकिन मेरा नसीब नहीं बदल सके.
उसने बताया कि लगता है कि इंसाफ इस जन्म में संभव नहीं है. अगले जन्म तक इंतजार करना पड़ेगा. इसलिए गरीब किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहा है. उन्होंने कहा कि उम्र 60 वर्ष से अधिक हो चुकी है. में कमा नहीं सकता जो भी कमाता हूं इन केसों पर खर्च हो जाता है. उसे अब घर का खर्च चलाना भी भारी पड़ रहा है.
पीड़ित गरीब किसान के परिजनों ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हैं. जो भी मजदूरी कर कमाते हैं सब जमीन के केस पर खर्च हो जाता है. सरकार और जिला प्रशासन उनकी गुहार सुनने को तैयार नहीं है. परिवार ने उनकी 9 मरला जमीन का कब्जा दिलाने की प्रशासन से मांग की है.
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