कैथल: उल्टा चोर कोतवाल को डांटे यह कहावत तो आपने सुनी होगी. ये कहावत कैथल पुलिस पर बिल्कुल सटीक बैठती है. क्योंकि सेवा सुरक्षा सहयोग का नारा देने वाले कैथल पुलिस अब आरोपियों को शरण देने लगी है. यह हम नहीं बल्कि डीएफएससी के अधिकारी कह रहे हैं. पुलिस पर आरोप लगा है कि वह आरोपी पर मामला दर्ज करने की बजाय उल्टा डीएफएससी कार्यालय के अधिकारियों को धमकी देते हैं कि उनके ऊपर ही मामला दर्ज कर (Police Threatened DFSE Officer In Kaithal) देंगे.
दरअसल ये पूरा मामला करीब 4 महीने पहले का है. उस दौरान कैथल के एक डिपो होल्डर ने सरकार की तरफ से गरीबों को मिलने वाले राशन को हड़प कर लाखों रुपये का गबन किया था. जब लोगों को राशन नहीं मिला तो उन्होंने इसकी शिकायत डीएफएसई से की. इस मामले में डीएफएससी कार्यालय ने शिकायत मिलते ही आरोपी डिपो होल्डर के खिलाफ जांच की. जांच में डिपो होल्डर दोषी पाया गया. जब डीएफएसई विभाग के अधिकारियों द्वारा इस मामले में एफआईआर कराने की कोशिश की गई तो पुलिस ने उनकी एक ना सुनी.
जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएसई) में कार्यररत अधिकारी विक्रम शर्मा ने बताया कि डिपो होल्डर ने सरकारी राशन का दुरुपयोग करते हुए न केवल हरियाणा प्रदेश की एनएफएसए स्कीम के तहत बटने वाला राशन हड़पा बल्कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत वितरण होने वाला राशन भी हड़प लिया. आरोपी डिपो होल्डर ने आठ क्विंटल 61 किलोग्राम बाजरा, दो क्विंटल 10 किलोग्राम गेहूं, 112 लीटर सरसों का तेल, 34 क्विंटल 30 किलोग्राम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का राशन, एक किलो 40 किलोग्राम चीनी, 34 किलो गेहूं हरियाणा सरकार का हड़पा है.
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विक्रम शर्मा ने बताया कि वह पिछले 4 महीनों से पुलिस के साथ पत्राचार कर रहे हैं लेकिन पुलिस ने अभी तक भी एफआईआर दर्ज नहीं की है. इसके साथ ही स्वयं डीएफएसई कैथल ने भी 4 अप्रैल को कैथल एसपी को पत्र लिखा था. दुर्भाग्य से तब भी दोषी के खिलाफ अब तक भी कोई मामला दर्ज नहीं हुआ. शर्मा ने बताया कि उनके अधिकारी व कर्मचारी जब मामला दर्ज करवाने के लिए सिविल लाइन थाने में गए तो वहां के पुलिसकर्मियों ने उनको धमकाते हुए कहा कि हम डिपो होल्डर से पहले आप पर मुकदमा दर्ज करेंगे. जिसको लेकर कर्मचारी अब पुलिस के पास जाने से कतरा रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि लोगों को सेवा सुरक्षा सहयोग का नारा देने वाली पुलिस जब सरकारी अधिकारियों के साथ ही ऐसा व्यवहार कर रही है तो फिर आम जनता के लिए क्या उम्मीद की जा सकती है.
बता दें कि इससे पहले भी कैथल पुलिस द्वारा कई ऐसे मामले सामने आ चुके है जब सरकारी दफ्तरों के पत्रों पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है. अब देखना होगा कि 4 महीने पहले डिपो होल्डर द्वारा किए गए गबन के आरोप में एफ आई आर दर्ज करने के पत्र पर कार्रवाई न करने को लेकर कैथल के एसपी संबंधित पुलिस कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई करते हैं या फिर पत्राचार का यह खेल आगे भी यूं ही चलता रहेगा और आरोपी को पुलिस का यूं ही सरक्षण मिलता रहेगा.
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